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भक्ति भाव के साथ मना अमृत महोत्सव

भक्ति भाव के साथ मना अमृत महोत्सवश्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में हुआ कार्यक्रम का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटनाहरे कृष्णा-हरे रामा, राम-रामा हरे हरे…एसके मेमोरियल हॉल में हर किसी की जुबान पर बस यही जाप था. शनिवार को यहां इस्कॉन पटना के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस्कॉन-50 अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. शाम से […]

भक्ति भाव के साथ मना अमृत महोत्सवश्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में हुआ कार्यक्रम का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटनाहरे कृष्णा-हरे रामा, राम-रामा हरे हरे…एसके मेमोरियल हॉल में हर किसी की जुबान पर बस यही जाप था. शनिवार को यहां इस्कॉन पटना के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस्कॉन-50 अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया. शाम से ही इस्कॉन के इस कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए लोग अपनी जगह पर बैठे थे और हरे कृष्ण-हरे कृष्ण का जाप कर रहे थे. कार्यक्रम की शुरुआत इस्कॉन के भक्तों ने कीर्तन गा कर किया. सभी भक्तों ने भी कीर्तन गाये. यहां मुख्य अतिथि के रूप में यूएसए से आये टेंपल कंस्ट्रक्शन कमेटी के चेयरमैन एचजी राधा जीवन प्रभु ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अमृत महोत्सव की शुभकामनाएं दी. मौके पर जोनल सेक्रेटरी एचजी देवकीनंदन प्रभु ने लोगों को इस्कॉन के बारे में बताया. दर्शक इस्कॉन के बारे में जानने को काफी उत्सुक थे और हर बात पर कृष्ण का जयकारा लगा रहे थे. मौके पर अतिथि के रूप में आचार्य सुदर्शन जी महाराज और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मौजूद थे. सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और भगवान कृष्ण की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया गया. नृत्य में दिखी भगवान की लीलाअमृत महोत्सव में कई कार्यक्रम पेश किये गये. इसमें निनाद की डायरेक्टर नीलम चौधरी व उनकी शिष्याओं ने समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें सबसे पहले वंदना की गयी. इसके बाद इस ग्रुप ने ‘अधुरम-मधुरम, गीतम मधुरम, मधुरम बुद्धम, मधुरम रूपम…’ के बोल पर एक शानदार प्रस्तुति दिखा कर लोगों का मन मोह लिया गया. फिर, इस ग्रुप ने कृष्ण भगवान की लीला दिखायी और कृष्ण की पूरी कथा को कत्थक नृत्य के माध्यम से भावपूर्ण प्रस्तुत किया. इसमें कृष्ण का जमुना के पार जाना, माखन चोरी, गोपियों संग रासलीला और होली में उनकी चुहलबाजी की भावपूर्ण प्रस्तुति की गयी. कृष्ण की प्रस्तुति देख सभी दर्शक उसमें डूब से गये थे. अपनी प्रस्तुति देने से पहले ही नीलम चौधरी ने कहा कि यह बहुत ही सुखद संयोग है कि कृष्ण के मंदिर में हमें नृत्य करने का मौका मिला है. हमारे कत्थक नृत्य को नटवरी नृत्य कहा जाता है. कथा कहनेवालों को कत्थक कहते हैं. हमारे नृत्य में कृष्ण की कथा है. कृष्ण की वंदना है, उनका दशावतार है. अधर्म का नाश करने कृष्ण कई रूप में आते हैं.इस्कॉन के 50 सालों की यात्राइस्कॉन-50 अमृत महोत्सव के कार्यक्रम में लोगों को इस्कॉन के बारे में कई तरह की बातें जानने का मौका मिला. यहां बताया गया कि इस्कॉन की स्थापना 1966 में स्वामी प्रभुपाद जी महाराज ने की थी. 50 वर्ष पूरे हो जाने के उपलक्ष्य में यह महोत्सव मनाया जा रहा है. इस मौके पर एलएन पोद्दार ने इस्कॉन का 50 साल हो गया है और पटना में मंदिर का विकास तेजी से हो रहा है. इसे बनाने में सभी लोगों को सहयोग करना चाहिए. मुंबई से आये जोनल सेक्रेटरी देवकीनंदन दास कहते हैं कि भक्ति ही जीवन का सार है. जन्म-मृत्यु, जरा-व्याधि के चक्र से मुक्ति का यही एकमात्र साधन है. यह मंदिर एक आध्यात्मिक अस्पताल है. वहीं राजा जीवनदास ने बताया कि इस्कॉन की 700 से अधिक शाखाएं हैं. इसके संस्थापक आचार्य प्रभुपाद 70 वर्ष की अवस्था में वृंदावन धाम को छोड़कर गीता और भागवत का संदेश लेकर अमेरिका गये थे और श्री चैतन्य महाप्रभु की कृपा को उन्होंने सारे विश्व में फैलाया. यहां इस्कॉन के अध्यक्ष कृष्ण कृपादास, डायरेक्टर कम्यूनिकेशन नंदगोपाल दास के साथ इस्कॉन के सभी सदस्य मौजूद थे.

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