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दियारा में खूब हुई पतंगबाजी

दियारा में खूब हुई पतंगबाजीपर्यटन विभाग ने पतंग उत्सव 2016 का आयोजन किया लाइफ रिपोर्टर पटनाआसमान में उड़ता बाघ… उसके पीछे 60 फीट का ड्रैगन हवा में तैरता हुआ…फिर शेर, फिर कई तरह के कार्टून कैरेक्टर हवा में कलाबाजियां करते नजर आये. लोग इन्हें देख हर्षित थे. जी हां, ये कैरेक्टर पतंग के रूप में […]

दियारा में खूब हुई पतंगबाजीपर्यटन विभाग ने पतंग उत्सव 2016 का आयोजन किया लाइफ रिपोर्टर पटनाआसमान में उड़ता बाघ… उसके पीछे 60 फीट का ड्रैगन हवा में तैरता हुआ…फिर शेर, फिर कई तरह के कार्टून कैरेक्टर हवा में कलाबाजियां करते नजर आये. लोग इन्हें देख हर्षित थे. जी हां, ये कैरेक्टर पतंग के रूप में आकाश में चौकड़ी भर रहे थे. यह अनोखा दृश्य देखने को मिला गंगा दियारा में, जहां शुक्रवार को बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने पांच दिवसीय पतंग उत्सव 2016 का आयोजन किया. लोगों को आकर्षित करने के लिए शेर, बाघ, ड्रैगन और कई तरह के कार्टून जैसे कैरेक्टर वाले पतंगों को उड़ाया गया, जिसे देखने के लिए लोगों का उत्साह बढ़ता गया. मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन विभाग की मंत्री अनिता देवी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति और गंगा माता को हमेशा शुभ माना जाता है. इस पावन जगह पर हमलोग मकर संक्रांति का त्योहार मना रहे हैं. पूरे देश में इस पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. कहीं पोंगल, तो कहीं लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है, वहीं बिहार में मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर पर्यटन विभाग के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा सहयोग दिया. यहां अधिकारियों और अतिथियों के लिए चूड़ा, दही, तिलकुट व खिचड़ी के भोज की भी व्यवस्था की गयी थी. गीतों से बांधा समांमकर संक्रांति के अवसर पर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया गया. शुरुआत पटना कला संग्रह की टीम के स्वागत गीत से हुई. इसके बाद गायक शक्ति पाठक ने साजन-साजन मैं करूं… मारो साजन जीव जरे… पधारो म्हारे देश, केसरिया बालम पधारो… जैसे गीत सुना कर श्रोताओं का मन मोह लिया. फिर, बिहार का नाम रौशन करने वाले केशव त्योहार ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा. उन्होंने शुरुआत-गंगा तेरा पानी अमृत… से की. इसके बाद, ढिल दे दे रे भईया… मोहे रंग दे गेरुआ…बदन पे सितारे लपेटे हुए… जैसे कई गीतों को सुना कर लोगों को झूमा दिया. खुले आकाश तले गुनगुनी धूप में लोगों ने इस कार्यक्रम का खूब आनंद लिया. यह पांच दिवसीय कार्यक्रम है, जो 15 जनवरी से 19 जनवरी तक चलेगा. इसमें हर दिन लोगों को 12 से 3 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने का मौका मिलेगा.अहमदाबाद से आये प्रोफेशनल पतंगबाजइस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोफेशनल पतंगबाजों को बुलाया गया था. उन्होंने पतंगबाजी में कई तरह के करतब दिखाये. यहां अहमदाबाद से वाइब्रेंट काइट क्लब के पकंज पनेरिया, उपेंद्र पनेरिया और कश्यप ब्रह्म भट्ट आये हैं. वे श्रीलंका, दूबई, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में भी पतंगबाजी का कमाल दिखा चुके हैं. मौके पर पकंज पनेरिया ने बताया कि पटना आ कर बहुत अच्छा लगा क्योंकि यहां काफी अच्छा स्पेस मिला है. साथ ही आम लोगों का उत्साह देखने लायक है. ज्यादातर लोग पतंगबाजी करते दिख रहे हैं. लोगों में पतंग उड़ाने और डोर पकड़ने की अच्छी समझ है. यहां 60 फीट का ड्रैगन है, कैमेंडो प्रोग्राम, स्पॉन्स बॉब, पायलट काइट और फैशेनेबल के साथ कार्टून कैरेक्टर में बड़े साइज के पतंग आसमान में उड़ रहे थे.पतंगबाजी का लिया आनंददियारा में लोगों को ज्यादा जगह मिली. इसलिए इस खास दिन को खास तरीके से सेलिब्रेट किया. वैसे तो यह जगह किसी पिकनिक स्पॉट और मेले से कम नहीं लगी, लेकिन ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग पतंगबाजी में डूबे हुए थे. एक तरफ कार्यक्रम चल रहा था, तो दूसरी तरफ लोग पतंगबाजी का आनंद ले रहे थे. यहां बच्चों से लेकर बड़े लोगों ने भी पतंगबाजी करने में पूरी दिलचस्पी दिखायी. यहां कई लोगों को मुफ्त में भी पतंग और लटाई बांटी गयी, तो कई लटाई, पतंग और धागा खरीद कर पतंगबाजी के रेस में शामिल हुए. यहां 5 से 25 रुपये में पतंग और 50 से 200 रुपये तक की लटाई बेच रहे थे, जिसकी खरीदारी पूरे दिन होती रही. आसमान में उड़ते लाल, पीले, हरे ,नीले जैसे रंग-बिरंगे पतंग देख लोग इसे कैमरे में कैद कर रहे थे.हर तरफ दिखी मस्तीदियारा में मस्ती रुकने का नाम नहीं ले रही थी. लोग अपने-अपने ग्रुप में भरपूर मस्ती कर रहे थे. यहां ऊंट की सवारी करने की व्यवस्था भी की गयी थी. कई लोग ऊंट की सवारी करते हुए फोटो सेशन करा रहे थे. वहीं कई लोगों ने फुटबॉल, बैडमिंटन और कबड्डी जैसे खेल खेलते हुए बहुत मस्ती की. लोगों की सुविधा के लिए कई जगह बांस की कुटिया बनी हुई थी. साथ ही रेत की बनी बुद्ध की मूर्ति, डॉल्फिन और मनेर की दरगाह भी देखने को मिली, जहां सभी सेल्फी लेने में व्यस्त दिखे. लोगों से बातचीतमुझे यहां आ कर बहुत अच्छा लग रहा है. यहां का वातावरण बहुत शुद्ध है. फैमिली के साथ समय बिताने में मजा आ रहा है. ऐसी जगहों पर आते रहना चाहिए. दियारा में खुद-ब-खुद मन फ्रेश हो जाता है. इसलिए मैं हर साल यहां आती हूं.सृष्टि, नया टोलाहमलोग अहमदाबाद से आये हैं. देश-विदेश में पतंगबाजी करने के लिए जाते हैं. यहां अच्छा माहौल देखने को मिल रहा है. दो दिनों तक पतंगबाजी की, पहले दिन गांधी मैदान में और दूसरे दिन दियारा में. मुझे दोनों जगह काफी पसंद आयी.पकंज पनेरिया, पतंगबाज, अहमदाबाद मैं दियारा में ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहली बार आयी हूं. यहां आ कर दिल खुश हो गया. मुझे नहीं मालूम था कि इस तरह से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. मेरा बस चले तो मैं हर दिन यहां आना चाहती हूं.एस परवीन, राजेंद्र नगरमैं आर्ट कॉलेज का स्टूडेंट हूं. इस बार छह स्टूडेंट्स ने मिल कर मनेर की दरगाह बनायी. इसे बनाने में दो दिन का समय लगा. मेरे साथ चक दे, विपिन, विक्की और संजय कुमार ने भी इसे बनाने में अपना पूरा सहयोग दिये. इसे बना कर खुद में अच्छा लग रहा है.विक्रम कुमार, कलाकार, आर्ट कॉलेज

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