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इतने कम शक्षिकों के सहारे कैसे हो पायेगा लागू

इतने कम शिक्षकों के सहारे कैसे हो पायेगा लागूफ्लैग : सीबीसीएस पर पूटा ने कहा – अगले सत्र से सीबीसीएस लागू करने का कुलपति दे चुके हैं निर्देशसंवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर मतभेद अभी से शुरू हो गया है. पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (पूटा) ने इसका विरोध किया […]

इतने कम शिक्षकों के सहारे कैसे हो पायेगा लागूफ्लैग : सीबीसीएस पर पूटा ने कहा – अगले सत्र से सीबीसीएस लागू करने का कुलपति दे चुके हैं निर्देशसंवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर मतभेद अभी से शुरू हो गया है. पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (पूटा) ने इसका विरोध किया है. पूटा ने कहा है कि विवि में आधे से भी कम शिक्षकों के सहारे सीबीसीएस को चलाना भी मुश्किल हो जायेगा और बिना पूर्व तैयारी के विवि में इसे लागू करना ठीक नहीं. इसके लिए सरकार व विवि को पहले प्रोपर इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं और शिक्षकों की पर्याप्त संख्या को पूरा करना होगा, तभी इसे लागू किया जा सकता है, वरना पूरा सिस्टम ही गड़बड़ हो जायेगा. इसको लेकर विवि में पहले चर्चाएं होनी चाहिएपूटा के महासचिव प्रो अनिल कुमार ने कहा है सीबीसीएस के तहत 30 प्रतिशत असेसमेंट विभाग के शिक्षकों को ही करना है. इसमें कई लेवल पर उनकी मॉनीटरिंग करनी होती है. इसके अतिरिक्त ग्रेडिंग व प्वाइंंट का जोड़-घटाव अलग से करना होगा. हर विभाग में शिक्षक की संख्या ठीक रहती, तो कई बात नहीं थी, पर अभी विवि में स्थिति यह है कि किसी-किसी विभाग में एक या दो शिक्षक ही हैं और उन्हीं के सहारे विभाग चल रहा है. ऐसे में वे लोग इसे कैसे कर पायेंगे. वे क्लास का रूटीन कैसे मैनेज करेंगे. सीबीसीएस में यह भी प्रावधान है कि साइंस पढ़ने वाला छात्र अगर आर्ट्स विषय का कोई विषय पढ़ना चाहे, तो वह पढ़ सकता है. एेसे में शिक्षकों पर पहले से जो भार है वह रहेगा ही, दूसरे स्ट्रीम के छात्रों को भी उन्हें ही देखना होगा. अनिल कुमार ने कहा कि कोई भी नई चीज छात्रों की बेहतरी के लिए ही होता है, पर बगैर किसी तैयारी के हड़बड़ी में उसे लागू करने से कोई फायदा नहीं हो पायगा. इस संबंध में बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि सीबीसीएस लागू करने में कई तरह की परेशानियां हैं, इसलिए जरूरी है कि इसे लागू करने से पहले इसको लेकर विवि में चर्चाएं होनी चाहिए. इसके लिए कई लेवल पर विचार-विमर्श का आवश्यकता है. शिक्षकों व छात्रों दोनों को इससे कोई बड़ी परेशानी न हो, इसे भी देखना होगा. सभी विभागाध्यक्षों से उनके संकाय के डीन के सुपरविजन में एक महीने के भीतर सब ठीक कर लेने का निर्देश दिया गया है, ताकि सीबीसीएस को लागू किया जा सके. चूंकि यूजीसी व राजभवन दोनों का दबाव है, तो विवि को इसे लागू करना ही होगा. जो भी जरूरी कदम उठाने होंगे, वे उठाये जायेंगे. प्रो संजय कुमार सिन्हा, रजिस्ट्रार, पीयू

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