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830 रुपये की जांच 12 हजार में कराने को मजबूर हैं मरीज

830 रुपये की जांच 12 हजार में कराने को मजबूर हैं मरीज- आइजीआइएमएस में इको और ओटीसी जांच मशीन खराब- हृदय और आंख रोग से मरीजों को झेलनी पड़ रही है परेशानीसंवाददाता, पटनाइंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के हाल पर प्रधान सचिव आरके महाजन की नाराजगी के बाद भी अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं […]

830 रुपये की जांच 12 हजार में कराने को मजबूर हैं मरीज- आइजीआइएमएस में इको और ओटीसी जांच मशीन खराब- हृदय और आंख रोग से मरीजों को झेलनी पड़ रही है परेशानीसंवाददाता, पटनाइंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के हाल पर प्रधान सचिव आरके महाजन की नाराजगी के बाद भी अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा है. अस्पताल में हृदय रोग की जांच करने वाली इको मशीन और रेटिना की बीमारी का पता लगानेवाली ओसीटी मशीन महीनों से खराब है. नतीजा दिल और आंख के मरीजों को बाहर महंगी दरों पर जांच करानी पड़ रही है. अस्पताल में इन मशीनों से जांच कराने के लिए 830 रुपये देने पड़ते थे. लेकिन, यही जांच बाहर कराने पर 10 से 12 हजार रुपये खर्च होते हैं. कई ऐसे गरीब मरीज हैं जो इस खर्च को वहन नहीं कर पा रहे. वे लंबे समय से मशीनों के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं. कई बीमारियों की होती है जांचइको मशीन से हृदय रोग के मरीजों की जांच होती है. दिल में छेद, सीने में इनफेक्शन आदि की अंदरूनी जांच इस मशीन से की जाती है. जांच के बाद तुरंत पता चल जाता है कि मरीज को हृदय रोग से संबंधित कौन सी बीमारी है. इसी प्रकार ओटीसी यानी ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी मशीन मरीजों को आंख की जांच में सुविधा प्रदान करती है. इस मशीन से आंख के परदे, पुतली और काला मोतिया बिंद की जांच होती है. इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों की डायग्नोसिस और ग्लूकोमा आदि बीमारी का पता लगाने में भी यह मशीन कारगर साबित होती है. क्या कहते हैं अधिकारीमरीजों को सुविधा मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन कई आधुनिक मशीनें लगाने जा रही है. 25 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल के कई विभागों के लिए नयी मशीने और उपकरण खरीदे जा रहे हैं. दो महीने के अंदर मशीनें लगा दी जायेंगी. डॉ एनआर विश्वास, डायरेक्टर आइजीआइएमएसइनका कहना हैओटीसी मशीन खासकर ग्लूकोमा के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है. इससे रेटिना की बीमारी का पहले ही पता चल जाता है. मरीजों की सुविधा मिले इसके लिए मशीन को ठीक कराना जरूरी है. बाहर जांच काफी महंगी है.डॉ सुनील कुमार सिंह, सदस्य शासकीय निकाय, आइजीआइएमएस

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