पटना: दूरदर्शन की सहायक निदेशिका रत्ना पुरकायस्था द्वारा दर्ज कराये गये मानसिक प्रताड़ना मामले में मंगलवार को सहयोगी प्रोग्राम एक्जिक्यूटिव डॉ. नवीन कुमार प्रसाद महिला हेल्पलाइन पहुंचे. दोपहर डेढ़ बजे हेल्पलाइन कार्यालय पहुंचे नवीन से वहां करीब एक घंटे तक पूछताछ की गयी. उन्होंने परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी को पूछताछ के क्रम में घटना की पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कार्यालय के काम को लेकर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था. 22 नवंबर को विभाग की ओर से पत्रचार की कार्रवाई हुई. इसके तहत 29 नवंबर को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया. लेकिन अचानक चार दिसंबर को रत्ना जी ने शास्त्रीनगर थाने में मामला दर्ज करा दी.
दोनों पक्षों का एक साथ मौजूद होना जरूरी: महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला ने दो बज कर छह मिनट पर रत्ना पुरकायस्था को फोन लगा कर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा. इस पर रत्ना ने किसी भी तरह की संयुक्त बैठक करने से इनकार कर दिया. प्रमिला ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों का होना जरूरी है. जब तक संयुक्त बैठक नहीं होगी. किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकेगी.
यह है मामला: गौरतलब है कि दूरदर्शन की सहायक निदेशक रत्ना पुरकायस्था ने शनिवार को मानसिक प्रताड़ना के खिलाफ मंत्री श्याम रजक के खिलाफ महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने अपने सहयोगी प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव डॉ नवीन कुमार प्रसाद पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, श्याम रजक के फोन से देख लेने और अभद्र बात करने का आरोप लगाया था.