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राजद बदल देगा पार्टी का 26 साल पुराना हेगड़े का बनाया संविधान
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में मिली भारी सफलता के बाद राजद ने अपने संगठन को धारदार बनाने की तैयारी तेज कर दी है. पंचायत स्तर पर संगठन के चुनाव के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी 26 साल पुरानी पार्टी के संविधान को बदल देगा. 1989 में कनार्टक […]
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में मिली भारी सफलता के बाद राजद ने अपने संगठन को धारदार बनाने की तैयारी तेज कर दी है. पंचायत स्तर पर संगठन के चुनाव के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी 26 साल पुरानी पार्टी के संविधान को बदल देगा.
1989 में कनार्टक के पूर्व सीएम राम कृष्ण हेगड़े ने जनता दल के लिए संविधान बनाया था. पांच जुलाई, 1997 को जदयू का विभाजन हो गया और लालू प्रसाद के नेतृत्व में राजद का गठन किया गया. उन्होंने हेगड़े द्वारा बने संविधान में ही तत्काल मामूली संशोधन के साथ स्वीकार कर लिया.
संविधान में तय किये जा रहे प्रावधानों के बारे में नेताअों ने बताया कि पार्टी में छात्र या युवा के लिए अलग से सदस्यता का प्रावधान नहीं किया जायेगा. सभी को पार्टी की ही सदस्यता लेनी हाेगी. इसलिए सदस्यता के लिए उम्र में कमी करने का निर्णय लिया जायेगा. पार्टी अब अपने संविधान में विभिन्न प्रकोष्ठों को गठित करने का प्रावधान कर रही है. अब तक नेताओं की मरजी पर प्रकोष्ठों का गठन कर लेने पर कोइ रोक नहीं था. पार्टी के संविधान को बदलने के बारे में राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि फिलहाल संविधान में संशोधन के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं. तय तो राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यसमिति के निर्णय से ही होगी.
संवैधानिक प्रावधान के अनुसार ही कमेटी का गठन
राजद नेताओं ने बताया कि एक ओर राजद में संगठनात्मक चुनाव के आखिरी कार्यक्रम 17 जनवरी के समारोह की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर जगदानंद सिंह, चितरंजन गगन, विधायक भोला यादव और पार्टी के कोषाध्यक्ष कुमार राकेश रंजन की कमेटी संविधान में संशोधन की तैयारी कर रहे हैं. राजद नेताओं ने बताया कि अब तक पार्टी की राज्य कार्यकारिणी में 64 सदस्य के प्रावधान हैं. इसी प्रकार राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी 64 सदस्य का ही प्रावधान किया गया है.
इसमें महासचिव दस, सचिव दस, उपाध्यक्ष तीन, कोषाध्यक्ष एक और एक प्रधान महासचिव बनाने का प्रावधान है. अब इसमें कम-से-कम 10 से 15 सदस्यों की बढ़ोतरी की जायेगी. संविधान में यह भी तय किया जा रहा है कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार ही कमेटी का गठन होगा. अब तक महासचिव और सचिव के पद प्रावधान से अधिक तय लिया जाता था.
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