23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुपर स्पेशियलियटी अस्पताल खुद बीमार

सुपर स्पेशियलियटी अस्पताल खुद बीमारफोटो सरोज देंगे- राजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ठप है पैथोलॉजी जांच की सुविधा- मरीजों को बाहर से लाना पड़ रहा लेंस, कटी रही जेबआनंद तिवारी, पटनाराजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी आइ हॉस्पीटल मरीजों को समुचित उपचार मुहैया कराने की जगह खुद बीमार प्रतीत हो रहा है. डॉक्टर नदारद हैं. जांच […]

सुपर स्पेशियलियटी अस्पताल खुद बीमारफोटो सरोज देंगे- राजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ठप है पैथोलॉजी जांच की सुविधा- मरीजों को बाहर से लाना पड़ रहा लेंस, कटी रही जेबआनंद तिवारी, पटनाराजेंद्र नगर सुपर स्पेशियलिटी आइ हॉस्पीटल मरीजों को समुचित उपचार मुहैया कराने की जगह खुद बीमार प्रतीत हो रहा है. डॉक्टर नदारद हैं. जांच मशीनें खराब हैं. बेड फटे हैं और परिसर में गंदगी का अंबार लगा है. मरीजों का समय पर इलाज नहीं हो रहा है. जिनका इलाज हो भी रहा है वे भी बाहर से लेंस खरीदने और जांच कराने को मजबूर हैं. बंद हैं जांच सुविधा, लुट रहे मरीजमरीजों की सुविधा के लिए यहां पैथोलॉजी जांच के लिए ऑटो केमेस्टरी एनालाइजर मशीन लगायी गयी है. लेकिन, मशीन पिछले कई महीनों से खराब है. इस वजह से मरीजों को बाहर से जांच कराना पड़ रहा है. इससे उनका बजट गड़बड़ा रहा है. अस्पताल सूत्रों की माने तो छह महीने से बीएमएसआइसीएल से कैमिकल की सप्लाई नहीं हो रही है. डॉक्टर नहीं, बाहर लगता है लेंसआंख के मरीजों को लेंस लगाने के लिए डॉक्टर ही मौजूद नहीं हैं. अस्पताल के कुछ स्टाफ भी मरीजों को बाहर की दुकानों में भेज देते हैं. ऐसे में मरीज बाहर से लेंस लेने को मजबूर हो जाते हैं. भरती होने से डरते हैं मरीजमोतियाबिंद का ऑपरेशन कराये लोग भरती होने के बजाये बाहर कही प्राइवेट रूम या फिर अपने घर चले जाते हैं. अस्पताल के सभी बेड फट चुके हैं. साफ-सफाई और हाइजीन का भी ध्यान नहीं रखा जाता है. स्थिति यह है कि पूरे परिसर में गंदगी का अंबार फैला हुआ है. मरीजों की आपबीतीअस्पताल के एक कर्मचारी ने खास दुकान से लेंस लेने को कहा था. कहा गया कि कहीं और से लेंस लेना ठीक नहीं रहेगा. अस्पताल में बढ़िया लेंस उपलब्ध हैं, लेकिन ये मरीजों को मिलते नहीं हैं.अंशु कुमार मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए पिछले 15 दिनों से अस्पताल का गुहार लगा रहा था. 16वें दिन ऑपरेशन किया गया. बहुत असुविधा है. मरीजों का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता है.रामजीत प्रसाद यहां बहुत अव्यवस्था है. मरीज मरे या जिंदा रहे इसकी फिक्र किसी को नहीं हैं. आगे से किसी को भी इस अस्पताल में आने की सलाह नहीं दूंगी. यह बहुत खराब अस्पताल है.सावित्री देवीअस्पताल एक नजर में- 2008 में सुपर स्पेशियलिटी आइ हॉस्पीटल बनाने की हुई थी घोषणा- 400 मरीज पहुंचते हैं यहां रोजाना इलाज कराने- मोतियाबिंद का ऑपरेशन और लेंस प्रत्यारोण किया जाता हैक्या कहते हैं अधिकारीकेमिकल की कमी के चलते मशीन नहीं चल पा रही है, यही वजह है कि जांच सिस्टम बंद है. अगर पूरी मात्रा में केमिकल मिलती है तो मशीन चलेगी साथ ही सभी व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी.डॉ नरेश कुमार भीमसारिया, निदेशक, राजेंद्र नगर अस्पताल\\\\B

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें