पटना : संस्थागत प्रसव में पटना की बदतर स्थिति को देखते हुए अब लापरवाह आशा कार्यकर्ताओं पर गाज गिरनेवाली है. सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को खराब परफॉरमेंस वाले आशा की लिस्ट बनाने के लिए कहा है. इस रिपोर्ट में छह महीने की पूरी रिकार्ड रहेगी, जिसके बाद कार्रवाई होगी. डीएम संजय अग्रवाल ने स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में विशेष तौर पर आशा की कोताही पर रिपोर्ट मांगी है.
मसौढ़ी और पालीगंज में नहीं होता सिजेरियन : समीक्षा के दौरान जानकारी मिली कि अभी मसौढ़ी और पालीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा नहीं है. बाकी के अस्पतालों का भी परफॉरमेंस खराब है. डीएम ने सिविल सर्जन को सभी अस्पतालों में एनेस्थेसिया विशेषज्ञों की नियुक्ति का निर्देश दिया है ताकि वहां सिजेरियन ऑपरेशन शुरू हो. इसके साथ सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में स्वास्थ्य प्रबंधक की भी नियुक्ति की जायेगी.
दो प्रभारियों का दस प्रतिशत वेतन कटा : परिवार नियोजन में खराब िस्थति के कारण दुल्हिन बाजार और खुसुरूपुर के प्रभारी से शो-कॉज मांगते हुए अस्पताल प्रबंधक के वेतन में दस प्रतिशत की कटौती की गयी है. सभी पीएचसी में समय से राशि नहीं स्थांतरित होने के कारण जिला लेखा प्रबंधक और एंबुलेंस खराब रहने के कारण खुसरूपुर, पुनपुन, बिहटा, बेलछी, पंडारक, दानापुर और नौबतपुर पीएचसी के मैनेजरों के वेतन में भी दस प्रतिशत की कटौती की गयी है और इसके साथ जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी का भी वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है. इसकी वजह यह है कि उन्होंने योजनाओं के संंबंध में कोई कार्यान्वयन नहीं किया.