– वैशाली जिला पर्षद के कर्मचारी अशोक कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, राज्य सरकार से मांगा जवाब
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि अधिकारी और बड़े पद धारी लाल बत्ती लगी गाड़ियों से घुमते हैं लेकिन निचले स्तर के कर्मचारियों को वेतन के भी लाले क्यों पड़ रहे हैं. कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी वैशाली जिला पर्षद के कर्मचारी अशोक कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी है.
न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने 19 जनवरी को सरकार से स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को वेतन लंबित रहने की पूरी जानकारी मांगी है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि अशोक कुमार सिंह को 2011, 2012, 2013 और 2014 में वेतन नहीं मिले. सरकार की ओर से कहा गया कि स्थानीय निकायों को सरकार तीस प्रतिशत राशि देती है. चालीस प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. बाकी के तीस प्रतिशत स्थानीय निकाय खुद इंतजाम करती है.
सरकार ने जिला पर्षद कर्मियों के वेतन मद में पचास करोड़ से अधिक की राशि का आवंटन कर चुकी है. याचिचकाकर्ता के वकील ने कहा कि नयी व्यवस्था के तहत स्थानीय निकायों के वेतन आदि के लिए राज्य सरकार को 70 प्रतिशत राशि उपलब्ध करानी है. बाकी के तीस प्रतिशत खुद निकायों को सृजित करना है. पूरे मामले की सुनवाई 19 जनवरी को होगी.