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कवायद: निगरानी विभाग में होगी बहाली, चार्टर्ड एकाउंटेंट जांचेंगे राज्य कर्मियों की संपत्ति

पटना: सरकारी कर्मियाें की संपत्ति पर अब सरकार की पैनी नजर होगी. आय से अधिक अर्जित संपत्ति को जब्त किया जायेगा. बल्कि, बेनामी और अवैध तरीके से कमाई चल और अचल संपत्ति बेचना भी गुनाह के दायरे में होगा. इतना ही नहीं अवैध और बेनामी संपत्ति को खरीदनेवाले भी कानून के दायरे में आयेंगे. चोरी […]

पटना: सरकारी कर्मियाें की संपत्ति पर अब सरकार की पैनी नजर होगी. आय से अधिक अर्जित संपत्ति को जब्त किया जायेगा. बल्कि, बेनामी और अवैध तरीके से कमाई चल और अचल संपत्ति बेचना भी गुनाह के दायरे में होगा. इतना ही नहीं अवैध और बेनामी संपत्ति को खरीदनेवाले भी कानून के दायरे में आयेंगे. चोरी के गहने और अन्य सामान खरीदनेवाले पर चलनेवाले आपराधिक मुकदमा की तरह भ्रष्ट कर्मियों की संपत्ति को खरीदना भी अपराध माना जायेगा. इसके लिए पूर्व से बनी मनी लाउंडरिंग काननू के तहत खरीदनेवाले के उपर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. राज्य सरकार निगरानी विभाग को चार्टर्ड एकाउंटेंट भी उपलब्ध करायेगी. इसके लिए अलग से विज्ञापन जारी किया जायेगा.
चार्टर्ड एकाउंटेंट का काम सरकार कर्मियों की संपत्ति के ब्योरे की बारीकी से जांच करनी होगी. एक अप्रैल से अगले साल 31 मार्च के भीतर किसी कर्मचारी की बढ़ी हुई आय और उनके द्वारा खरीदी गयी सपंत्ति की कीमत का मिलान किया जायेगा. सिर्फ पैतृक संपत्ति और पूर्व की अर्जित जमीन या मकान की सरकारी कीमत में बढ़ोतरी के मामले में राहत दी जायेगी. इसमें अंतर आनेवाले कर्मियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया जायेगा.
अभी सरकार के समक्ष निवेश और कर्मचारियों की संपत्ति के ब्योरे की जांच की कोई कारगर
व्यवस्था नहीं है. कर्मचारियों के रिकार्ड फाइलों में दफन हैं. इस बार से कर्मियों को आॅनलाइन ब्योरा भेजने को कहा गया है.
मैट्रिक, इंटर और विवि डिग्रियां होंगी आॅनलाइन
निगरानी विभाग फरजी डिग्री के आधार पर नौकरी पानेवालों के खिलाफ भी कारगर कदम उठाने जा रहा है. विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को अपने पास उपलब्ध अब तक के अंक पत्र और प्रमाण पत्रों को आॅनलाइन करने को कहा है. इससे फरजी डिग्री वाले शिक्षकों की जांच में तेजी आयेगी और आनेवाले दिनों में नियोजन के समय ही सभी डिग्री जांच कर लिये जायेंगे. इसके लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और इंटरमीडिएट के अंक पत्रों को आॅनलाइन करने तथा लीगेसी डाटा को जारी करने का निर्देश दिया है.
फरजी अंक पत्रों पर नौकरी की बढ़ रही घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को तीस साल तक पुराने अंक पत्र व प्रमाण पत्रों को आॅनलाइन करने का अनुरोध किया गया है. विश्वविद्यालयों को भी ऐसा अनुरोध किया गया है. इससे किसी भी बहाली के दौरान मौके पर ही फरजी डिग्री की जांच कर ली जायेगी.
विजय प्रकाश, प्रधान सचिव निगरानी विभाग

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