नहीं साकार हो सका सर गणेश दत्त का सपना- सर गणेश दत्त स्कॉलरशिप चालू करने के लिए पीयू ने नहीं किया कोई प्रयास 13 जनवरी को मनेगी सर गणेश दत्त की 149वीं जयंती 13 जनवरी, 2014 को इसे चालू करने का हुआ था फैसला 1968 में बंद कर दी गयी थी सर गणेश दत्त स्कॉलरशिप अभी ट्रस्ट के दो एकाउंट मिला कर सात लाख, 84 हजार, 230 रुपये जमा हैं 1968 में बंद हो गया था स्कॉलरशिप देने की योजना निर्धन स्टूडेंट्स के लिए मिलनेवाले इस स्कॉलरशिप फंड में आम लोग भी अपनी इच्छा से इस फंड में अनुदान दे सकते हैं अनुराग प्रधान, पटना पीयू में 47 वर्षो से बंद पड़े सर गणोश दत्त स्कॉलरशिप स्टूडेंट्स को मिले इसके लिए एक बार पुन: प्रयास शुरू हो गया है. इस स्कॉलरशिप के लिए हमेशा से लड़ाई लड़ने वाले पीयू सिंडिकेट सदस्य डॉ नीतीश कुमार टनटन चार जनवरी को कुलपति से मुलाकात कर अपनी मांग रखेंगे. डॉ नीतीश कुमार टनटन ने कहा कि 13 जनवरी को पीयू में धूमधाम से सर गणेश दत्त की 149वीं जयंती मनायी जाये. इसके साथ ही पीयू व्हीलर सिनेट हॉल का नाम सर गणेश दत्त सिंह हॉल होना चाहिए. पीयू सिंडिकेट की बैठक 16 सितंबर 2013 व 26 अक्तूबर 2013 में हुए निर्णय को अविलंब लागू किया जाये. ‘सर गणेश दत्त ट्रस्ट फंड कोष’ कमिटी की बैठक दिनांक 13 जनवरी 2014 में हुए फैसले को कार्यांवित किया जाये. इसके साथ सर गणेश दत्त सिंह की मूर्ति स्थापित किया जाये. उन्होंने कहा इतनी मांग कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री के पास रखी जायेगी. अगर मांग पर विचार नहीं होगा तो आगे अब अपने तरीके से विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 149 जयंती के मौके पर निर्धण स्टूडेंट्स को लाभ मिल सके इसके लिए प्रायास जारी रहेगा. पीयू प्रशासन की लापरवाही के कारण यह स्कॉलरशिप अभी तक बंद है. अगर इसे चालू कर दिया जाता है तो इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा. 13 जनवरी 2014 को कुछ यूं हुआ था सर गणेश दत्त की 147वीं जयंती 13 जनवरी 2014 को कुलपति की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. उसमें सत्र 2014-15 से स्कॉलरशिप देने का फैसला हुआ था. मई 2014 में आवेदन निकाले की बात हुई थी. यह स्कॉलरशिप पीयू के यूजी व पीजी सभी विषय में पढ़ने वाले निर्धन स्टूडेंट्स को दिया जायेगा, यह निर्णय सर गणोश दत्त स्कॉलरशिप के लिए बनायी गयी 12 सदस्यीय कमेटी ने लिया था. बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिये गये थे. जैसे पीयू में प्रत्येक वर्ष 13 जनवरी को सर गणोश दत्त जयंती धूम-धाम से मनायी जायेगी. इस जयंती के मौके पर यूनिवर्सिटी में सेमिनार भी होगा. और इस कमेटी की बैठक हरेक तीन माह पर होगी. लेकिन, इसमें कोई भी फैसला लागू नहीं हो पाया. बैठक में हुई थी लंबी बात डॉ नीतीश कुमार टनटन ने कहा कि सर गणोश दत्त ट्रस्ट स्कॉलरशिप फंड के नाम से दो बैंक एकाउंट एसबीआइ चौहट्टा ब्रांच में है. दोनों एकाउंट मिला कर सात लाख, 84 हजार, 230 रुपया इस फंड में जमा है. अगर पीयू सही समय पर स्कॉलरशिप चालू करती तो अनुदान के लिए सरकार से भी सहयोग मांगा जाता, लेकिन सिनेट और सिंडिकेट से मोहर लगने के बाद भी पीयू लापरवाही कर रही है. उन्होंने कहा कि सर गणेश दत्त के नाती गजानंद शाही ने भी इस फंड में पांच लाख रुपये सहयोग की बात कही थी. वहीं विंदेश्वरी पाठक ने भी इसमें सहयोग करनी बात कही है. उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ ले चुके हैं और वह ऋण नहीं लौटा पाये वह अपने इच्छा से इसे लौटा सकते हैं. जो लोग इसका लाभ उठा चुके है और वह इस दुनिया में नहीं है उनके परिजन भी इच्छा से ऋण लौटा सकते हैं. लेकिन इसका भी लेटर पीयू डीएसडब्ल्यू द्वारा जारी होना चाहिए. पैसा नहीं रहने के कारण बंद हुआ था स्कॉलरशिप 14 अप्रैल 1933 को सर गणोश दत्त ट्रस्ट स्कॉलरशिप फंड के नाम से यह स्कॉलरशिप चालू हुआ था. जब यह योजना शुरू हुई तब सर गणेश दत्त बिहार-ओडिशा सरकार में मंत्री थे. इसमें दत्त अपने वेतन के चार लाख जमा कर इसकी शुरुआत की थी. यही नहीं अपना घर भी पीयू को दान दे दिया था. यह स्कॉलरशिप निर्धन स्टूडेंट्स को ऋण के रूप में दी जाती थी. जिसे बाद में लौटानी थी. लेकिन कई लोगों ने इसे नहीं लौटाया. यह स्कॉलरशिप 1968 तक चला था. स्कॉलरशिप की राशि लेकर पढ़ने वाले बहुत कम स्टूडेंट्स ने पैसे वापस किये थे. पैसों की कमी के कारण स्कॉलरशिप बंद हो गया. नीतीश कुमार टुनटुन ने बताया कि विंदेश्वरी पाठक, रामशरण शर्मा, सीपी ठाकुर, अनमोल सिन्हा, खग्रेंद्र कुमार के अलावा कई लोगों ने स्कॉलरशिप लेकर पढ़ाई की थी लेकिन, उन्होंने पैसा नहीं लौटाया.
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