पटना: डॉ रजनीश रंजन की हत्या घरेलू विवाद में की गयी. हत्या के पीछे संपत्ति विवाद भी हो सकता है. पुलिस जल्द हत्यारों तक पहुंच जायेगी. यह दावा है सिटी एसपी जयंत कांत का.
उन्होंने कहा कि अब तक की छानबीन में हत्या में लूटपाट के कहीं से भी संकेत नहीं मिले हैं. छानबीन में यह भी पता चला है कि उनसे कभी रंगदारी नहीं मांगी गयी थी. पुलिस उनके परिजनों से पूछताछ कर हत्यारों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. डॉ रजनीश के छोटे बहनोई त्रिभुवन प्रसाद, जो उनके साथ ही काम किया करते थे, से भी पुलिस ने पूछताछ कर कुछ सुराग हासिल किया है. चालक अशोक से पूछताछ में भी कुछ सुराग मिले हैं.
घटना के दिन अशोक डॉ रजनीश को बहादुरपुर गुमटी के पास छोड़ कर त्रिभुवन प्रसाद व उनके बेटे हर्षवर्धन को छोड़ने श्याम मंदिर के पास गया था. इस बीच, डॉ रजनीश बहादुरपुर गुमटी के पास से कुछ खरीदारी करने के बाद पैदल ही रामाकुंदन अपार्टमेंट स्थित अपने घर लौट रहे थे. वह अपार्टमेंट के गेट के समीप ही पहुंचे कि पहले से घात लगाये अपराधियों ने पीछे से उनकी पीठ में कट्टे से सटा कर एक गोली मार दी. गोली उनकी छाती को बेधते हुए निकल गयी. कुछ देर तक वह घटनास्थल पर ही गिरे रहे. जब लोगों को पता चला, तो उन्हें तुरंत उठा कर कांटी फैक्टरी स्थित नोवेल अस्पताल ले गये, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
छुटभैये अपराधियों के शामिल होने का शक : हत्या में छुटभैये अपराधी जो अक्सर कट्टा लेकर अपने इलाके में लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया करते हैं, के शामिल होने का शक है. जिस तरीके से उनकी हत्या की गयी, उससे लगता है कि अपराधी उनका पीछा बहादुरपुर गुमटी के समीप से ही कर रहे थे. घर के समीप जैसे ही वह पहुंचे, पीछे से सटा कर पीठ में गोली मार दी और फरार हो गये. घटना में दो से ज्यादा अपराधियों के शामिल होने का भी शक नहीं है. इन अपराधियों को सुपारी किसने दी, इसका खुलासा उनके पकड़े जाने के बाद ही हो पायेगा. बहादुरपुर इलाके में सक्रिय कई छुटभैये अपराधियों के इतिहास खंगालने में पुलिस लग गयी है. घटना के आसपास की कई स्लम बस्तियां हैं, जहां ऐसे अपराधियों का स्थायी ठिकाना है. पुलिस डॉ रजनीश की संपत्ति के ब्योरे के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. इन संपत्तियों में कौन-कौन हिस्सेदार हैं, इसकी भी जांच की जा रही है.