Advertisement
हड्डी के दर्द को कभी इग्नोर न करें
कॉफी विद डॉक्टर. प्रभात खबर व पारस एचएमआरआइ की ओर से हड्डी रोग और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट पर हुई चर्चा इन दिनों हड्डी के दर्द से हर कोई परेशान है़ उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डी रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है़ शरीर में कैल्शियम की कमी से भी जोड़ों का दर्द होता है़ शनिवार […]
कॉफी विद डॉक्टर. प्रभात खबर व पारस एचएमआरआइ की ओर से हड्डी रोग और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट पर हुई चर्चा
इन दिनों हड्डी के दर्द से हर कोई परेशान है़ उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डी रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है़ शरीर में कैल्शियम की कमी से भी जोड़ों का दर्द होता है़ शनिवार को पारस अस्पताल में कॉफी विद डॉक्टर के तहत हड्डी रोग व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट पर चर्चा हुई़ इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने स्पेशलिस्ट डॉक्टर से अपनी-अपनी परेशानियां शेयर कीं, जिन्हें उचित सलाह िमली़ डॉक्टर के जवाब से वहां मौजूद लोग काफी संतुष्ट दिखे़ पढ़िए लोगों ने अपनी परेशानी से जुड़े कैसे-कैसे सवाल किये और डॉक्टर ने उन्हें क्या-क्या दी सलाह.
डॉ जॉन मुखोपाध्याय और निशिकांत कुमार ने किया मरीजों की समस्या को दूर
पटना सहित पूरे बिहार से सैकड़ों की संख्या में जुटे लोग, रोग की पहचान व उपाय पाकर हुए संतुष्ट
पटना : आपकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, वैसे ही हड्डी भी पुरानी होती जाती है. बढ़ती उम्र का कारण है कि बिहार सहित पूरे भारत में हड्डी रोग के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं, दूसरा कारण जागरूकता और कैल्शियम की कमी भी है. कैल्शियम की कमी के कारण यंग एज में भी हड्डी कमजोर हो जाती है, जिससे फ्रैक्चर या ज्वाइंट पेन की समस्या बन जाती है.
यह कहना है पारस अस्पताल के हड्डी रोग व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञ डॉ जाॅन मुखोपाध्याय का. शनिवार को प्रभात खबर और पारस एचएमआरआइ की ओर से आयोजित काफी विद् डॉक्टर की शृंखला में हड्डी और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट रोग पर चर्चा के दौरान डॉ मुखोपाध्याय ने पटना सहित पूरे बिहार से आये सैकड़ों की संख्या में जुटे लोगों को सलाह दी. डॉ मुखोपाध्याय ने लोगों को ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के प्रति जागरूक किया. कार्यक्रम का संचालन तुलिका मिनी ने किया.
हड्डी रोग में केवल दवा ही काफी नहीं
लोगों की समस्या और उपाय बताते हुए डॉ जॉन मुखोपाध्याय ने कहा कि बैक पेन और ज्वाइंट पेन में लोग नाॅर्मल दर्द की दवा खाकर काम चला लेते हैं. उन्होंने कहा कि दवा का असर कुछ देर के लिए रहता है.
जैसे ही असर खत्म हो जाये, तो दर्द फिर से शुरू हाे जाता है, नतीजा बाद में एक बड़ा रोग जन्म ले लेता है. उन्होंने कहा कि हड्डी रोग के इलाज में केवल दवाओं की कोई भूमिका नहीं है. किसी भी मरीज के हड्डी टूटने, घुटने में खराबी आने और पीठ की नस दबने पर सिर्फ नश्तर चलाना ही इलाज है. हड्डी की बीमारी में दवाओं से अधिक फिजियोथिरपी की भूमिका अहम होती है.
डॉ मुखोपाध्याय ने कहा कि अधिकांश हड्डी रोग के इलाज में ऑपरेशन ही एकमात्र इलाज होता है. किसी भी व्यक्ति की हड्डी टूट जाये, घुटने में खराबी हो अथवा कहीं का नस पर दबाव हो जाये, तो इसे किसी भी दवा से दूर नहीं किया जा सकता है. इसके लिए समय पर डॉक्टर से मिलकर चेकअप कराना चाहिये, ताकि सही रोग का पता चल जाये.
शराब और स्मोकिंग ने बढ़ाया गठिया रोग
कार्यक्रम में सबसे अधिक संख्या गठिया रोग से पीड़ित मरीजों की थी. सवाल पूछे जाने के बाद पारस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ निशिकांत कुमार ने कहा कि इन दिनों यंग एज में भी गठिया रोग के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उन मरीजों की संख्या अधिक है, जो स्मोकिंग और शराब का सेवन अधिक करते हैं. स्मोकिंग व शराब के सेवन से गठिया रोग का जन्म होता है.
वहीं, महिलाओं की बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद आस्टोप्रोसेस रोग की शिकायतें अधिक होती हैं, एेसे में ज्वाइंट पेन और बैक पेन की समस्या बढ़ जाती है. बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं को रेगुलर दवा का सेवन करना चाहिये. खाने-पीने व रहन-सहन के कारण भी लोग परेशानी में आ रहे हैं तथा ज्यादा पेन किलर खाना भी खतरनाक सािबत हो रहा है़
कोई गठिया, तो कोई फ्रैक्चर से था परेशान
हड्डी और ज्वाइंट के दर्द से बचना है तो 20 से 40 वर्ष की आयु में अधिक से अधिक कार्य करने के साथ सेहत ठीक रखने के लिए व्यायाम करें. वरना 45 साल बाद हड्डी से जुड़े अलग-अलग रोग शुरू हो जायेंगे. इसलिए हड्डी रोग के बचाव के लिए जागरूक रहें. ये बातें पारस एचएमआरआइ के हड्डी एवं ज्वाइंट रोग विशेषज्ञ डॉ जाॅन मुखोपाध्याय ने लोगों से कहीं. पटना सहित पूरे बिहार से आये मरीजों में कोई गठिया तो कोई पैर के फ्रेक्चर होने से संबंधित सवाल पूछे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement