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थाने के अंदर दारोगा ने बाप-बेटे को बेंत से पीटा

थाने के अंदर दारोगा ने बाप-बेटे को बेंत से पीटा – फुलवारीशरीफ थाने के अंदर चिट-फंड कंपनी के नाम पर की गयी पिटाई- बाप की हालत खराब, बेटे के शरीर पर चोट के निशान – एसएसपी के पास पहुंचे पीड़ित, कार्रवाई की लगायी गुहार – एसएसपी ने फुलवारीशरीफ एएसपी को दिया जांच का जिम्मा संवाददाता, […]

थाने के अंदर दारोगा ने बाप-बेटे को बेंत से पीटा – फुलवारीशरीफ थाने के अंदर चिट-फंड कंपनी के नाम पर की गयी पिटाई- बाप की हालत खराब, बेटे के शरीर पर चोट के निशान – एसएसपी के पास पहुंचे पीड़ित, कार्रवाई की लगायी गुहार – एसएसपी ने फुलवारीशरीफ एएसपी को दिया जांच का जिम्मा संवाददाता, पटना फुलवारीशरीफ थाने के अंदर दारोगा एसएस दूबे ने बेंत से चिट फंड कंपनी चलाने के आरोपित मो राजू (फुलवारी) व उसके 13 वर्षीय नाबालिग बेटे को बेंत से पीटा. इससे मो राजू की हालत काफी खराब हो गयी और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. वहीं नाबालिग बेटे के शरीर पर भी कई जगहों पर चोट के निशान हैं. ये निशान बताते हैं कि उसकी कितनी बेरहमी से पीटा गया है. यह घटना 21 दिसंबर की है. घटना से डरा-सहमा पूरा परिवार एसएसपी मनु महाराज के पास पहुंचा और कार्रवाई करने की गुहार लगायी. एसएसपी ने मामले को काफी गंभीरता से लेते फुलवारीशरीफ एएसपी राकेश कुमार को मामले की जांच करने का निर्देश दिया और जल्द-से-जल्द रिपोर्ट देने को कहा. उन्होंने बताया कि जांच के बाद ही हकीकत का पता चलेगा. अगर आरोप सत्य होगा तो आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. बहन ने दी लिखित शिकायत नाबालिग की बहन सबीना खातून ने मंगलवार को एसएसपी को लिखित शिकायत दी, जिसमें उसने बताया कि उसके पिता पर मुहल्ले के कुछ लोगों ने चिट फंड कंपनी अपने घर में चलाने का झूठा केस फुलवारीशरीफ थाने में कर दिया था, जबकि उसका भाई एक चिट फंड कंपनी से जुड़ा था और वह केवल एजेंट था. कंपनी भाग गयी तो लोगों ने पैसा मांगना शुरू कर दिया. उन लोगों ने धीरे-धीरे सभी का पैसा वापस भी करने की बात स्वीकार कर ली, लेकिन उन लोगों ने झूठा केस कर दिया. इसमें उसके पिता मो राजू तीन माह जेल भी रह चुके हैं. इसके बाद वे जमानत पर रिहा हुए. जमानत मिलने के बाद भी पिटाईजमानत मिलने के बावजूद केस करनेवाले मो मुनीर हसन, फैजान गनी, जमाल मिस्त्री व निजाम मिस्त्री फुलवारीशरीफ थाने के दारोगा एसएस दूबे को लेकर बराबर आते हैं और डराते हैं. 13 दिसंबर को भी वे लोग उसके घर पर पहुंचे और पकड़ कर थाना ले जाने लगे. जमानत का कागज दिखाने के बाद भी पुलिस उन्हें नहीं छोड़ रही थी. इसके बाद मुहल्लेवालों के कहने पर उन्हें छोड़ा गया. इसके बाद फिर 21 दिसंबर को तीन बजे वे लोग पुलिस को साथ लेकर पहुंचे और पिता व नाबालिग भाई को पकड़ कर अपने साथ थाने ले गये. वहां दूबे जी ने मेरे छोटे भाई और पिता को बहुत मारा-पीटा. इसके कारण पिता की तबीयत खराब हो गयी और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भरती कराना पड़ा, जबकि मेरे छोटे भाई के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं.

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