पटना: पटना विवि के कर्मचारियों की तीन दिनों से चल रही हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गयी. कुलपति प्रो अरुण कुमार सिन्हा के आश्वासन पर कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी. पटना विवि कर्मचारी संघ ने विवि प्रशासन को 15 दिसंबर तक का समय देकर हॉस्टल खाली कराने की मांग की है.
संगठन ने कहा कि अगर इस बीच हॉस्टल खाली नहीं हुए और मारपीट के दोषी दो छात्रों को निष्कासित नहीं किया गया, तो इस बार पूरे विवि में कामकाज ठप कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर विवि कर्मचारियों को सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता है, तो कर्मचारी भी अपना काम नहीं करेंगे. वहीं, दूसरी ओर शुक्रवार को हॉस्टल खाली नहीं कराया जा सका.
नहीं हुए कार्यालय संबंधी कार्य : शुक्रवार को कॉलेज में कार्यालय का कामकाज लगभग ठप रहा. हालांकि कुछ कक्षाएं हुईं. हॉस्टल खाली कराने को लेकर भी प्रशासन की ओर से कोई नहीं आया. पुलिस चौकी इंचार्ज रंजीत कुमार ने कहा कि कॉलेज अगर एक्शन ले, तो पुलिस सुरक्षा देने को तैयार है, लेकिन पुलिस स्वयं हॉस्टल खाली कराने नहीं जायेगी. उधर, कर्मचारी लगातार तीसरे दिन भी धरने पर बैठे रहे.
वे हॉस्टल खाली कराने और दोनों छात्रों को कॉलेज से निष्कासित करने की मांग पर अड़े थे. प्राचार्य रासबिहारी सिंह के मनाने पर भी नहीं मानें. इसके बाद विवि से अधिकारियों की पूरी टीम धरनास्थल पर आयी और हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया. कर्मचारियों ने कुलपति से कहा कि हॉस्टल के छात्रों ने कॉलेज और विवि कैंपस को अपने गिरफ्त में ले लिया है. धरने में अब्बास, गौतम, अमिष, मनीष, उग्रानंद मिश्र, रघुराम, मुकेश समेत कई कर्मचारी शामिल थे. इस अवसर पर विवि कर्मचारी संघ के महासचिव विनोद मिश्र भी उपस्थित थे.
उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर तक हॉस्टल खाली नहीं होता है, तो विवि में भी तालाबंदी कर दी जायेगी. धरना समाप्त कराने पटना विवि के कुलपति प्रो अरुण कुमार सिन्हा के अलावा विवि के रजिस्ट्रार प्रो बलराम तिवारी, डीन कार्यानंद पासवान, प्राचार्य प्रो रासबिहारी सिंह, वीरेंद्र झा समेत कई अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे थे.