उन्होंने कहा कि राज्य में मद्य निषेध लागू करने की अपनी योजना के बारे में मैं पूरी तरह दृढ़ हूं. यह मेरी प्रतिबद्धता है और राज्य की लाखों महिलाएं ऐसा चाहती हैं. उन्होंने कहा, इससे जिनका रोजगार जारहा है, वह मिल्क दूध का दुकान ले सकते हैं. सरकार संवेदनशील है और सभी चीजों को ध्यान में रख कर फैसला ले रही है. इनमें से ज्यादातर दुकानें महत्वपूर्ण स्थानों पर हैं.
हजारों स्वयं सहायता समूह इस कदम को सफल बनाने में सरकार की सहायता करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नशा मुक्ति केंद्र भी खोल रही है, ताकि शराब के आदी लोगों की मदद की जा सके. नीतीश ने माना कि एक अप्रैल से लागू होने वाले मद्यनिषेध के पहले चरण में उनकी सरकार को करीब 3000 से 3500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. साथ ही कहा कि हमारी सरकार चुनौती से निबटने के लिए तैयार है. मालूम हो कि राज्य सरकार ने पहले चरण में देशी और मसालेदार शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.