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तारकेश्वर की बोलेरो ”गटक” गये दोनों गाड़ी एजेंसी वाले
प्रियदर्शी मोटर्स सगुना मोड़ और रोहित ऑटोमोबाइल्स की साजिश में बुरे फंसे तारकेश्वर पटना : दस्तावेजों के खेल में तारकेश्वर प्रसाद राय के सात लाख फंस गये हैं. बोलेरो खरीदने के लिए उन्होंने प्रियदर्शी मोटर्स को पैसे दिये थे, लेकिन पूरी साजिश के तहत उनका पैसा फंसा दिया गया है. मामला दो गाड़ी एजेंसियों के […]
प्रियदर्शी मोटर्स सगुना मोड़ और रोहित ऑटोमोबाइल्स की साजिश में बुरे फंसे तारकेश्वर
पटना : दस्तावेजों के खेल में तारकेश्वर प्रसाद राय के सात लाख फंस गये हैं. बोलेरो खरीदने के लिए उन्होंने प्रियदर्शी मोटर्स को पैसे दिये थे, लेकिन पूरी साजिश के तहत उनका पैसा फंसा दिया गया है.
मामला दो गाड़ी एजेंसियों के बीच उलझ गया है. इसमें प्रियदर्शी मोटर्स और रोहित ऑटोमोबाइल्स की मिलीभगत की बू आ रही है. अपनी फरियाद के लिए चक्करघिनी बने तारकेश्वर ने भी ठान लिया है कि पैसा उन्हें हर हाल में चाहिए. तारकेश्वर ने प्रभात खबर को बताया कि इस लड़ाई को वह आगे ले जायेंगे.
प्रभात खबर में खबर छपी, तो दानापुर डीएसपी ने लिया संज्ञान : 18 दिसंबर के प्रभात खबर के अंक में पेज नंबर चार पर यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी. इसका इंपैक्ट देखने को मिला है.
एक साल से दौड़ लगा रहे तारकेश्वार को थोड़ी-सी राहत तब मिली, जब खबर प्रकाशित होने के बाद डीएसपी दानापुर राजेश कुमार ने उन्हें बुलवाया और पूरा मामला समझा. डीएसपी ने आश्वासन दिया है कि आरोपितों की गिरफ्तारी करायेंगे और पैसा भी रिटर्न होगा.
प्रियदर्शी मोटर्स
प्रियदर्शी मोटर्स के मालिक निखिल प्रियदर्शी ने प्रभात खबर को आठ पेज का दस्तावेज भेज कर सफाई दी है कि वह तारकेश्वर के सात लाख रुपये को रोहित ऑटोमोबाइल्स के नाम से भेज चुके हैं. तारकेश्वर द्वारा लिखे गये आवेदन भी शामिल हैं. कहना है कि जब भुगतान रोहित ऑटोमोबाइल्स को हाे गया है, तो गाड़ी वही डिलिवरी करेंगे.
रोहित ऑटोमोबाइल्स
रोहित ऑटोमोबाइल्स आरा के मालिक रीतेश का कहना है कि उनका प्रियदर्शी के यहां 20 लाख का बकाया चल रहा था. पैसा नहीं निकल रहा था, जो डीडी उन्हें प्रियदर्शी के नाम से मिला, उसे उन्हाेंने अपने बकाये में एडजेस्ट कर लिया. प्रियदर्शी के तरफ से काेई पत्र उन्हें नहीं मिला है कि इसके बदले गाड़ी देना है. तारकेश्वर को उन्हाेंने लिखित पत्र दे दिया गया है कि वह गाड़ी नहीं दे पायेंगे.
इस फर्जीवाड़े को समझें
तारकेश्वर प्रसाद राय ने जनवरी 2015 में गाड़ी बुकिंग के दौरान एक लाख रुपये और 6,09992 की डीडी प्रियदर्शी मोटर्स सगुना मोड़ को दिया था. शर्त के अनुसार 24 जनवरी को गाड़ी डिलिवरी नहीं करायी गयी. अप्रैल में तारकेश्वर को प्रियदर्शी मोटर्स द्वारा फोन करके बुलाया गया.
उनसे कहा गया कि उनका पैसा व डीडी रोहित ऑटो मोबाइल्स आरा के नाम से दिया जा रहा है, आप वहां जाकर गाड़ी ले लें, पर अब तक नहीं िमली़
इस दौरान तारकेश्वर से एक आवेदन लिखवाया गया. इसमें तारकेश्वर ने लिखा है कि उनकी रोहित ऑटोमोबाइल्स से बात हो गयी है, उन्हाेंने रिक्वेस्ट किया है कि उनका पैसा और डीडी रोहित ऑटोमोबाइल्स के नाम से जारी किया जाये, जिससे वह गाड़ी वहां से प्राप्त कर सके. इसके बाद प्रियदर्शी मोटर्स द्वारा पूरे पैसे का रोहित ऑटो मोबाइल्स के नाम से डीडी बनवाया गया और तारकेश्वर को भेज दिया गया.
तारकेश्वर को मौखिक आश्वासन मिला कि तीन दिन में जब पैसा एकाउंट में आ जायेगा, तो वह गाड़ी देंगे. लेकिन, जब पैसा खाते में आ गया, तो रोहित ऑटोमोबाइल्स के मालिक रीतेश ने गाड़ी देने से मना कर दिया और कहा कि उनका 20 लाख प्रियदर्शी के यहां बाकी है, इसलिए इस पैसे को अडजेस्ट कर रहे हैं. इसके बदले तारकेश्वर को उन्होंने लिखित पत्र दिया है कि वह गाड़ी क्यों नहीं दे रहे हैं.
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