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पास में ही तो जाना है, फिर हेलमेट की क्या जरूरत?

पास में ही तो जाना है, फिर हेलमेट की क्या जरूरत?लाइफ रिपोर्टर पटनामेरा घर बगल में ही है, मैं दवा लाने के लिए निकला हूं, इसलिए हेलमेट नहीं लगाया. मेरा हेलमेट आज सुबह ही टूट गया, नया लेना है… इन दिनों हेलमेट चेकिंग के दौरान हेलमेट न लगाने वाले लोग कुछ ऐसा ही बहाना करते […]

पास में ही तो जाना है, फिर हेलमेट की क्या जरूरत?लाइफ रिपोर्टर पटनामेरा घर बगल में ही है, मैं दवा लाने के लिए निकला हूं, इसलिए हेलमेट नहीं लगाया. मेरा हेलमेट आज सुबह ही टूट गया, नया लेना है… इन दिनों हेलमेट चेकिंग के दौरान हेलमेट न लगाने वाले लोग कुछ ऐसा ही बहाना करते नजर आ रहे हैं. सच बात तो यह है कि उन्हें हेलमेट लगाने की आदत ही नहीं है. ऐसे में जब वे पकड़े जाते हैं, तो कभी दवा लाने का, तो कभी घर पास में रहने का बहाना करते हैं. ऐसे में कभी-कभी पुलिस भी उनकी बातों में आ कर उन्हें छोड़ देती है, तो कभी उनके ऊपर फाइन लगता है. यह सिलसिला हमेशा से जारी रहता है, लेकिन मंगलवार को शहर के कई कोने में बाइक चेकिंग के दौरान किसी को नहीं छोड़ा गया. इस दिन बच्चे हो या बड़े, ट्रिपल लोडिंग का मामला हो या विदआउट हेलमेट सभी को पकड़ कर उन पर कानूनी कार्रवाई की गयी. कई लोगों को फाइन भी देना पड़ा. कई स्टूडेंट्स की एग्जाम भी मिस हो गयी. इतना कुछ होने के बाद भी, जब बुधवार को प्रभात खबर ने जायजा लिया, तो सड़क पर ऐसे कई लोग मिले, जो नियमों की परवाह किये बगैर बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहे थे. लड़कियां भी हैं आगेविदआउट हेलमेट हो या ट्रिपलिंग या फिर बिना लाइसेंस की गाड़ी चलाना, इन सब कामों में लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी बराबर की कसूरवार हैं. शहर के कई कॉलेजों और स्कूलों के पास व मार्केट में ऐसी लड़कियां दिखी, जो बिना हेलमेट के गाड़ी चला रही थी. कुछ लड़कियां तो एक स्कूटी पर ट्रिपलिंग कर जाती दिखी. ऐसा रोज होता है. ऐसी लड़कियों को भी जब कभी पुलिस पकड़ती है, तो वे भी तरह-तरह के बहाने करती हैं. इस बारे में एस के पुरी की सुप्रिया कहती हैं कि हेलमेट पहनने से बाल खराब हो जाते हैं, इसलिए हेलमेट नहीं लगाती हूं. वहीं बोरिंग रोड की अर्चना ने बताया कि हेलमेट लगाने से जोकर जैसे दिखते हैं, इसलिए हेलमेट चेकिंग के दौरान ही लगाती हूं.फैशन और स्टाइल के लिए नहीं लगाते हेलमेटहेलमेट न लगाने का सबसे बड़ा कारण फैशन और स्टाइल भी है. कई लोगों से बात करने पर पता चला कि खास कर यूथ इसलिए हेलमेट नहीं लगाते क्योंकि उनका हेयर स्टाइल खराब हो जाता है और अच्छे खासे चेहरे को छुपाना पड़ता है. वहीं टीनेजर्स कहते हैं कि हेलमेट लगाने से अंकल वाली फिलिंग आती हैं, इसलिए हेलमेट नहीं लगाते हैं. साथ ही कई लोग कहते हैं कि हेलमेट स्टाइलिश बाइक पर ही सूट करता है. नॉर्मल स्कूटी में अजीब दिखते हैं. हेलमेट होते हुए भी नहीं लगातेशहर में कुछ लोग ऐसे भी देखे गये हैं, जिनके पास हेलमेट होते हुए भी वे हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं. ऐसे में उन्हें सिर्फ पुलिस और चेकिंग से डर रहता है. उन्हें सेफ्टी की फिक्र नहीं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला बोरिंग रोड चौराहा के पास, जब बोरिंग रोड की सुलेखा डिग्गी में हेलमेट होते हुए भी उसे नहीं पहन रही थी. उनसे जब इस बारे में पूछा गया, तो डर कर उन्होंने जल्दी से हेलमेट निकाला और पहना और कहा कि घर पास में ही तो है, फिर हेलमेट लगाने की क्या जरूरत. शहर में सुलेखा जैसी कई लोग हैं, जो हेलमेट रहते हुए भी उसे नहीं पहनते हैं. क्योंकि वे हेलमेट को सेफ्टी के लिए नहीं पहनते हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि पुलिस भी हर दिन चेकिंग नहीं करती है, इसलिए हर दिन ऐसे ही हेलमेट टांगे रहते हैं. जिस दिन चेकिंग सिस्टम लागू होता है उस दिन हेलमेट पहन लेते हैं.क्या कहती है पुलिस हम लोग जब भी चेकिंग करते हैं, कई लोग बिना हेलमेट के पकड़ाते हैं, जो पूछे जाने पर कहते हैं कि दवा लाने जा रहे हैं, तो पास में ही घर था. इसके अलावा माफी मांगने लगते हैं कि गलती से हेलमेट छूट गया है. हेलमेट के बिना पकड़े जाने वालों पर फाइन के तौर पर 100 रुपये लगता है. कई लोग फाइन देते हैं, तो कई लोग बचने के लिए सिर्फ बहाना मारते हैं. इसके अलावा कई लोग ऐसे होते हैं, जो चेकिंग के दौरान भी भागने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों को पहले पकड़ा जाता है.अजय कुमार, कॉन्सटेबलहम लोग ऐसे लोगों से परेशान हो चुके हैं. चेकिंग के एक-दो दिन बाद तक ठीक रहते हैं. उसके बाद फिर लोगों का वही हाल होता है. लोगों को इतनी समझ नहीं होती कि वे हेलमेट हमारे डर से नहीं, बल्कि अपनी सेफ्टी के लिए पहनते हैं, लेकिन वे फाइन दे देते हैं, लेकिन हेलमेट पहनने की आदत नहीं डालते. इसका खामियाजा कई लोगों को भुगतना पड़ता है. आये दिन हेलमेट के बिना गंभीर एक्सीडेंट का मामला सामने आता है, लेकिन लोग फिर भी गलती करते हैं.रमेश सिंह, एएसआइ लोगों से बातचीतमैं हेलमेट रखती हूं, लेकिन हेलमेट पहनने का मन नहीं करता है क्योंकि हेलमेट लगाने से मेरे बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में खराब बाल में कॉलेज जाना अच्छा नहीं लगता है. इसलिए ज्यादातर टाइम हेलमेट नहीं लगाती हूं, लेकिन जब भी चेकिंग होती है, मैं हेलमेट पहन लेती हूं, ताकि पुलिस को फाइन न देना पड़े. नेहा, किदवई पुरीअकसर घर से जल्दबाजी में निकलने की वजह से हेलमेट छूट जाती है, क्योंकि घर से जल्दी निकलते हैं. ऐसे में हेलमेट पहनने की आदत नहीं होती है. साथ ही शुरुआत में हेलमेट पहनना खराब लगता हैै. हेलमेट पहन कर गाड़ी चलाना थोड़ा अजीब लगता है. इसलिए मैं ज्यादातर टाइम हेलमेट नहीं पहन पाता हूं. प्रवीण कुमार, बाकरगंज मैं हेलमेट इसलिए नहीं पहन पाता क्योंकि हेलमेट पहनने से मेरे बाल खराब हो जाते हैं. घर से इतना अच्छा हेयर स्टाइल बना कर निलकता हूं और कोचिंग आते-आते हेलमेट से बाल चिपक जाते हैं इसलिए हेलमेट नहीं पहनता वैसे भी हर दिन चेकिंग नहीं होती है. इसलिए चेकिंग के टाइम कभी-कभी पहना लेता हूं.गौरव, आनंदपुरीकोई घटना घटनी रहती है, तो हेलमेट पहनने के बाद भी घट जाती है इसलिए डरना नहीं चाहिए. मैं हेलमेट पहनकर कंफर्टेबल नहीं रह पाता क्योंकि हेलमेट पहनने के बाद घुटन सी महसूस होती है. इसलिए मैं हेलमेट पहनने से परहेज करता हूं. इसलिए पैरेंट्स के साथ या चेकिंग के समय हेलमेट पहना हूं बाकि समय पहनना अच्छा नहीं लगता है.रोहित, शिवपुरी क्या-क्या करते हैं बहानेघर पास में है इसलिए हेलमेट नहीं पहनाकुछ अरजेंट था इसलिए हेलमेट लिये बिना निकल गयामैं घर दवा लेने के लिए निकला हूंआज एग्जाम है इसलिए जल्दी में निकले हैंऐसा पहली बार हुआ है, अब से हेलमेट जरूर पहनेंगेहेलमेट चोरी हो गया, मैं खरीदने ही जा रहा थातबीयत खराब है इसलिए हेलमेट से घूटन होती हैहेलमेट के दामवेगा- 499 से 690 रुपयेनींजा- 900 से 1400 रुपयेस्टील बर्ड्स- 750 से 1300 रुपयेस्टर्ड्स- 800 से 1800 रुपयेएरोस्टार- 750 से 1350 रुपये

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