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कुर्जी में जमीन की मापी कराने के बाद हुआ सीमांकन

कुर्जी में जमीन की मापी कराने के बाद हुआ सीमांकन – प्रभात इंपैक्ट-आठ दिसंबर को प्रकाशित हुई थी खबर- – खबर छपने के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन – डीएम ने बिंदटोली को शिफ्ट करने के लिए देखी कुर्जी की जमीन- समतलीकरण के बाद किया जा रहा सीमांकन संवाददाता, पटना दीघा सोनपुर रेल सह […]

कुर्जी में जमीन की मापी कराने के बाद हुआ सीमांकन – प्रभात इंपैक्ट-आठ दिसंबर को प्रकाशित हुई थी खबर- – खबर छपने के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन – डीएम ने बिंदटोली को शिफ्ट करने के लिए देखी कुर्जी की जमीन- समतलीकरण के बाद किया जा रहा सीमांकन संवाददाता, पटना दीघा सोनपुर रेल सह सड़क पुल चालू होने की राह में सबसे बड़ी बाधा बनी दीघा बिंद टोली को अब जल्दी ही हटाया जायेगा. प्रभात खबर ने जब इस बाधा को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की तो जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने कुर्जी के पास परिवारों के विस्थापन के लिए साढ़े छह एकड़ चयनित जमीन के मापी कराने के साथ ही परिवारों के हिसाब से सीमांकन कराने का निर्देश दिया है. मंगलवार को उन्होंने पदाधिकारियों के साथ इस जमीन का निरीक्षण भी किया. पुनर्वास के लिए चयनित जगह के नक्शा का अवलोकन करते हुए उन्होंने बिंद टोली के निवासियों को बताया कि यहां सम्पर्क पथ एवं सार्वजनिक उपयोग हेतु भूमि के साथ रहने की व्यवस्था की जा रही है. भूमि का प्रस्ताव भेजा राजस्व विभाग गया है, स्वीकृति के बाद सभी लोगों को बसाने की कार्रवाई होगी. बिंद टोली हटाने के बाद बनेगा गाइड बांध बिंद टोली हटाने के बाद वहां गाइड बांध बनेगा तब पुल चालू किया जायेगा. बिंद टोली के दो सौ पांच परिवार जिस जगह बसे हैं, उस जगह पर ही गाइड बांध बनना है. गाइड बांध इस कारण बनेगा क्योंकि गंगा की धारा पुल के लिए असुरक्षित नहीं बन सके. रेलवे का कहना है कि जैसे ही जगह खाली होगी दो महीने के अंदर गाइड बांध का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. इसके बाद सीआरएस इंस्पेक्शन होगा और हरी झंडी मिलते ही ट्रेनों का चलना शुरू हो जायेगा. सुरक्षा कारणों से गाइड बांध का काम पूरा हुए बगैर इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी नहीं मिलेगी.क्या होगा फायदा? यह पुल चालू हो जाने के बाद उत्तरी बिहार से कनेक्शन और बेहतर हो जायेगा. सोनपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज समेत उत्तर बिहार के लोगों को पटना और पटना से उत्तर बिहार आने-जाने में काफी सहूलियत होगी. इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महात्मा गांधी सेतु का लोड भी बहुत कम होगा, लोगों को एक बेहतरीन विकल्प मिलेगा.बिंदटोली इन बॉक्स:205: विस्थापित होने वाले परिवारों की संख्या6.15 एकड़: कुल जमीन प्रशासन ने किया है चिह्नित3 डिसमिल: प्रत्येक परिवार को मिलनी है जमीन10 फीट: रास्ता बस्ती को कराया जाना है मुहैया

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