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अथमलगोला में इंदिरा आवास में बेकार पड़े हैं डेढ़ करोड़

अथमलगोला में इंदिरा आवास में बेकार पड़े हैं डेढ़ करोड़ – जिले में राशि की कमी, डीएम ने औचक निरीक्षण के बाद सभी प्रखंडों में दिये जांच के आदेश – बाढ़, पंडारक, मोकामा एवं अथमलगोला प्रखंड के सभी कार्यालयों का किया निरीक्षणसंवाददाता, पटनापूरे जिले में इंदिरा आवास के मद में राशि की बड़ी कमी है […]

अथमलगोला में इंदिरा आवास में बेकार पड़े हैं डेढ़ करोड़ – जिले में राशि की कमी, डीएम ने औचक निरीक्षण के बाद सभी प्रखंडों में दिये जांच के आदेश – बाढ़, पंडारक, मोकामा एवं अथमलगोला प्रखंड के सभी कार्यालयों का किया निरीक्षणसंवाददाता, पटनापूरे जिले में इंदिरा आवास के मद में राशि की बड़ी कमी है लेकिन अथमलगोला में इसी मद में डेढ़ करोड़ रुपये पड़े हुए हैं. ना तो इससे उप विकास आयुक्त अवगत हैं ना ही डीएम. जब डीएम संजय अग्रवाल ने खुद प्रखंड जाकर रजिस्टर का निरीक्षण किया तो इस हकीकत का पता चला. इतनी बड़ी राशि का बगैर उपयोग पड़े रहना एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा कर रहा है. डीएम ने पूरे जिले में इस संबंध में जांच के आदेश दे दिये हैं. इसके आलोक में अब सभी प्रखंडों को भी अपने रोकड़ बही का विस्तृत ब्यौरा देने का आदेश दिया गया है. सोमवार को जब उन्होंने चार प्रखंडों का औचक निरीक्षण किया तो अथमलगोला अंचल कार्यालय के लिपिक रंगेश कुमार एवं वकील राम अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे, उनके आज के वेतन की कटौती करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया. अंचल अधिकारी अवकाश पंजी नहीं दिखा पाये, उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. पंडारक के बीडीओ को नहीं है डीजल अनुदान की जानकारी पंडारक के बीडीओ निर्भय कुमार को रबी फसलों के लिए दिये जाने वाले डीजल अनुदान के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है, डीएम ने जब इस बाबत सवाल पूछे तो वे बगले झांकने लगे. इसके बाद उन्होंने बीडीओ का वेतन स्थगित करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है. यहां के लिपिक राकेश कुमार एवं देव कुमार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे. उनके भी वेतन की कटौती करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, पंडारक को 26 दिसम्बर तक परियोजना अन्तर्गत सेविका/सहायिका की कुल 05 रिक्तियों को भरने के लिए कहा गया. मोकामा में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को 31 दिसंबर तक परियोजना के अंतर्गत सेविका/सहायिका की कुल 12 रिक्तियों को भरने के लिए कहा गया. बाढ़: यहां प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनाधिकृत रूप से गायब थे. उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी उमेश चंद्र प्रसाद लगभग डेढ़ वर्षों से बाढ़ प्रखंड में पदस्थापित थे. समीक्षा के क्रम में उनके कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही भी पकड़ में आयी. मनरेगा के तहत् लिये गये योजनाओं के लिए सृजित मानव दिवस एवं व्यय की गयी राशि के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं है. उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया.

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