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राजधानी में नहीं चली नुरुम की 40 बसें, बढ़ी परेशानी

राजधानी में नहीं चली नुरुम की 40 बसें, बढ़ी परेशानी – बुडको के पास नहीं दिखी आपात स्थिति की कोई प्लानिंग – जर्जर बसों और ऑटो वालों की रही चांदी संवाददाता, पटना राजधानी पटना की शहरी परिवहन सेवा को बेहतर बनाने के लिए आई जवाहर लाल नेहरु अर्बन रिन्युअल मिशन यानी जेएन नुरुम की 40 […]

राजधानी में नहीं चली नुरुम की 40 बसें, बढ़ी परेशानी – बुडको के पास नहीं दिखी आपात स्थिति की कोई प्लानिंग – जर्जर बसों और ऑटो वालों की रही चांदी संवाददाता, पटना राजधानी पटना की शहरी परिवहन सेवा को बेहतर बनाने के लिए आई जवाहर लाल नेहरु अर्बन रिन्युअल मिशन यानी जेएन नुरुम की 40 बसें शुक्रवार से ठप हो गयी. बस सेवा का संचालन करनेवाली एजेंसी एबी ग्रेन स्प्रेट प्राइवेट लिमिटेड ने बसों के संचालन से अपना हाथ खींच लिया और शहर के यातायात को बेहतर बनानेवाली ये सभी बसें फुलवारी शरीफ के डिपो में जाकर लग गयी. बुडको ने इसकी जानकारी के बावजूद कोई भी आपातकालीन प्लानिंग नहीं की और लोगों की परेशानी को उनके ऊपर ही छोड़ दिया. दिन चढ़ने के बाद एजेंसी के साथ मीटिंग की गयी और उनकी मांग पर वरीय अधिकारियों से बात करने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया गया. लोगों को बस नहीं चलने की वजह से कई रूटों पर परेशानी का सामना करना पड़ा. नगर सेवा की बसों और ऑटो की मनमानी बढ़ गयी. पटना जंकशन से दानापुर, खगौल, कंकड़बाग, अगमकुआं व अशोक राजपथ सहित कई रूटों पर चलने वाली इन बसों पर रोजाना लगभग पचास हजार से ज्यादा यात्री सफर करते थे. रिंग बस बंद होने पर अचानक यात्रियों का बोझ बढ़ गया. उन रूटों पर बसें ओवरलोडेड रही और ऑटो पर भी लोगों को जाने की मारामारी दिखाई दी. वे चांदी काटते नजर आये.एजेंसी ने नहीं मानी बुडको की बात बुडको के प्रबंध निदेशक ने एजेंसी को सेवा ठप करने के लिए मना किया था. उन्होंने कहा था कि अगर कोई समस्या है तो वह बात करने को तैयार हैं. लेकिन एजेंसी ने करोड़ों रुपये बकाया होने का हवाला देकर बात करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है. एजेंसी का कहना है कि बुडको ने जो भी शर्त रखी थी किसी का भी पालन नहीं किया. 200 से ज्यादा बसें चलानी थी. 40 बसें ही दी गयी. एक साल से ज्यादा हो गये पर बस नहीं मिली. संरचना भी नहीं उपलब्ध कराया गया. संरचना का अभाव बता कर भागी एजेंसी बस का संचालन कर रही एजेंसी ने बुडको द्वारा बदतर संरचना का हवाला देते हुए हाथ खड़ा किया है. एजेंसी ने गुरुवार को ही बता दिया था कि बुडको द्वारा एजेंसी के साथ किये गये एग्रीमेंट का पालन नहीं किया जा रहा है. एक साल से बसों को चलाया जा रहा था इसके साथ ही मेंटनेंस भी किया जा रहा था. बुडको की ओर से इसके लिए कोई संरचना नहीं तैयार की गयी, जबकि यह उसी की जिम्मेवारी थी. इसके कारण बसों का उचित रखरखाव नहीं हो पा रहा था. कोट: 1-एजेंसी ने बगैर प्राॅपर कम्यूनिकेशन के बस का संचालन ठप किया है. उनसे बात करने की कोशिश की जा रही है, हम सभी बसों को चलायेंगे. यदि एजेंसी से बात नहीं बनी तो बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड से बसों को चलाया जायेगा. – जेएन सिंह, जीएम, बुडको कोट-2-हमने पूरी जानकारी बुडको को दी है. एक महीना पहले नोटिस दिया था. हम कुछ विशेष नहीं चाहते हैं. हमें संरचना मुहैया करा दी जाये और एग्रीमेंट के मुताबिक बसें चलाने के लिए मिले. इसके बाद हम तुरंत बसों का संचालन शुरू कर देंगे. -विशाल सिंह, जीएम, आपरेशन, एबी ग्रेन स्प्रेट प्राइवेट लिमिटेड\\\\B

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