पटना : आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए दूर संचार नेटवर्क की समस्या सबसे बड़ी समस्या होती है. इसके कारण आपदा से त्रस्त लोगों के लिए राहत और बचाव की सुविधा नहीं मिल पाती है.
खासकर भूकंप और तूफान के दौरान मोबाइल नेटवर्क के ध्वस्त होने के कारण बचाव दल को पता ही नहीं चल पाता है कि आपदा से बचाव के लिए कहां राहत दल पहुंचे. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि
आमतौर पर उपयोग होने वाले मोाबाइल और टेलिफोन नेटवर्क आपदा के दौरान त्वरित राहत में उपयोगी साबित नहीं होता है. अधिकारी ने बताया कि सेटेलाइट आधारित सुविधा मिलने से राहत और बचाव में बड़ी सहुलियत होगी.
आपदा की घड़ी में संचार नेटवर्क की बड़ी समस्या बन जाती है. ऐसी परिस्थित में राहत और बचाव के लिए सही घटना स्थल तक पहुंचने और राहत देने के लिए मजबूत नेटवर्क की आवश्यकता है. इसके लिए प्राधिकार सेटेलाइट आधारित नेटवर्क सुविधा के लिए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
इससे आपदा के घड़ी में सेटेलाइट आधारित नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध होगा. इसके लिए भी-सेट, एचएएम, आइएनएमएआर-सेट सहित अन्य सेटेलाइट आधारित सुविधा का उपयोग किया जायेगा. इसके लिए राज्यों को जारी पत्र में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के संयुक्त सलाहकर, आइटी और संचार नेटवर्क कर्नल नदीम अरशद ने कहा है कि राज्य सरकार राज्य में स्थित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और इसका पूरा पता के साथ सभी जानकारी विस्तार से प्राधिकार को उपलब्ध कराये.
सेंटर के प्रभारी के नाम, मोबाइल नंबर, इ-मेल और पूरा पता के साथ सेंटर में उपलब्ध सभी सुविधाओं और उपकरणों की जानकारी प्राधिकार को उपलब्ध कराये. इन जानकारियों को सेटेलाइट आधारित नेटवर्क से जोडकर सशक्त नेटवर्क तैयार किया जायेगा, जो किसी भी प्रकार की आपदा में कारगर साबित होगा.