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जमुई : भगवान महावीर की मूर्ति की चोरी से लेकर बरामदगी तक की पढ़िए पूरी तफ्तीश

पटना : दिन ढलान पर है, वक्त की बढ़ती सुई रात के अंधेरे को काला कर रही है. आज ख्वाब पूरा होनेवाला है. एक ऐसा ख्वाब जिसे पहले किसी ने देखा ही नहीं, क्योंकि यह ख्वाब गहरी नींद में नहीं बल्कि खुली आंखों से देखा गया है. इरादा नेक नहीं है, चरित्र पहले से स्याह […]

पटना : दिन ढलान पर है, वक्त की बढ़ती सुई रात के अंधेरे को काला कर रही है. आज ख्वाब पूरा होनेवाला है. एक ऐसा ख्वाब जिसे पहले किसी ने देखा ही नहीं, क्योंकि यह ख्वाब गहरी नींद में नहीं बल्कि खुली आंखों से देखा गया है. इरादा नेक नहीं है, चरित्र पहले से स्याह है.

बस एक बार हाथ साफ करना है. पवित्र वस्तु तो है, पर कीमती भी है. करोड़ों में कीमत है, जीवन का सारा अंधेरा मिट जायेगा. और फिर जानेगा कौन…? घना जंगल है, पहाड़ी का दुर्गम इलाका है, पुलिस का पहरा तो है नहीं, बस यहां सन्नाटा ही सन्नाटा. मन दृढ़ है, साथी भी तैयार हैं, जाना है भगवान महावीर के जन्म स्थान मंदिर. जमुई जिले के लछुआड़ से करीब 10 किलोमीटर दूर. जैन धर्म के इस विख्यात मंदिर में भगवान महावीर की बेशकीमती मूर्ति है. करीब दो टन वजन है. उठाना तो दूर हिलाना भी मुश्किल है. करीब एक दर्जन लोगों की जरूरत होगी और चार पहिया गाड़ी की भी.


अब (29 नवंबर की रात) निकलना है. पूरी तैयारी के साथ चोरों का गिरोह असलहा से लैश होकर भगवान महावीर के जन्म स्थान पहुंचता है. दिन में यहां दो पुजारी रहते हैं, जो रात में नहीं दिख रहे हैं. पुरानी मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा है, पर रात होने के कारण काम बंद है. मंदिर परिसर में निर्माण के दौरान इस्तेमाल होनेवाले औजार मौजूद हैं. सब्बल है, हथौड़ा है अन्य सामान भी हैं. मंदिर परिसर में यूं तो छोटी-बड़ी मिला कर कुल 20-25 मूर्तियां हैं, पर सबसे बड़ी 24वें तीर्थंकर महावीर जी की मूर्ति है, जो पहले परिसर के बाहरी हिस्से में थी. नये निर्माण के बाद मंदिर की चहारदिवारी में चली गयी है. फिर भी कोई दरवाजा नहीं, कोई पहरा नहीं, मूर्ति चुराने के लिए सिर्फ ताकत लगानी है.
और मूर्ति को चढ़ा लिया गाड़ी पर
धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे चोरों को अब मंजिल करीब दिख रही है. मूर्ति के पास पहुंचते हैं, मूर्ति को हिलाते हैं, उठाने का प्रयास करते हैं, पर नामुमकिन लग रहा है. मूर्ति आधारशिला पर रखी हुई है. एक दो प्रयास के बाद चोरों का गिरोह आपस में मीटिंग करता है. तय होता है कि पहले सब्बल (लोहे का औजार) लगा कर मूर्ति को नीचे से उखाड़ दिया जाए. आधारशिला से हटाया जाये. शर्ट की बाजू को फोल्ड किया जाता है. पूरी ताकत लगा कर आधारशिला और मूर्ति के नीचे वाली सतह में सब्बल डाल दिया जाता है. सभी लोग मिल कर मूर्ति को उठाते हैं, ठंड भरी रात है, पर मूर्ति को हिलाने में माथे पर पसीना आ गया है, कमीज भी भीग गयी है. मन निराश हो रहा है. हिम्मत टूट के किनारे पर खड़ी है, पर लालच है कि कम खत्म नहीं हो रहा है. आधा घंटा हो गया है, सफलता नहीं मिली है, लेेकिन प्रयास जारी है.
अचानक सब्बल के जोर से मूर्ति अपनी जगह से खिसक जाती है. चोरों के गिरोह में खुशी आती है, सब हाथ मिलाते हैं, पिछली थकान को भूल कर दोगुनी ताकत के साथ फिर से प्रयास. मूर्ति को जोर से धक्का लगा और मूर्ति आधारशिला से अलग होकर जमीन पर गिर गयी. चोरों को अब पचास प्रतिशत की सफलता नजर आने लगी. अब गाड़ी को मूर्ति के पास लाया जा रहा है. मूर्ति को गाड़ी में रखने के लिए मोटा रस्सा लाया गया. नीचे बांस का सहारा लिया गया है. छह लोग गाड़ी में रस्सा लेकर चढ़ गये हैं. बाकी लोग नीचे से एक साथ ताकत लगा रहे हैं. बांस के बेलन प्रयोग और रस्सी के माध्यम से मूर्ति को गाड़ी में चढ़ा लिया गया है. चोरों का गैंग बलथक हो गया है, पर सामने दिख रही इस बड़ी कामयाबी उन्हें फिर से ऊर्जा दे रही है.
चोरों के गैंग में गजब की खुशी
आधी रात गुजर गयी है, अब मूर्ति को लेकर मंदिर से निकलना है और मूर्ति को महफूज कर देना है. इस प्लानिंग के साथ चोरों का गैंग वहां से निकल जाता है. चोरों के गैंग में खुशी तो है, पर अगले दिन चोरी को लेकर शुरू हुआ हलचल उन्हें परेशान कर रहा है.

विश्व विख्यात भगवान महावीर की जन्मस्थली से मूर्ति चोरी हो गयी है. समाचार पत्र में मोटी सुर्खियां प्रकाशित हुई हैं. खैरा थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे हैं. जिले से भी डीएम, एसपी, डीएसपी मौके पर पहुंचे. मंदिर का मुआयना किया जा रहा है. जैन धर्म के श्वेतांबर सोसाइटी के लोगों को पता चल गया है. सभी लोग पुलिस से मिल रहे हैं, मूर्ति को तलाशने की मांग की जा रही है.

पुलिस का छूट रहा था पसीना
उधर पुलिस का पसीना छूट रहा है. दोपहर होते-होते सोसाइटी के लोग बिहार के सीएम नितिश कुमार से संपर्क करते हैं. वह मामले काे गंभीरता से लेते हैं और डीजीपी पीके ठाकुर को निर्देशित करते हैं कि जल्द मूर्ति बरामद की जाये. 29 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने नीतीश कुमार से बात की. सीएम ने इस मामले में सीबीआइ को लगाने की बात कही. अगले दिन सीबीआइ की एक टीम कोलकाता से मौका मुआयना करने आ गयी.

टीम मंदिर गयी और जिला पुलिस-प्रशासन से वार्ता की. उधर जिला पुलिस एसएसबी, सीआरपीएफ के जवानों के साथ मंदिर के आसपास मौजूद जंगल व पहाड़ी इलाकों में सर्च अभियान चला रहे हैं. नदी, नाले में नाव से पुलिस फोर्स घूम रही है. पानी में लंबा बांस डाल कर देखा जा रहा है कि कहीं पानी में तो मूर्ति नहीं छिपायी गयी है. जिले की नाकेबंदी हो चुकी है. पुलिस की प्लानिंग है कि चोर मूर्ति को बाहर लेकर नहीं जा सके. शहर से बाहर निकलनेवाले मार्ग पर फोर्स तैनात है, वाहनों की चेकिंग की जा रही है. चोर व तस्कर गिरोह से पूछताछ जारी है. रजत गिरोह से भी पूछताछ हुई है, पर कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है.
नक्सलियों ने भी कसी थी कमर
पुलिस को नक्सल गिरोह पर भी शक जा रहा है. इसकी भनक लगते ही नक्सली संगठनों ने आपस में मीटिंग शुुरू की. फैसला हुआ कि मूर्ति जिसने चोरी की है, उसे भरी पंचायत में अपने अंदाज में सजा दी जायेगी. जंगल और पहाड़ की तलहटी में राज करनेवाले नक्सली संगठन पहरा भी दे रहे हैं. तैयारी है कि जिसने भी मूर्ति चोरी की है, वह जिले की सीमा से मूर्ति लेकर बाहर नहीं जा सके.
घटनाक्रम और तफतीश
– 27 नवंबर 2015 की रात (दिन शुक्रवार) खैरा थाना क्षेत्र के जन्म स्थान महावीर मंदिर से बेशकीमती प्राचीन
मूर्ति चोरी की गयी.
– जिले से लेकर प्रदेश की राजधानी व केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मूर्ति चोरी की घटना का संज्ञान लिया. कई लोगाें से
पूछताछ की गयी.
– लोकल तस्कर गिरोह से जुड़े लोगों से पूछताछ हुई. रजक गिरोह खास निशाने पर रहा. नक्सलियों के भी हाथ
हाेने की बात कही गयी.
– जंगल, पहाड़ी इलाके में इसकी तलाश हुई, जिला पुलिस के अलावा एसएसबी, सीआरपीएफ ने सर्च अभियान चलाया. कोलकाता से सीबीआइ की टीम ने भी दौरा किया था.
– छानबीन के बीच छह दिसंबर की सुबह जमुई-सिकंदरा राजमार्ग के किनारे बिछवे गांव के पास एक खेत में बोरी में बांध कर फेंकी गयी मूर्ति बरामद की गयी.
– बिछवे गांव के तीन युवक दिनेश कुमार, शशि कुमार पुष्पम और मनीष कुमार ने सबसे पहले मूर्ति को देखा.
वे सिपाही बहाली की तैयारी कर रहे हैं और भोर में सड़क पर दौड़ लगाने गये थे. सुबह पांच बजे उनकी नजर बोरी पर पड़ी, जिसमें मूर्ति को बांध कर रखा गया था.
– सिकंदरा इलाके में मूर्ति मिलने के बाद पूरे इलाके में खुशी है और सीएम नीतीश कुमार ने भी पुलिस टीम को
बधाई दी है.

मूर्ति की खास बातें
– यह मूर्ति करीब 2600 साल पुरानी है. इसकी स्थापना भगवान महावीर के गृह त्याग के बाद उनके बड़े भाई नंदीवर्धन ने की थी.
– जंगल और पहाड़ी इलाके में माैजूद इस मंदिर के प्रति जैन धर्मावलंबियों की खास आस्था है. यहां विदेशों से भी पर्यटक आते रहते हैं.
– जमुई के क्षत्रि यकुंड लछुआड़ से करीब 10 किलोमीटर दूर जन्म स्थान भगवान महावीर के पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार चल रहा है.
– नये निर्माण से मंदिर कैंपस में मौजूद सबसे वजनी और बड़ी मूर्ति अब मंदिर की चहारदिवारी में चली गयी थी. इसी मूर्ति को चोरों ने चुरा लिया था.

पुलिस के लिए चुनौती, किस गिरोह ने दिया अंजाम?
तत्काल पुलिस पहुंची, मूर्ति को कब्जे में लिया, सभी पुलिस पदाधिकारियों को सूचना दी गयी. पुलिस की बाछें खिली हुई हैं. मीडिया के लोग पहुंच गये हैं. चैनल के लोग एसपी का बाइट ले रहे हैं. मूर्ति बरामदगी की खबर फ्लैश हो रही है. सीएम नीतीश कुमार ने पुलिस टीम को बधाई दी. भागलपुर के आइजी बच्चू सिंह मीणा जमुई पहुंच गये हैं. दोपहर में एसपी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर मूर्ति बरामदगी की पूरी जानकारी दी गयी. पुलिस कहना है कि मूर्ति किस गिरोह ने चुराया था, यह पता नहीं चल सका है.

आशंका है कि यह जमुई के लोकल गैंग का काम था. पुलिस के बढ़ते दबाव व छापेमारी को देखते हुए गिरफ्तार होने के भय से मूर्ति को यहां खेत में फेंक दिया गया है. फिलहाल इसकी जांच चल रही है. गिरोह का पता लगाया जा रहा है. वहीं मूर्ति की बरामदगी के बाद जबरदस्त आस्था का नजारा देखने को मिल रहा है. लोग मूर्ति की पुन: स्थापना के लिए मारामारी कर रहे हैं. डाक बोला जा रहा है कि इसके लिए कौन कितना खर्च करेगा. फिलहाल मूर्ति को मंदिर ले जाया गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच मूर्ति को रखा गया. अब मंदिर समिति बैठक कर दोबारा स्थापना की तैयारी कर रहा है.

हर हाल में हो बरामदगी
आज पांच दिसंबर, 2015 है. नौ दिन बीत गये हैं, कुछ भी पता नहीं चल सका है. डीजीपी ने सुबह-सुबह भागलपुर रेंज के आइजी बच्चू सिंह मीणा से बात की. इसके बाद एसपी जयंतकांत से प्रगति रिपोर्ट मांगी गयी. आदेश मिला कि किसी तरह से मूर्ति को खोजना है. चेतावनी भी मिलती है. फोन के बाद एसपी फिर से लग जाते हैं. डीएसपी व थानेदार खैरा व सिकंदरा के साथ मीटिंग होती है. बरामदगी के लिए गठित टीम भी एसपी को रिपोर्ट देती है. अब करीब 50 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, पर पता नहीं चला है. मंदिर वाले पहाड़ी इलाके में गाड़ी चलानेवाले चालक व उनके मालि क से भी पूछताछ हुई, पर हाथ खाली है. छापेमारी जारी है. पुलि स की रात की नींद हराम है.

खर्राटे में रात काटने वाले पुलिस के लोग भागे-भागे फिर रहे हैं. धार्मिक आस्था के प्रतीक इस मूर्ति के गायब होने के बाद जैन धर्म के कुछ लोगों ने भोजन त्याग दिया है. उपवास रख कर कामना कर रहे हैं कि मूर्ति बरामद हो जाये. श्रद्धालु रो रहे हैं, बिहार के बाहर दूसरे प्रदेशों में मौजूद लोग दिल्ली और बिहार पुलिस प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं. पुलि स पर द बाव इस कदर है कि वह भी भगवान का सहारा ले रहे हैं. मन्नतें मांगी जा रही हैं. किसी तरह से रात कटी, अब भोर का पहर शुरू हो गया.

एसपी साहब.. मिल गयी मूर्ति
छह दिसंबर, 2015 की सुबह. करीब पांच बजे हैं. एसपी जयंतकांत के मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से फोन आता है. वह चौंक जाते हैं. सुबह-सुबह कि सका फोन हो सकता है. वह तमाम आशंकाओं के बीच फोन रिसीव करते हैं. हैलो… कहने के बाद जो सूचना मिली, वह बड़ा सकून दे ने वाली थी. एसपी साहब, मैं सिकंदरा थाना क्षेत्र के बिछवे गांव का पूर्व मुखिया नरेंद्र कुमार यादव बोल रहा हूं. साहब, मूर्ति मिल गयी है. एसपी खुश. इस तरह की खुशी एसपी साहब को तभी मि ली होगी, जब उनका एसपी पद के लिए चयन हुआ होगा. कहां मि ली, कैसे मि ली, एड्रेस बताएं, तत्काल पहुंच रहे हैं.

पूर्व मुखिया ने बताया कि जमुई-सिंकदरा राजमार्ग के कि नारे खेत में बोरी में मूर्ति को फेंका गया है. उन्होंने बताया कि हमारे गांव के तीन लड़के दिनेश कुमार यादव (19), शशि कुमार पुष्पम (20), मनीष कुमार(22) सिपाही बहाली की तैयारी में लगे हैं. यह लड़के भोर के तीन बजे सड़क पर दौड़ लगा रहे थे. जब वापस गांव की तरफ आ रहे थे, तो सड़क के किनारे खेत में एक बोरी दिखी. युवकों को लगा कि बोरी में लाश है, उसका मुंह खोल कर देखा, तो मूर्ति निकली. वह पहचान गये. इसके बाद युवकों ने हमें जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने मूर्ति को कब्जे में ले लिया.

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