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राशन व सब्जी के बोरों में ले जाते थे गांजा, तीन गिरफ्तार

मसौढ़ी : धनरुआ के निजामत गांव के लोग वर्षों से प्रतिबंधित गांजे की खेती करते रहे और स्थानीय पुलिस को इसकी कोई भनक तक नहीं लगी, जबकि यह बात पटना एसएसपी तक पहुंच गयी. उन्होंने इसकी जानकारी धनरूआ पुलिस को दिये बगैर अपने स्तर से स्पेशल टीम गठित की और इस बड़े अवैध धंधे का […]

मसौढ़ी : धनरुआ के निजामत गांव के लोग वर्षों से प्रतिबंधित गांजे की खेती करते रहे और स्थानीय पुलिस को इसकी कोई भनक तक नहीं लगी, जबकि यह बात पटना एसएसपी तक पहुंच गयी. उन्होंने इसकी जानकारी धनरूआ पुलिस को दिये बगैर अपने स्तर से स्पेशल टीम गठित की और इस बड़े अवैध धंधे का पर्दाफाश किया.

एसएसपी की स्पेशल टीम ने इस छापेमारी के लिए अपने साथ गौरीचक व अगमकुआं थानों की पुलिस को लेकर मंगलवार की सुबह ही निजामत गांव में पहुंच गयी. इसके बाद हर घर की तलाशी शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस को कई घरों के आंगन में, तो कहीं खेतों में, तो कहीं घर की बथानी में हजारों-हजार अवैध गांजे के पौधे मिले. बाद में धनरूआ पुलिस पहुंची. बताया जाता है कि धंधेबाज राशव सब्जी के बोरों में गांजे भर कर ले जाते थे.

कुल 19 पर दर्ज की नामजद प्राथमिकी
पुलिस ने जहां ललन, जनार्दन और किशोर को गिरफ्तार किया. इस मामले में इन तीनों के अलावा गांव के दीपक कुमार, वीरेंद्र प्रसाद, मेही लाल, नगीना सिंह, बिंदा सिंह, धर्मेंद्र कुमार, अरुण यादव, मनोज कुमार, अनुज प्रसाद, राधे प्रसाद, सत्येंद्र कुमार, रामचंद्र यादव, सीताराम यादव, सत्यनारायण प्रसाद, शिव कुमार व महादेव प्रसाद के खिलाफ भी नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. मसौढ़ी डीएसपी सुरेंद्र कुमार पंजियार ने बताया कि सभी पुरुष फरार हो गये हैं. इस पूरे ऑपरेशन का वीडियो रिकाॅर्डिंग करायी गयी है.
ऐसे तैयार होता है गांजा
नाम न छपने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि वे लोग पहले गांजे के कच्चे पौधे तैयार करते हैं और चार महीनों के बाद जब वह पूरी तरह पक कर तैयार हो जाते हैं, तो उन्हें सूखा कर पांच सौ ग्राम के पाउच व पॉलीथिन में पैक कर उसे बाहर से आये धंधेबाजों को बेच देते.
12000 में 500 ग्राम
पॉलीथिन में पैक 500 ग्राम गांजे की कीमत खुले बाजार में 12 हजार रुपये होती है, जबकि गांव वाले इसे 8 से 10 हजार में धंधेबाजों को बेचते थे. एक ग्रामीण ने यह भी बताया कि गांव में हो रहे इस धंधे की खबर अन्य राज्यों के धंधेबाजों को भी थी. राज्य के बाहर से भी धंधेबाज यहां आते हैं और यहां से ले जाते हैं.
इस तरह निजामत गांव में पनपा धंधा
धनरूआ थाना क्षेत्र के वीर गांव से निजामत की दूरी मुख्य सड़क से करीब 15 किलोमीटर है. इस गांव में पहुंचने के लिए कररूआ नदी को दो बार पार करना पड़ता है . वीर गांव से निजामत जाने के लिए बालकचक से छह किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता है. रास्ता बेहद खराब और जर्जर है. इस कारण गांव में वाहन ले जाना संभव नहीं है. बालकचक गांव से इस गांव में आने के लिए एक पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. गांव के लोग इसी का फायदा उठाते हुए गांजे की खेती करने लगे. ग्रामीण इस खेती से सालों लाखों कमाते. यह मुनाफा देख गांव के अन्य लोगों ने भी इसकी खेती शुरू कर दी . देखते -ही- देखते गांव के हर घर में गांजे की खेती होने लगी .
पुलिस पहुंची तो अफरातफरी
पुलिस की मानें, तो गांव का हर व्यक्ति इस धंधे से जुड़ा था क्योंकि हर घर से गांजा के पौधे बरामद हुए हैं . छापेमारी के दौरान गांव के लोग इधर- उधर भागते भी नजर आये . हालांकि, पुलिस ने इस बीच आधा किलो सूखे गांजे के साथ ललन प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार साथ ही पुलिस ने इस धंधे में शामिल उसके भाई जनार्दन प्रसाद व गांव के किशोर यादव को भी मौके पर पकड़ लिया.
मुनाफा देख ग्रामीण करने लगे खेती
धनरूआ थाना क्षेत्र के वीर गांव से निजामत की दूरी मुख्य सड़क से करीब 15 किलोमीटर है. इस गांव में पहुंचने के लिए कररूआ नदी को दो बार पार करना पड़ता है . वीर गांव से निजामत जाने के लिए बालकचक से छह किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता है. रास्ता बेहद खराब और जर्जर है. इस कारण गांव में वाहन ले जाना संभव नहीं है. बालकचक गांव से इस गांव में आने के लिए एक पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. गांव के लोग इसी का फायदा उठाते हुए गांजे की खेती करने लगे.

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