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एएमयू किशनगंज कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने नर्गित किये 36 करोड़ रुपये

एएमयू किशनगंज कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने निर्गत किये 36 करोड़ रुपयेएमएचआरडी ने निर्गत की राशिभवन निर्माण कार्य में आयेगी प्रगतिलाइफ रिपोर्टर पटनाबिहारवासियों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी खबर है. भारत सरकार ने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के किशनगंज कैंपस को 136 करोड़ रुपये की अनुदान राशि निर्गत करने की सहमति […]

एएमयू किशनगंज कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने निर्गत किये 36 करोड़ रुपयेएमएचआरडी ने निर्गत की राशिभवन निर्माण कार्य में आयेगी प्रगतिलाइफ रिपोर्टर पटनाबिहारवासियों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी खबर है. भारत सरकार ने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के किशनगंज कैंपस को 136 करोड़ रुपये की अनुदान राशि निर्गत करने की सहमति दी है. इसकी जानकारी देते हुए एएमयू के पूर्ववर्ती छात्र मोहम्मद मुदस्सीर आलम बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) श्रीमती स्मृति जुबीन ईरानी के निर्देश के अनुसार विवि के किशनगंज कैंपस को यह राशि निर्गत की गयी है. उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विवि को पत्र लिखकर इसकी सुचना प्रदान कर दी है. एएमयू ने भी दी जानकारीएएमयू के परीक्षा नियंत्रक सह वित्त पदाधिकारी प्रोफेसर जावेद अख्तर ने दूरभाष पर यह बताया कि एमएचआरडी से विवि को किशनगंज केंद्र के लिए एक स्वीकतृ पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमे कुछ आवश्यक कारवाई पूरी करने के बाद राशि निर्गत कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही विवि एमएचआरडी के निर्देश के अनुसार आधिकारिक औपचारिकताओं को पूरा करके कागजात मंत्रालय को मुहैया करवायेगी ताकि अनुदान राशि की प्राप्ति हो सके. श्री अख्तर ने बताया कि विवि को किशनगंज में चल रहे बीएड कोर्स की स्वीकृति भी नेशनल कौंसिल फॉर एजुकेशन (एनसीटीइ) से लेनी है, जो कि जल्द ही कर लिया जायेगा. लंबे समय से एएमयू किशनगंज कैंपस के निर्माण से जुड़े मुद्दों पर प्रयास कर रहे हैं. पूर्ववर्ती छात्र मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने भारत सरकार से राशि मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे कैंपस में भवन नर्मिाण के कार्य को गति मिलेगी और नए-नए कोर्स भी लांच होंगे. उन्होंने कहा 30 दिसंबर 2011 में बिहार सरकार से एएमयू किशनगंज की स्थापना के लिए 224.02 एकड़ भूमि मिलने के बावजूद फण्ड को लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति थी जो अब आंशिक तौर पर समाप्त हुई. फिलहाल एएमयू किशनगंज कैम्पस में बीएड और एमबीए की पढाई हो रही है. ज्ञात हो कि बिहार में उच्च शिक्षा के लिए पिछली केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं में एएमयू किशनगंज भी शामिल है जिसकी औपचारिक घोषणा 2009 में की गयी थी, लेकिन पहले कैंपस के लिए बिहार सरकार से 250 एकड़ भूमि मिलने में देरी हुई थी और बाद में केंद्र सरकार से आवश्यक अनुदान मिलने भी काफी विलम्ब हुआ. एनजीओ लगे थे काम मेंइस संबंध में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए गैरसरकारी संस्था ह्यूमन चेन कई तरह के आंदोलन किये हैं. ह्यूमन चेन के प्रमुख मोहम्मद असलम ने कहा कि भारत सरकार की सहमति मिलना खुशी की बात है. अब यह जिम्मेदारी एएमयू प्रशासन की है. वह आवश्यक कदम उठाये. गौरतलब हो कि मई 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद किशनगंज सेंटर को पहली बार फंड की प्राप्ति होने वाली है. पिछले साल नवंबर – दिसंबर 2014 के महीने में मोहम्मद मुदस्सीर आलम द्वारा दायर सुचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत फंड स्वीकृति की जानकारी मिली थी, लेकिन एक साल गुजरने पर भी राशि निर्गत नहीं की गयी थी. आरटीआई में जानकारी दी गयी थी कि यूजीसी ने विवि कुलसचिव को दिसंबर के पहले हफ्ते में एक पत्र के जवाब में लिखा है कि भारत सरकार किशनगंज कैंपस को 136. 82 करोड़ रुपये का अनुदान देने को तैयार है. इसी पत्र के आधार पर एएमयू प्रशासन एवं कोलकाता की एचसीएल कंपनी के बीच चहारदीवारी बनाने के लिए दिसंबर 2014 को मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था, साथ ही यूनिवर्सिटी इंजीनियर ने वित्त पदाधिकारी को पत्र लिखकर पहली किश्त में 14. 5 लाख की राशि का अनुरोध किया था. फिलहाल किशनगंज कैंपस में चहारदीवारी का कार्य चल रहा है, लेकिन फंड नहीं मिलने की वजह से विवि को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों को वेतन भी कई महीने से नहीं मिला था. मानव संसाधन विकास मंत्री के निर्देश के बाद अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि विवि का कार्यकलाप सुचारू रूप से चलेगा.

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