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लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों ने नहीं भरा रिटर्न!
एक सप्ताह में दाखिल करने का अल्टीमेटम पटना : लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग लगाने को उद्योग विभाग ने तरह-तरह की सहूलियतें तो इजाद करायी हैं, किंतु उनसे आयकर रिर्टन दाखिल करवाने में विभाग हाशिये पर चल रहा है. ले-देकर सिर्फ नवादा और पूर्णिया के लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्यमियों से आयकर रिटर्न दाखिल कराने […]
एक सप्ताह में दाखिल करने का अल्टीमेटम
पटना : लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग लगाने को उद्योग विभाग ने तरह-तरह की सहूलियतें तो इजाद करायी हैं, किंतु उनसे आयकर रिर्टन दाखिल करवाने में विभाग हाशिये पर चल रहा है.
ले-देकर सिर्फ नवादा और पूर्णिया के लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्यमियों से आयकर रिटर्न दाखिल कराने में उद्योग विभाग सफल रहा है. शेष 36 जिलों के लघु, सुक्ष्म व मघ्यम उद्यमियों से एक सप्ताह में आय कर रिटर्न फाइल कराने का विभाग ने सभी जिला उद्योग महाप्रबंधकों को दिया है. उद्योग निदेशक ने अल्टीमेटम में कहा कि यदि एक सप्ताह में लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्यमियों के आय कर रिटर्न फाइल न हुए, तो उन पर कार्रवाई होगी. बिहार में खुले लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों को हर वर्ष आय कर रिटर्न दाखिल करना है.
एेसे उद्यमियों के आयकर विभाग ने अपने यहां रिटर्न फाइल करने के लिए दौड़ लगाने से छूट दे रखी है. लघु, सूक्ष्म व मघ्यम उद्यमियों को अपने-अपने जिला उद्योग केंद्रों में ही आय कर रिटर्न जमा कराने का प्रावधान किया गया है. सभी जिला उद्योग महाप्रबंधक लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्यमियों को आयकर रिटर्न को एक जगह कंपाइल कर उद्योग निदेशक को भेजते हैं. बिहार में 31 हजार लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग खुले हैं. आयकर रिटर्न दाखिल न होने से इन दोनों योजनाओं में क्या-क्या प्रगति हुई है, लेखा-जोखा तैयार नहीं हो पा रहा है. रिर्टन दाखिल न होने से प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना की उपलब्धि से केंद्र को अवगत कराने में दिक्कत हो रही है, सो अलग.
तीन जिले रोजगार सृजन कार्यक्रम में पिछड़े
पटना़ बिहार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को लेकर सरकार और बैंक के स्तर पर प्रचार-प्रसार तो हो रहा है, किंतु इसका रिजल्ट नहीं निकल रहा. इस योजना का लाभ लेने में जहानाबाद, मुजफ्फरपुर और किशनगंज सबसे पीछे हैं.
इसका खुलासा उद्योग विभाग की शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में हुई. उद्योग विभाग ने तीनों जिलों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने को टास्क-फोेर्स का गठन किया है. समीक्षा बैठक में खुलासा हुआ कि तीनों जिलों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 5613 आवेदनों का चयन किया गया और बैंकों को ऋण मुहैय्या कराने को कहा गया, किंतु बैंकों ने महज 806 आवेदकों के ही ऋण स्वीकृत किये.
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