– राज्यकर्मियों के लिए बदलेगी नियमावली
– राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सिंग चैंपियन की शिकायत पर सीएम ने दिलाया भरोसा
– खेलों में हिस्सा लेने पर कटा था नौ माह का वेतन, पटना समाहरणालय मेंपदस्थापित हैं अनिल
पटना : स्पोर्ट्स कोटे से राज्य सरकार की नौकरी में बहाल खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने या खेलने के लिए बाहर जाने पर वेतन की कटौती से जल्द छुटकारा मिल सकता है. जनता के दरबार में एक खिलाड़ी की शिकायत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियमावली में बदलाव का भरोसा दिलाया.
पटना समाहरणालय में पदस्थापित राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर खिलाड़ी मधुबनी निवासी अनिल कुमार जनता दरबार में आये थे. उनकी शिकायत थी कि 19 महीने की सेवा के दौरान खेलने बाहर जाने के कारण नौ महीने का वेतन उन्हें नहीं मिल सका है.
मिल चुके हैं कई पदक
अनिल ने कहा कि स्पोर्ट्स कोटे से 16 अप्रैल, 2012 को सरकार ने नौकरी दी और पटना समाहरणालय में पोस्टिंग हुई. लेकिन, जब कभी खेलने के लिए देश से बाहर गया, वेतन काट दिया गया. रूस, साइप्रस व तुर्की में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके अनिल को राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर व सीनियर लेवल में कई पदक मिल चुके हैं.
इनके समर्थन में देश के दिग्गज बॉक्सर बिजेंद्र सिंह ने भी बिहार सरकार को पत्र लिखा. सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रशिक्षण के लिए 18 से 25 दिसंबर तक पटियाला जानेवाले अनिल ने कहा कि इंडियन बॉक्सिंग एसोसिएशन ने चुनाव किया है.
खिलाड़ी की फरियाद पर कला-संस्कृति एवं युवा व खेल सचिव चंचल कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर शीघ्र ही इसका समाधान निकलने का आश्वासन दिया.
इंदिरा आवास के बदले रिश्वत
पालीगंज के अमरजीत शर्मा की पटना में एक शॉ मशीन है. इसे पालीगंज में शिफ्ट करने के लिए चार साल से प्रयासरत हैं. अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं. पहली बार आये फरियादी ने कहा कि जिस अधिकारी के पास आवेदन दिया हुआ है, उसके पास ही भेजा जा रहा है, तो समाधान कैसे होगा. पालीगंज से ही आये रामाशीष दास ने विकास मित्र पर इंदिरा आवास के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत लिये जाने का मामला उठाया.
फरियादी का कहना था कि बीडीओ से शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. एसडीओ ने जांच करायी. आरोप सही पाये जाने पर भी कार्रवाई नहीं हुई.
जनता दरबार में रहे मौजूद
जनता दरबार में 300 लोगों की शिकायतें सुनी गयीं. सीएम के अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, परिवहन मंत्री वृशिण पटेल, योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक, ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ रेणु कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र, भवन निर्माण मंत्री दामोदर रावत आदि मौजूद रहे.