36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शराब का शौक कब आदत बन गयी, पता ही नहीं चला

शराब का शौक कब आदत बन गयी, पता ही नहीं चला चौथी किस्तसंवाददाता, पटनाअब तक हमने कई ऐसे केस पढ़े, जिसमें परिवार के किसी सदस्य के शराब पीने के कारण ही शराब की आदत लग गयी. खास कर पिता के शराब पीने के कारण बेटा शराबी हो गया. लेकिन ऐसा नहीं है. समाज का एक […]

शराब का शौक कब आदत बन गयी, पता ही नहीं चला चौथी किस्तसंवाददाता, पटनाअब तक हमने कई ऐसे केस पढ़े, जिसमें परिवार के किसी सदस्य के शराब पीने के कारण ही शराब की आदत लग गयी. खास कर पिता के शराब पीने के कारण बेटा शराबी हो गया. लेकिन ऐसा नहीं है. समाज का एक ऐसा पहलू भी है, जिसमें परिवार को कोई भी सदस्य शराब छूता तक नहीं है, लेकिन किसी एक को शराब की लत लग जाती है. आज हम ऐसा ही एक केस आपको पढ़ायेंगे, जिसमें पिता ने या घर के किसी ने भी शराब आज तक देखी तक नहीं, लेकिन बेटा को 10 साल की उम्र में ही शराब की लत लग गयी. 98 की उम्र में भी पिता ने नहीं छुआ शराब, बेटा 10वें साल में ही बन गया शराबीमैं तो दोस्तों के साथ बस शौक से एक-दो बार शराब पीना शुरू किया था, लेकिन यह कब मेरी आदत बन गयी, इसका पता नहीं चल पाया. आज मैं जब अपनी पिछली जिंदगी के बारे में सोचता हूं, तो बहुत ही अफसोस होता है. मेरे पिता जी का कपड़ों का बिजनेस था. मैं चार भाई हूं. मेरे तीन भाई शुरू से ही पढ़ने में बहुत ही अच्छे रहे. मैं जब 8वीं में पढ़ता था, तभी एक दोस्त के कारण शराब पीने लगा. शुरू में तो बस शौक से पीता था. शराब के कारण जैसे-तैसे क्लास में पास कर पाता था. बड़े होने के बाद बांकी सब भाइयों को तो सरकारी नौकरी मिल गयी, लेकिन मैंने पिता जी के ही बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए सोचा. सो, मैं पापा के बिजनेस को संभालने लगा. लेकिन, जो भी कमाई होती थी, उसे मैं हर दिन शराब पर खर्च करने लगा. चूंकि शुरू में तो बिजनेस मजबूत था, घर में पैसे थे, इससे दिक्कत नहीं हुई. बाद में पता चला कि जो भी कमाई हो रही है, वह शराब पर खर्च हो जा रही है. फिर तो बिजनेस में लॉस होने लगा. मैं महीने में 40 हजार का लगभग शराब पी जाता था. धीरे-धीरे बिजनेस डूबने लगा. मैं हमेशा शराब के नशे में रहता था. इससे दुकान भी कई-कई दिन बंद रहने लगी. कुछ सालों के बाद बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया. आज मेरे पापा 98 साल के हैं, लेकिन उनसे अधिक मैं बूढ़ा लगता हूं. मैं घर में हर किसी के ऊपर निर्भर हो गया हूं. कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हूं. ऑथोराइटिस का शिकार हो गया हूं. लीवर खराब हाे चुका है. शराब छोड़ना चाहता हूं. रोहित शर्मा (बदला हुआ नाम)कोटशराब का नशा एक बार लगने के बाद उसे छुड़ाना मुश्किल होता है. शराब के नशे में रहनेवाला एक मरीज की तरह होता है. उसके साथ एक बच्चे की तरह हमें व्यवहार करना होता है. उन्हें समझाते हैं. उन्हें दूसरी चीजों का प्रलोभन देकर शराब छुड़ाने की हमलोग काेशिश करते हैं. – डाॅ विवेक विशाल, हितैसी हैप्पीनेस

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें