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भागवत के बयान पर नीतीश का पलटवार, राम का इस्तेमाल राजनीति के लिए

वार्ता या कोर्ट के फैसले का करें इंतजार पटना : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण संबंधी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने गुरुवार को भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए भगवान राम का नाम लेने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम […]

वार्ता या कोर्ट के फैसले का करें इंतजार
पटना : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण संबंधी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने गुरुवार को भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए भगवान राम का नाम लेने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम में भाजपा की श्रद्धा नहीं है. वे राम मंदिर मामले का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं.
भगवान राम के नाम का उपयोग ऐसे करते हैं, जैसे वे भाजपा के सदस्य हैं. वे राम मंदिर के मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं. इस मुद्दे को बनाये रखने, भुनाने और लोगों के मन में भगवान राम के प्रति जो भावना है, उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं.
नीतीश कुमार ने भाजपा पर चुटकी लेते हुए कहा कि राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे, तारीख नहीं बतायेंगे. उन्होंने कहा, कब मंदिर बनाना है, इसकी तारीख के भाजपा बताये? सबको पता है कि राम मंदिर का निर्माण दोनों पक्षों के बीच बातचीत और कोर्ट के फैसले के बाद ही होगा.
सीएम ने कहा कि इस दिशा में भाजपा को पहल करनी चाहिए.जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि देश में कोई हो, बड़ा हो या फिर छोटा हो, लेकिन संविधान से बड़ा कोई नहीं होता है.
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. वहां मंदिर था या फिर मसजिद था. इस मामले पर अब अदालत का जो फैसला आयेगा, वह मान्य होगा या फिर दोनों कमेटियां मिल कर ही कोई फैसला निकाल लें. इसके अलावा कोई दूसरा फैसला नहीं हो सकता है.
भागवत बोले, भव्य राम मंदिर के लिए तैयार रहें
नयी दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने समाज से सोमनाथ मंदिर की तरह ही भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तैयार रहने को कहा. भागवत ने बुधवार को कोलकाता में उम्मीद जतायी थी कि उनके जीवन काल में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जायेगा.
गुरुवार को इस मुद्दे पर भागवत को उद्धृत करते हुए आरएसएस की ओर से कई ट्वीट किये गये. एक ट्वीट में भागवत ने कहा कि सोमनाथ मंदिर तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से पुनर्निर्मित किया गया और तत्कालीन राष्ट्रपति ने उसकी आधारशिला रखी थी.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, भारत धर्म और संस्कृति के संबंध में समृद्ध है. राम हमारे आदर्श हैं, जिन्हें कुछ लोग भगवान और कुछ लोग महापुरुष मानते हैं. समाज को राम और शरद कोठारी से प्रेरणा लेते हुए उठना चाहिए और सोमनाथ की तरह भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तैयार रहना चाहिए. राम और शरद कोठारी आरएसएस के उन कार्यकर्ताओं में से थे, जो 1990 में ‘कारसेवकों’ पर पुलिस की गोलीबारी में तब मारे गये थे, जब उन्होंने अयोध्या में विवादित ढांचे की ओर जाने की कोशिश की थी. भागवत ने कोलकाता में कथित तौर पर कहा था ‘‘व्यापक लक्ष्य शायद हमारे अपने समय में हकीकत में बदल जाये. शायद हम इसे अपनी आंखों से देख सकें. विहिप नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में भी भागवत ने इस मुद्दे को उठाया था.
छह को विहिप लेगी मंदिर बनाने का संकल्प
छह दिसंबर को अयोध्या में हुए बाबरी विध्वंस की 23वीं बरसी है. बीते दिनों विश्व हिंदू परिषद ने इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में माने की बात कही थी. खबरों के मुताबिक शौर्य दिवस के कार्यक्रम में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने और काशी और मथुरा की मुक्ति का संकल्प लिया जायेगा. इस कार्यक्रम को लेकर बड़ी तैयारियां की जा रही हैं और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है.

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