35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शादी के तीन माह बाद ही पत्नी ने छोड़ दिया

पटना : कहते हैं नशा इनसान को नहीं छोड़ता है. एक बार इसकी लत लग गयी तो वह इंसान को अपने तरीके से नचाता रहता है. पहले हम अपनी मरजी से जीते हैं, लेकिन शराब का नशा होने के बाद हम उसके तरीके से जीने को मजबूर हो जाते हैं. इसके चक्कर में सारा कुछ […]

पटना : कहते हैं नशा इनसान को नहीं छोड़ता है. एक बार इसकी लत लग गयी तो वह इंसान को अपने तरीके से नचाता रहता है. पहले हम अपनी मरजी से जीते हैं, लेकिन शराब का नशा होने के बाद हम उसके तरीके से जीने को मजबूर हो जाते हैं. इसके चक्कर में सारा कुछ पीछे छूट जाता है.
यह कहानी किसी एक के साथ नहीं, बल्कि आये दिन शराब पीनेवालों के साथ होती है. ऐसे व्यक्ति माता-पिता के लिए तो अभिशाप बनते ही हैं. अगर उनकी शादी हो जाये, तो पत्नी से भी रिश्ता सही नहीं रहता है. परिवार में बिखराव हो जाता है. ऐसे ही एक शराब के आदी हो चुके व्यक्ति की कहानी हम उन्हीं की जुबानी आपको पढ़ा रहे हैं.
दोस्तों की गलत संगत ने बरबाद किया
बचपन से ही मैं पढ़ने में बहुत ही अच्छा रहा. हमेशा पढ़ाई पर ध्यान रहता था. चूंकि मेरे पिता पटना सायंस कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. इस कारण पढ़ाई से लगाव काफी था. प्लस टू करने के बाद दोस्तों की संगत में एक-दो बार शराब का सेवन किया. इसके बाद अक्सर शराब की पार्टी दोस्तों संग होने लगी. इस बीच मेडिकल की पढ़ाई के लिए मास्को गया.
वहां पर शराब की लत लग गयी. हालत ऐसी हो गयी कि पढ़ाई बीच में छोड़ कर आना पड़ गया. जैसे-तैसे एमबीए का कोर्स किया. जॉब करने लगा. लेकिन शराब नहीं छूटी. इसी बीच मेरी शादी हो गयी. पत्नी बहुत ही अच्छी थी, लेकिन शादी के तुरंत बाद ही मैं उसके साथ काफी मारपीट करने लगा. वह विरोध नहीं करती थी. मेरा एक बेटा भी है. अब वह छह साल का हो गया है. मेरे शराब पीने के कारण वह मुझसे काफी डरता है. इससे वह डिप्रेशन में चला गया है. पत्नी तो मुझे शादी के तीन माह बाद ही छोड़ कर चली गयी.
कोर्ट में तलाक का केस भी चला. मैंने कोशिश की कि पत्नी छोड़ कर नहीं जाये, लेकिन मैंने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया था कि वह मेरे पास वापस नहीं आना चाहती थी. एक साल बाद मेरा तलाक हो गया.
मेरे शराब पीने के कारण पिता बीमार पड़ गये. बीमार पिता को भी मैं देख नहीं पाता हूं. बेटा मेरे पास नहीं आना चाहता हैं. मैं शराब छोड़ना चाहता हूं. दिशा नशा मुक्ति केंद्र से इलाज भी करवा रहा हूुं, लेकिन अभी भी जब सहन नहीं होता है, तो सड़क किनारे मिलनेवाला पाउच ही पी लेता हूं. मैं चाहता हूं कि अब शराब नहीं पीयूं. मैं फिजिकली भी काफी कमजोर हो गया हूं. आंखें ठीक से काम नहीं कर रही हैं. पांव भी सही से काम नहीं कर रहे हैं.
शराब पीनेवालों की हम लोग काउंसेलिंग करते हैं. शराब से होनेवाली गड़बड़ी के बारे में उन्हें जानकारी देते हैं. लेकिन शराब छुड़ाने में परिवार को सपोर्ट बहुत ही जरूरी है. पीड़ित को इमोशनली उन्हें समझाने की जरूरत होती है. शराब पीनेवालों के साथ बच्चों के जैसा हमें व्यवहार करना पड़ता है.
राखी, फाउंडर, दिशा नशा मुक्ति केंद्र

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें