आइसीएआइ के केंद्रीय परिषद् का चुनाव कल, एनएफआरए होगा बड़ा मुद्दा, संशोधित- हर वर्ग के मुद्दों पर उम्मीदवार फोकस, आइसीएआइ को वोकल-पॉलिटिकली सिग्नीफिकेंट बनाने पर जोर- संस्थान से जुड़े ढ़ाई लाख से अधिक मेंबर करेंगे मतदानसंवाददाता, पटनादि इंस्टीच्युट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (आइसीएआइ) का नाम आते ही हमारे जेहन में अकाउंट शीट में उलझे चार्टर्ड अकाउंटेंटों की तसवीर उभर पड़ती है. एक ऐसा संस्थान, जिसके बारे में सिर्फ मार्च-अप्रैल में ही अधिक चर्चा होती है. दूसरे संगठनों के मुकाबले यह न तो वोकल है और न ही पॉलिटिकली सिग्नीफिकेंट. अपने और अपने सदस्यों के मुद्दों को लेकर भी यह कभी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन आदि में भी नहीं दिखता. लेकिन आज कल इनसे जुड़े मुद्दे पर चर्चा हो रही है. इसकी वजह चार व पांच दिसंबर को होने वाले केंद्रीय व क्षेत्रीय परिषद् के सदस्यों का चुनाव है. इस चुनाव से जुड़े उम्मीदवार उनके मुद्दों को रखने का काम कर रहे हैं.एनएफआरए बन रहा बड़ा मुद्दाइस सांगठनिक चुनाव में एनएफआरए (नेशनल फिनांशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी) बड़ा मुद्दा है. कंपनीज एक्ट 2013 के सेक्शन 132 के तहत सरकार ने इसका गठन किया है. यह अथॉरिटी अकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग स्टैंडर्डस के लिए एपेक्स बॉडी बतायी जा रही है, जिसके पास कंपनियों के ऑडिट को रिव्यू व दंडित करने का अधिकार होगा. इस अथॉरिटी को आइसीएआइ की स्वायत्तता पर हमला बताते हुए संगठन इसका विरोध कर रहा है. इसके साथ ही नवगठित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में पांच साल के अनुभव की बाध्यता और स्वतंत्र निदेशक के प्रारूप को लेकर भी सदस्यों में आक्रोश है.ढ़ाई लाख सदस्य करेंगे मतदानइस चुनाव में आइसीएआइ के करीब ढ़ाई लाख सदस्य मतदान करेंगे. चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. पांच दिसंबर को सेंट्रल काउंसिल के 32 सदस्यों का चुनाव होना है. इसके लिए पांच रीजन से 137 उम्मीदवार हैं. इस रीजन में बिहार झारखंड के साथ राजस्थान यूपी, उत्तराखंड, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश भी हैं. इनमें सात सीटों के लिए सबसे अधिक 58 उम्मीदवार नॉदर्न रीजन से जबकि तीन सीटों के लिए सबसे कम दस उम्मीदवार इस्टर्न रीजन से हैं. बिहार-झारखंड आइसीएआइ के सेंट्रल रीजन में आता है, जहां पांच पदों के लिए 22 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. हर वर्ग के मुद्दों पर फोकसउम्मीदवारों ने अपने मतदाताओं को लेकर अलग-अलग रणनीति बनायी है. प्रैक्टिस मेंबर हो या सर्विस में, वीमेन प्रोफेशनल्स हो युवा या सीनियर मेंबर्स हो, हर वर्ग के मुद्दों को समझ कर उनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. महिला सदस्यों को आईसीएआइ में हर स्तर पर जगह दिलाने के लिए आरक्षण सुनिश्चित कराना होगा. बीपीसीएल निदेशक बने राजेश मंगल भी उम्मीदवारआईसीएआई की केंद्रीय परिषद् के लिये सेंट्रल रीजन से सीए राजेश मंगल भी उम्मीदवार बने हैं. राजेश भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और भाजपा सीए प्रकोष्ठ, राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अभी हाल ही में उनकाे केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में निदेशक बनाया है. 1991 से सीए प्रैक्टिस कर रहे राजेश मंगल ने राजस्थान, झारखंड के बाद बिहार में भी भाजपा के चुनाव प्रबंधन का काम देखा है.सीए समुदाय को सशक्त बनाना उद्देश्यराजेश मंगल सीए समुदाय को सामाजिक व राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं. श्री मंगल पिछले दिनों में बिहार, झारखंड और राजस्थान के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से मिल कर अपने चुनाव के लिए समर्थन हासिल कर चुके हैं. उनको राजस्थान में बीस साल से ज्यादा काम करते हुए हो गये हैं. प्रोफेशन के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुये उनको सीए समुदाय का समर्थन मिल रहा है. अवसर बढ़ाने के मुद्दे पर मुखरवे शुरू से ही सीए सदस्यों के लिए अवसर बढ़ाने के मुद्दे पर मुखर रहे हैं. उनका मानना है की सरकार के वित्त एवं एकाउंट्स विभाग व सार्वजनिक उपक्रमों की नौकरी में सीए को विशेष वरीयता दी जानी चाहिए साथ ही प्रैक्टिस करने वाले सीए, खासकर युवा एवं छोटे/मध्यम प्रैक्टिस करने वालों के लिये नये अवसर तलाशने चाहिए. सरकार से बेहतर तालमेल के साथ ही सदस्यों की विभिन्न मांगों को उचित मंच पर प्रभावी ढ़ंग से उठाना आज की जरुरत है. रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग विकसित करना, महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन, ऑडिट की स्वतंत्रता सहित कई मुद्दों पर वे संगठन के विफलता होने की बात करते हैं. प्रमुख मुद्दे :– सरकार व अथॉरिटिज के साथ प्रभावी तालमेल स्थापित करना – प्रैक्टिस एवं सेवारत सदस्यों के लिए गंभीरतापूर्वक नये रास्ते खोलना- पीएसयू के बोर्ड में बतौर स्वतंत्र निदेशक चार्टर्ड अकाउंटेंटों की नियुक्ति का प्रयास करना- प्रोफेशन में बेवजह की परेशानी पैदा करने वाले नियमों का सरलीकरण करना- पोस्ट क्वालिफिकेशन कोर्स के लिए फी स्ट्रक्चर कम करना – बिहार, झारखंड, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में उपिस्थति बढ़ाने के लिए नयी शाखाएं प्रारंभ करना.- रिसर्च विंग स्थापित कर युवा सदस्यों के लिये नए अवसर तलाशना एवं 24 गुणा 7 एक्सपर्ट एडवाइजरी सेल स्थापित करना.दो सीए का कोट : – सीए अनिल अग्रवाल : आइसीएआइ चुनाव में कोई एक मुद्दा नहीं है. हर उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से मिल कर अपना मुद्दा बता रहा है. एसएमएस-मेल के जरिये भी समर्थन मांगे जा रहे हैं. पांच दिसंबर को हर सीए अपने विवेक से वरीयता तय करते हुए बैलेट पेपर पर वोट करेगा. – सीए अशोक कुमार पांडे : हर उम्मीदवार मुद्दा तय कर खुद सीए मतदाताओं के बीच जा रहा है. सीआइआरसी से मैं खुद भी रिजनल काउंसिल से उम्मीदवार हूं, इसलिए मुद्दों को लेकर हर मतदाता तक पहुंचने का प्रयास कर रहा हूं. 25 से ज्यादा सदस्य होने पर बूथ बनेगा जबकि उससे कम होने पर पोस्टल बैलेट से वोटिंग होगी. महीने तक अंत तक चुनाव परिणाम आने की उम्मीद है.नोट : दोबारा पढ़ी गयी.\\\\B
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आइसीएआइ के केंद्रीय परिषद् का चुनाव कल, एनएफआरए होगा बड़ा मुद्दा, संशोधित
आइसीएआइ के केंद्रीय परिषद् का चुनाव कल, एनएफआरए होगा बड़ा मुद्दा, संशोधित- हर वर्ग के मुद्दों पर उम्मीदवार फोकस, आइसीएआइ को वोकल-पॉलिटिकली सिग्नीफिकेंट बनाने पर जोर- संस्थान से जुड़े ढ़ाई लाख से अधिक मेंबर करेंगे मतदानसंवाददाता, पटनादि इंस्टीच्युट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (आइसीएआइ) का नाम आते ही हमारे जेहन में अकाउंट शीट में उलझे चार्टर्ड अकाउंटेंटों […]
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