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मरीजों का खाना बंद, दवाओं की भी कमी
पटना सिटी : श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल को मॉडल व आधुनिक अस्पताल बनाने की दिशा में कार्य होगा. एक सप्ताह के अंदर स्थिति नहीं सुधरी, तो चिकित्सकों से लेकर कर्मियों पर कार्रवाई होगी. दरअसल सोमवार की रात अनुमंडल पदाधिकारी अनिल राय अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के क्रम में एसडीओ को मरीजों […]
पटना सिटी : श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल को मॉडल व आधुनिक अस्पताल बनाने की दिशा में कार्य होगा. एक सप्ताह के अंदर स्थिति नहीं सुधरी, तो चिकित्सकों से लेकर कर्मियों पर कार्रवाई होगी. दरअसल सोमवार की रात अनुमंडल पदाधिकारी अनिल राय अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे थे.
निरीक्षण के क्रम में एसडीओ को मरीजों ने बताया कि खाना नहीं दिया जा रहा है. दवाओं की कमी है. हालांकि निरीक्षण के दरम्यान इमरजेंसी में कार्यकरत चिकित्सकों व कर्मचारियों की उपस्थिति ठीक-ठाक थी. एसडीओ ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में अस्पताल के अंदर पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं थी, रोगियों को खाना नहीं मिल रहा है, दवाओं की कमी से रोगी बाजार से दवा की खरीदारी कर रहे है.
चारों तरफ गंदगी फैली है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालित सफाई व्यवस्था को एक सप्ताह के अंदर दुरूस्त करने को कहा. ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की बात कहीं. निरीक्षण के क्रम में एसडीओ ने इमरजेंसी में दवाओं का स्टॉक देखा. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ रोगी कल्याण समिति को दवाओं की खरीदारी का आदेश अस्पताल के अधीक्षक डॉ मुकेश कुमार को दिया. एसडीओ ने स्पष्ट कहा कि अब अस्पताल की स्थिति सुधारने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किया जायेगा.
न केमिकल, न लैब, मिल जायेंगे प्रैक्टिकल के अंक!
सेंटअप परीक्षा नजदीक आते ही स्कूलों को परीक्षार्थियों के लिए लैब की सताने लगी चिंता
अनुपम कुमारी, पटना
15 दिसंबर से सभी स्कूलों में सेंटअप परीक्षा शुरू हो जायेगी. 30 अंक की प्रायोगिक परीक्षाएं भी स्कूलों में ही ली जानी हैं, पर स्कूल के लैब में न तो केमिकल है और न ही
लैब शिक्षक. ऐसे में बच्चे बिना केमिकल
और लैब के ही परीक्षा में पास कर दिये जायेंगे. यह हाल है पटना जिले के हाइस्कूलों का है, जहां बच्चे बिना लैब के पढ़ाई करने काे मजबूर हैं.
ताकि अटेंडेंस प्रॉब्लम न हो
स्कूलों में अभी से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. बोर्ड परीक्षार्थी भी इसके लिए कक्षाओं में नियमित पहुंचने लगे हैं, ताकि परीक्षा फाॅर्म भरने के समय अटेंडेंस प्रॉब्लम न हो. बच्चों की इस तैयारी में
अब भी स्कूल पूरी तरह से तैयार नहीं है. स्कूल में साइंस परीक्षार्थियों के प्रयोगशाला में लैब की व्यवस्था की गयी है, पर लैब में न तो
बच्चों के सिलेबस से जुड़े केमिकल हैं और न ही इक्यूपमेंट, जिससे बच्चे प्रैक्टिकल कर सकें.
स्कूलों के कमरे में बंद पड़े हैं अधिकतर लैब
पटना जिला में 243 हाइस्कूल हैं. इन स्कूलों में लैब की व्यवस्था की गयी है. बावजूद इन स्कूलों के लैब कमरे में बंद पड़े हैं. ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक व कमरे के अभाव में लैब बंद पड़ा है तो कहीं स्कूल की लापरवाही से कुछ स्कूलों में शिक्षक हैं भी तो उनमें
सिलेबस से संबंधित केमिकल नहीं
होने से बच्चे इसका समुचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
बीएन कॉलेजिएट: लैब में स्क्रूटनी की कॉपियां
बीएन कॉलेजिएट स्कूल के लैब वाले कमरे में स्क्रूटनी की काॅपियां रखी पड़ी हैं. बच्चों का लैब पूरी तरह से बंद पड़ा है. बंद पड़े कमरे में प्रयोग में लाने वाली मशीनें भी पूरी तरह खराब हो चुकी हैं, यही हाल अन्य स्कूलों का है. बांकीपुर गर्ल्स स्कूल की बारहवीं का छात्राओं का कहना है कि पूरे साल लैब में क्लास नहीं होती है, बसपरीक्षा के समय बताया जाता है. हमारे यहां सेरिक अमोनियम नाइट्रेट व सोडियम बाइकारबोनेट नहीं होने से हमें उसके रिएक्शन के बारे में नहीं बताया जा रहा है.
हमारे यहां साइंस की शिक्षिका समय-सयम पर लैब में बच्चियों को क्लास करवाती हैं. इस वर्ष चुनाव कार्यों को लेकर स्कूल में कई कार्य बाधित रहने के कारण केमिकल कम पड़ गये. हालांकि शिक्षिकाओं द्वारा सूचना देने पर इसे स्कूल विकास मद से मंगाया जाता है.
विजया कुमारी, प्राचार्य,
बांकीपुर गर्ल्स हाइस्कूल
हमारे यहां कमरे की कमी है. शिक्षक भी नहीं हैं. शिक्षक के अभाव में जैसे-तैसे विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. बच्चों को सिलेबस संबंधी कोई परेशानी न हो, इसके लिए बच्चों को बाहर से बुलाये गये शिक्षकों से भी जानकारी दी जा रही है. ताकि उन्हें दिक्कत न हो
गायत्री सिंह, प्राचार्य,
बीएन कॉलेजिएट
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