पर्यटकों को कॉटेज, हमारे लिए पड़ाव तक नहीं पशु विक्रेताओं को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं- पशु मेले के लिए विख्यात सोनपुर मेले में बाजारवाद पर जोर रविशंकर उपाध्याय, पटना क्या साहब! पर्यटकों के लिए कॉटेज और हमारे लिए पड़ाव तक नहीं? सोनपुर मेले में पशु विक्रेता आरा निवासी कृष्ण कुमार ने कहा कि हमीं से रौनक, हमीं से अदावत. उनका कहना है कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जाती है़ इनका दर्द जायज है़ देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए बने चमकते और अतुल्य बिहार की छवि का संदेश देते कॉटेज के ठीक 25 मीटर दूर लगा पशु बाजार बुरी स्थिति में है़ यहां पहुंचते ही आपको महसूस होगा कि कहीं बरसों से लगे हुए अस्तबल के किनारे पहुंच गये हों. पशुओं के साथ ही आदमी की भी जगह. यहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए तो पहुंचते ही हैं, मेले का मनोरम दृश्य देखने विदेशी सैलानी भी खिंचे चले आते हैं. लेकिन, जिसके लिए मेला जाना जाता है, सबसे ज्यादा प्रशासनिक अव्यवस्था और उपेक्षा वहीं पर दिखाई देता है. मेले पर बाजारवाद हावीपशु विक्रेताओं की मानें तो उन्हें प्रशासन कोई सुविधा नहीं मिलती है़ उनके आवास, भोजन के साथ दैनिक क्रिया आदि की सारी जिम्मेवारियां खुद के कंधे पर होती हैं. यही कारण है कि वह हरिहर क्षेत्र मेला, जिसकी प्रसिद्धि सबसे बड़े पशु मेले के रूप में है, धीरे-धीरे खोती जा रही है. यहां अब बाजार वाद पूरी तरह हावी हो चुका है. आनेवाले लोग मेले, तमाशे, प्रदर्शनी के साथ कथित तौर पर रंगारंग कार्यक्रम कहे जानेवाले थियेटर का लुत्फ भी उठाते हैं.
BREAKING NEWS
पर्यटकों को कॉटेज, हमारे लिए पड़ाव तक नहीं
पर्यटकों को कॉटेज, हमारे लिए पड़ाव तक नहीं पशु विक्रेताओं को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं- पशु मेले के लिए विख्यात सोनपुर मेले में बाजारवाद पर जोर रविशंकर उपाध्याय, पटना क्या साहब! पर्यटकों के लिए कॉटेज और हमारे लिए पड़ाव तक नहीं? सोनपुर मेले में पशु विक्रेता आरा निवासी कृष्ण कुमार ने कहा कि हमीं […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement