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सेल्फी लेने के चक्कर में डूबे चार युवक, दो की मौत

सेल्फी लेने के चक्कर में डूबे चार युवक, दो की मौत फोटो-5-नाव से शवों की खोज करते लोगगंगा नदी में गहरे पानी में गये थे युवकमहनार के अलीपुर हट्टा की है घटनादो युवक की नदी में डूब कर मौतएक को स्नान कर रही युवती ने दुपट्टा का सहारा देकर बाहर निकालाएक युवक तैर कर निकला […]

सेल्फी लेने के चक्कर में डूबे चार युवक, दो की मौत फोटो-5-नाव से शवों की खोज करते लोगगंगा नदी में गहरे पानी में गये थे युवकमहनार के अलीपुर हट्टा की है घटनादो युवक की नदी में डूब कर मौतएक को स्नान कर रही युवती ने दुपट्टा का सहारा देकर बाहर निकालाएक युवक तैर कर निकला बाहरमृत युवकों में एक अपनी बहन की शादी के बाद उसके साथ आया थामृत एक युवक पूर्णिया से अपने मौसेरे भाई की शादी में आया था गांवमहनार/लालगंज. सेल्फी लेने का शौक दो युवकों को महंगा पड़ा और उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा. इन युवकों में लालगंज थाने के घटारो गांव के अशोक सिंह का 18 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार और महनार के अलीपुर हट्टा गांव के रजनीश कुमार का मौसेरा भाई और पूर्णिया जिला निवासी बाबूल कुमार शामिल हैं. ये दोनों युवक अन्य दो युवकों के साथ घूमते हुए गंगा किनारे गये और सेल्फी लेने के चक्कर में गहरे पानी में चले गये. दो साथियों के डूब जाने के बाद एक युवक जहां तैर कर नदी पार कर गया, वहीं दूसरे को घाट पर स्नान कर रही एक लड़की ने अपने दुपट्टे के सहारे बाहर निकाला.गोताखोरों के प्रयास के बावजूद नहीं मिला शव: घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ प्रमोद कुमार और थानाध्यक्ष भागीरथ प्रसाद ने घटनास्थल पर पहुंच कर शवों को बरामद करने का प्रयास तेज किया. गोताखोर देर शाम तक इस प्रयास में लगे रहे, लेकिन शव बरामद नहीं किये जा सके. बहन के यहां आया था आशीष: 27 नवंबर को आशीष की चचेरी बहन की शादी अलीपुर हट्टा गांव निवासी गौरी शंकर सिंह के पुत्र रजनीश कुमार के साथ हुई थी और शादी के बाद वह अपनी बहन के साथ वहां गया था. शादी में आये अपने जीजा के संबंधियों के साथ घूमते हुए वह गंगा नदी तक गया था. वहीं, दूसरा युवक बाबूल कुमार रजनीश का मौसेरा भाई था और पूर्णिया जिले से अपने मौसेरे भाई की शादी में भाग लेने आया था.अनजान लड़की ने बचायी एक की जान: जिस घटना में इन दोनों के अलावा एक और युवक भी डूब सकता था, लेकिन ऐन मौके पर घाट पर स्नान कर रही एक अनजान युवती ने डूब रहे युवक के सहारे के लिए अपना दुपट्टा फेंक दिया, जिसके सहारे वह पार कर गया, वहीं दूसरा युवक तैर कर पार कर गया.मातम में डूबा है आशीष का घर: तीन दिन पूर्व जिस घर में शहनाई बज रही थी, वह घर आज मातम में डूबा है. किसी को नहीं मालूम था कि जिस उल्लास के साथ अशोक कुमार सिंह ने अपने भतीजी की डोली सजायी थी, वह दो दिन बाद ही मातम में बदल जायेगी और उनके घर का चिराग ही बुझ जायेगा. घटना की सूचना मिलते ही आशीष के माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन एवं अन्य परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है. इंटर का छात्र था आशीष: चार भाई- बहन में सबसे बड़ा आशीष जमुनी लाल कॉलेज का इंटर द्वितीय वर्ष का छात्र था और काफी मिलनसार था. घटना की सूचना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.

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