खुलने लगा बिहार में नकली दवाओं का खेल – सोमवार को भी जीएम रोड के तीन दुकानो में छापेमारी, 56 दवाएं मिलीं मिस ब्रांडेडतसवीर जेपी व सरोज दोनों के पास हैसंवाददाता,पटना औषधि व वाणिज्यकर विभाग की संयुक्त छापेमारी के बाद अब बिहार के दवा व्यवसाय करने वाले सहम गये हैं. जीएम रोड में जिन दुकानों में छापेमारी हुई है, वहां से अब तक भारी मात्रा में मिस ब्रांडेड दवा मिली है. विभाग के मुताबिक मिस ब्रांडेड का मतलब होता है, बिना बिल की दवा को बाजार में बेचना, रैपर बदल कर दवा बेचना, दवा पर मैनुफैक्चरिंग डेट का नहीं होना. यानी अब तक जीएम रोड से पकड़ी गयी दवाओं में अधिकांश नकली हैं. अब तक जांच में बिना बिल की दवा किस कंपनी से मंगायी गयी है, इसकी जानकारी नहीं है. आशंका है कि यह दवा बिहार में भी बनवायी गयी हो. बस एक्सपायरी डेट डालने की जरूरतखास बात यह है कि जिन दवाओं के रैपर पर मैनुफैक्चरिंग डेट नहीं है, उन दवाओं को कभी भी बस एक्सपायरी डेट देकर बाजार में उतारा जा सकता है. चाहे वह दवा 10 साल पहले ही पैक क्यों न हुई हो. इसी तरह से रैपर ब्रांडेड कंपनी की दवा का रैपर बना कर लोकल दवा के रैपर पर चढ़ा कर दुकानदार बाजार में बेच सकते हैं. इसी तरह से जीएम रोड से पूरे बिहार में नकली दवाओं का कारोबार खुलेआम चल रहा है. छापेमारी में सोमवार तक 67 लाख से अधिक की दवा सीज औषधि व वाणिज्यकर विभाग की छापेमारी में सोमवार तक 67 लाख से अधिक की दवाएं जब्त हो चुकी हैं. उनमें अधिकांश दवाओं के रैपर पर मैनुफैक्चर व एक्सपायरी की तारीख नहीं है. इस कारण से इन दवाओं को जब्त किया किया गया है. 180 तरह की पकड़ी गयी दवाओं में 43 दवाओं को लैब में क्वालिटी टेस्ट के लिए भेजा गया है. जांच टीम के मुताबिक छापेमारी के दौरान टैक्स चोरी का बड़ा मामला सामने आया है. दुकान के संचालक बिना बिल व ऐसी कंपनी की दवा मंगा कर बाजार में बेज रहे हैं, जिसका लैब टेस्ट कहां होता है, इसको लेकर भी कोई पेपर नहीं है. ऐसे में इन बाजारों से सप्लाइ होनेवाली दवा सही है या नहीं, यह जांच के बाद ही पता चल पायेगा. सोमवार को इन तीन दुकानों में हुई छापेमारीजीएम रोड में सोमवार को सावित्री सेल्स, पूरन इंटरप्राइजेज व सोनी सर्जिकल में छापेमारी हुई, जिसमें गोदाम में रखी गयी दवाइयों के रैपर पर मैनुफेक्चरिंग डेट नहीं थी. इस कारण से उस गोदाम में रखी सभी कार्टन को जब्त कर लिया गया. इसके अलावा इन दुकानों में कुछ ऐसी दवाएं मिली हैं, जिसके बिल नहीं हैं और लेजर बुक में भी उसका कोई जिक्र नहीं है. छापेमारी में दुकानों में एक्सपायरी दवाएं भी मिली हैं और इसके अलावा कुछ सीरप पाये गये हैं, जिसके ऊपर का रैपर उतरा हुआ था. उन सभी दवाओं को जांच के लिए भेज दिया गया है. फर्जी बिल व मुहर की हो रही जांच टीम के सदस्यों के मुताबिक छापेमारी के दौरान बहुत से दुकानों से नकली बिल भी पाये गये हैं. इसके अलावा मुहर व रैपर भी मिले हैं. उन्हें भी जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है. छापेमारी में मिली संदिग्ध सभी चीजों की रिपोर्ट तैयार की गयी है, जिसका खुलासा विभागीय स्तर पर होगा. कोट : जीएम रोड में हुई तीन दुकानों में छापेमारी के दौरान मिस ब्रांडेड दवा मिली है और इन दवाओं का बिल भी नहीं है. इस कारण से दवा को जब्त कर लिया गया है. दुकानों में चल रही छापेमारी में बिना बिल की मंगायी गयी दवाओं की संख्या सबसे अधिक है. इन दवाओं को जांच के लिए लैब भेजा गया है.- रमेश प्रसाद, बिहार स्टेट ड्रग कंट्रोलर \\\\B
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खुलने लगा बिहार में नकली दवाओं का खेल
खुलने लगा बिहार में नकली दवाओं का खेल – सोमवार को भी जीएम रोड के तीन दुकानो में छापेमारी, 56 दवाएं मिलीं मिस ब्रांडेडतसवीर जेपी व सरोज दोनों के पास हैसंवाददाता,पटना औषधि व वाणिज्यकर विभाग की संयुक्त छापेमारी के बाद अब बिहार के दवा व्यवसाय करने वाले सहम गये हैं. जीएम रोड में जिन दुकानों […]
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