मोकामा : मोकामा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार के ट्रैक पर काम कर रहे रेलकर्मी बुधवार को ट्रेन की चपेट में आने से बाल–बाल बच गये़ दर्जनों रेलकर्मी मोकामा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार के ट्रैक को बदलने का काम कर रहे थे. इसी दौरान दरभंगा- पटना- कमला-गंगा इंटरसिटी उसी ट्रैक पर आ गयी जिस […]
मोकामा : मोकामा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार के ट्रैक पर काम कर रहे रेलकर्मी बुधवार को ट्रेन की चपेट में आने से बाल–बाल बच गये़ दर्जनों रेलकर्मी मोकामा स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार के ट्रैक को बदलने का काम कर रहे थे. इसी दौरान दरभंगा- पटना- कमला-गंगा इंटरसिटी उसी ट्रैक पर आ गयी जिस पर रेलकर्मी काम कर रहे थे.
ट्रेन को देख कर प्लेटफॉर्म संख्या चार पर मौजूद लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. ट्रेन को आते देख ट्रैक पर काम कर रहे रेलकर्मी तुरंत लाल झंडा दिखा कर ट्रेन को रोकने का प्रयास करने लगे, लेकिन तब तक ट्रेन काफी पास आ चुकी थी. रेलकर्मी ट्रैक को बदल कर फिश प्लेट को पूरी तरह कस भी नहीं पाये थे कि अचानक ट्रेन पास आ गयी. ट्रेन को आते देख रेलकर्मियों ने तुरंत आनन–फानन में फिश प्लेट को लगाया. हालांकि, फिश प्लेट में चार की जगह एक ही नट कसा पाया था कि ट्रेन की बोगी पटरी पर गुजर गयी. शुक्र है कि कोई हादसा नहीं हुआ. ट्रेन अगर स्पीड में रहती तो हादसा हो सकता था.
ट्रेन के रुकने के बाद बाकी सभी नटों को कसा गया. रेल सूत्रों के अनुसार पटरी बदलने का काम बिना ब्लॉक लिये ही कराया जा रहा था. ट्रैक बदलने का काम पीडब्ल्यूआइ द्वारा किया जा रहा था. गौरतलब है कि राजधानी एक्सप्रेस के बाल–बाल बचने के बाद स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार की पटरी को बदलने का काम किया जा रहा था. एडीआरएम के आने की सूचना के बाद पटरी बदलने का काम चल रहा था. इसी दौरान यह घटना घटी.
स्टेशन उपाधीक्षक को मेमो भी नहीं दिया गया था
राजधानी एक्सप्रेस मामले के बाद भी स्थानीय रेलकर्मियों ने कोई सबक नहीं लिया और शॉर्ट कट अपनाते हुए बड़ी लापरवाही दिखायी. पीडब्ल्यूआइ द्वारा ट्रैक पर काम करने के लिए ब्लॉक भी नहीं लिया गया था और मेमो भी नहीं दिया गया था. स्टेशन मास्टर की जानकारी के बिना पीडब्ल्यूआइ द्वारा काम करवाया जा रहा था. ट्रेन की रफ्तार यदि ज्यादा होती तो ट्रैक पर काम कर रहे गैंगमैन दुर्घटना के शिकार होते या फिर बिना पूरी तरह कसे हुए फिश प्लेट से ट्रेन गुजरने पर दुर्घटना होने की भी आशंका थी. स्टेशन मास्टर बीके सिन्हा ने बताया कि पीडब्ल्यूआइ द्वारा उनको कोई मेमो नहीं दिया गया था.