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वैशाली की झोली भरी भागलपुर की रही खाली

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में देश के पहले गणराज्य वैशाली का दबदबा रहा तो आधुनिक बिहार की राजधानी पटना का दामन खाली रह गया. इसका पहले की सरकारों में पटना का दबदबा रहता था. संभवतह यह पहला मंत्रिमंडल है जिसमें पटना जिले से एक भी मंत्री नहीं है. भागलपुर, खगड़िया, शिवहर, अरवल, […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में देश के पहले गणराज्य वैशाली का दबदबा रहा तो आधुनिक बिहार की राजधानी पटना का दामन खाली रह गया. इसका पहले की सरकारों में पटना का दबदबा रहता था. संभवतह यह पहला मंत्रिमंडल है जिसमें पटना जिले से एक भी मंत्री नहीं है. भागलपुर, खगड़िया, शिवहर, अरवल, किशनगंज, शेखपुरा एेसे जिले हैं जहां की सारी सीट महागंठबंधन के पास है लेकिन मंत्री एक भी नहीं. भागलपुर प्रमंडल की 12 सीट मेें से 11 सीट महागंठबंधन को मिला लेकिन मंत्री पद एक भी नहीं. सूबे के 18 जिलों का मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं है. भागलपुर में विधानसभा की सात सीट है लेकिन मंत्री एक भी नहीं.
किशनगंज और खगड़िया चार -चार सीट है लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं मिली. यही हाल दो- दो सीट वाले शेखपुरा और अरवल तथा 1 सीट वाले जिला शिवहर का रहा.
18 जिलों को नहीं मिला कैबिनेट में स्थान : नीतीश कुमार के कैबिनेट में 20 जिलों के विधायकों को जगह मिली है. राज्य के 18 ऐसे जिले हैं जहां महागंठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस) के उम्मीदवार जीत कर विधायक बने हैं, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है. नीतीश कैबिनेट में पटना समेत कुल 18 जिले से कोई विधायक मंत्री नहीं बना है. पटना, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया, शिवहर, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, खगड़िया, भागलपुर, बांका, लखीसराय, शेखपुरा, भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद व नवादा जिले के विधायक को प्रतिनिधत्वि नहीं मिला.

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