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खेती करना, किताब लिखना मंजूर लेकिन नीतीश के साथ नहीं जायेंगे : जीतन राम मांझी
पटना़ : पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं है. सामाजिक बदलाव का, विकास का उनमें सेंस रहता तो बात होती, लेकिन उन लोगों की एक ही मंशा है कि कुरसी कैसे पायी जाये? समझौता का कोई सवाल […]
पटना़ : पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं है. सामाजिक बदलाव का, विकास का उनमें सेंस रहता तो बात होती, लेकिन उन लोगों की एक ही मंशा है कि कुरसी कैसे पायी जाये? समझौता का कोई सवाल ही नहीं है.
हम घर पर बैठेंगे, किसानी करेंगे, खेती करेंगे, किताब लिखेंगे, भाषण देंगे, लेकिन इन लोगों के पल्ले नहीं पड़ेंगे. चाहे वे मुख्यमंत्री बनायें या फिर प्रधानमंत्री. जीतन राम मांझी ने महकार स्थित अपने पैतृक आवास पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जहां तक फाॅरवर्ड की बात है, तो लालू जी ने उन्हें बोथड़ कहा. बोथड़ तो वे हैं, जो लोगों को अपनी बोथड़इ से जलील करने काम कर रहे हैं. अपने तो तेज नहीं हुए दूसरे को वे बोथड़ कह रहे हैं.
श्री मांझी ने कहा कि अगर वह मखदुमपुर से पांच हजार वोट से भी जीतते हैं, तो यह उनके लिए हार जैसी ही होगी. क्योंकि, सीएम के पद पर रहते हुए उन्होंने इस जिले के विकास के लिए काफी कार्य किया है. जनता ने 15 साल का समय मिला, लेकिन नीतीश ने प्रशासनिक सुधार के काम नहीं किये.
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