पटना: पाटलिपुत्र स्टेशन 10 महीने से बन कर तैयार है. उद्घाटन की तिथि हर माह तय की जाती है और फिर टल जाती है. औपचारिक घोषणा के तहत गुरुवार को इस स्टेशन का उद्घाटन होना था. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व रेल मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे को पाटलिपुत्र स्टेशन का उद्घाटन और दो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाना था, पर हो नहीं सका.
दानापुर से चलीं दोनों ट्रेनें
गुरुवार को पाटलिपुत्र के बजाय दानापुर से प्लेटफॉर्म संख्या चार व पांच से चतुर्थवर्गीय रेलकर्मी उमेश ने गाड़ी संख्या 3255 पाटलिपुत्र- यशवंतपुर एक्सप्रेस व गाड़ी संख्या 2351 पाटलिपुत्र – चंडीगढ़ एक्सप्रेस को मो मजहर अली ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. पाटलिपुत्र से ट्रेनों का परिचालन कब शुरू होगा, रेलवे का कोई भी अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है. आलाधिकारियों को रात 12 बजे तक पक्की सूचना मिली कि रेल मंत्री या अन्य नेता नहीं आयेंगे. गुरुवार की सुबह में सभी रेल अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी और उद्घाटन कार्यक्रम पाटलिपुत्र के बजाय दानापुर में तय हुआ. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की सूचना शाम में रेल प्रशासन को मिल गयी थी. आमतौर पर रेल मंत्री या सीएम के नहीं आने पर स्थानीय सांसद से हरी झंडी दिखाने की परंपरा है. लेकिन, पाटलिपुत्र स्टेशन से जुड़े स्थानीय सांसद जनता की मांगों के साथ खड़े हैं.अब पाटलिपुत्र स्टेशन से ट्रेनों की रवानगी कार्यक्रम कब से होगी, अब तय नहीं है.
क्यों उत्पन्न हुई ऐसी स्थिति
स्टेशन उद्घाटन व ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की घोषणा के बाद से ही स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. स्टेशन बनने व रेल ट्रैक बिछने से पहले यह जलालपुर गांव के लोगों के आने-जाने का रास्ता था. अब रेल ट्रैक बिछ चुका है. ट्रेनें चलने लगेंगी, तो उनके आने-जाने का रास्ता बंद हो जायेगा. जलालपुर से होकर शहर की ओर लगभग आठ-दस और गांव के लोग आया-जाया करते हैं. 30 हजार से अधिक आबादी इससे प्रभावित होगी. लोगों ने रेल प्रशासन से मांग की कि ट्रेन का परिचालन शुरू करने से पहले लेवल क्रॉसिंग, रेलवे ओवरब्रिज व सड़क का निर्माण कराया जाये. जनता के समर्थन में स्थानीय सांसद डॉ रंजन प्रसाद यादव भी आये. पूर्व मध्य रेल के जीएम से लेकर रेलवे बोर्ड व रेल मंत्री तक को पत्र लिखने की बात कही. रेल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब उद्घाटन की तिथि तय हो गयी, तो ग्रामीणों ने विरोध तेज कर दिया. जलालपुर के ग्रामीणों का धरना गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा.
सड़क बनाना रेलवे का काम नहीं
उद्घाटन टलने पर रेल प्रशासन का अपना तर्क है. इस मुद्दे पर रेलवे की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान देने से परहेज कर रहा है. निर्माण शाखा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे का काम रोड बनाना नहीं है.
आम लोग सड़क व लेवल क्रॉसिंग बनाने की मांग कर रहे हैं. यह मामला राज्य सरकार से जुड़ा है. रेलवे राज्य सरकार को सहयोग करने को तैयार है. अगर राज्य सरकार को सड़क बनाने के लिए जमीन की जरूरत होगी, तो नियमानुसार उन्हें जमीन भी दी जायेगी.