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पीएमसीएच में सफाई व सुरक्षा नदारद, फिर भी खर्च हो रहा हर माह 60 लाख से अधिक

पीएमसीएच में सफाई व सुरक्षा नदारद, फिर भी खर्च हो रहा हर माह 60 लाख से अधिक मरीजों को नहीं मिलती ट्रॉली, शाम ढलते ही बढ़ जाता है मच्छरों का आतंकसंवाददाता, पटनासरकारी खाते से पीएमसीएच की सफाई व सुरक्षा के लिए 60 लाख खर्च किये जाते हैं. बावजूद इसके परिसर में गंदगी का अंबार लगा […]

पीएमसीएच में सफाई व सुरक्षा नदारद, फिर भी खर्च हो रहा हर माह 60 लाख से अधिक मरीजों को नहीं मिलती ट्रॉली, शाम ढलते ही बढ़ जाता है मच्छरों का आतंकसंवाददाता, पटनासरकारी खाते से पीएमसीएच की सफाई व सुरक्षा के लिए 60 लाख खर्च किये जाते हैं. बावजूद इसके परिसर में गंदगी का अंबार लगा है. अस्पताल को साफ -सुथरा रखने के लिए लाखों का टेंडर निकाल कर आउट सोर्सिंग किया गया है, लेकिन इसका कोई फायदा मरीजों को मिल है. अस्पताल में भरती मरीजों को परेशानी नहीं हो, लेकिन सच्चाई यही है कि वार्ड के पीछे कचरा का अंबार है. हेल्थ मैनेजरों के काम से संतुष्ट नहीं प्राचार्य, दी गयी मोहलतहाल के दिनों में पीएमसीएच की सफाई व सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है. नर्सों ने कई बार अस्पताल प्रशासन को लिखित शिकायत भी दी है कि रात में असामाजिक तत्व वार्ड में घूमते हैं. स्त्री विभाग में एक मरीज का मोबाइल भी गायब हो गया था. बिगड़ती व्यवस्था को लेकर अधीक्षक ने हेल्थ मैनेजरों के साथ बैठ कर 15 दिनों की मोहलत दी है, लेकिन स्थति में कोई सुध्धार नहीं हुआ है. ऐसे में सोमवार को प्राचार्य ने अब एजेंसी संचालकों को सुधरने का समय दिया है. रात होते ही बढ़ जाता मच्छरों का आतंक परिसर में फैली गंदगी के कारण मच्छरों का आतंक हर वार्ड में है. रात में मरीज के परिजन वार्ड में गुड नाइट लगाते हैं और परिजनों को बाहर सोना पड़ता है जिनको रात मच्छरों के साथ गुजारना पड़ता है. बावजूद इसके वार्ड के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. खाली जगहों पर पानी है और उस पानी को निकलने का रास्ता भी नहीं है, जिसके कारण महीनों से पानी वहीं मौजूद हैं.- सुरक्षा कर्मी (इंद्रप्रस्थ ) : रिटायर्ड आर्मी मैन हैं – सफाई कर्मी (निस्का, शिवानी, इंद्रप्रस्थ ) : लगभग 300 – सफाई पर खर्च प्रति माह : लगभग 28 लाख – सुरक्षा पर खर्च प्रति माह : लगभग 24 लाख 11 हजार – ट्रॉली सेवा पर प्रति माह खर्च (शिवानी व निस्का ) : लगभग 8 लाख कोट : हम अस्पताल की सफाई व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नहीं है. इतनी राशि खर्च होने के बाद भी परिसर गंदा रहे यह सही नहीं हैं. इसलिए परिसर को साफ रखने के लिए सभी हेल्थ मैनेजरों को जिम्मेवारी बांटी गयी है. अगर 15 दिनों के भीतर संतोषजनक स्थिति नहीं होगी , तो हम चयनित एजेंसी का टेंडर भी रद्द करेंगे और हेल्थ मैनेजर को भी स्पष्टीकरण देना होगा. पीएमसी प्रचार्य डॉ एस.एन.सिन्हा. \\\\\\\\B

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