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अब डग्रिी के लिए मिलेगा नर्धिारित समय!

अब डिग्री के लिए मिलेगा निर्धारित समय! डिग्री कब पूरी करनी है, इसके लिए समय-सीमा अब तक नहीं है तय यूजीसी ने भेजा है नियम में बदलाव का सुझावपटनाअगर सब कुछ सही रहा और यूनिवर्सिटी ने हामी भर दी तो स्टूडेंट्स को सही समय पर डिग्री पूरा करना होगा. देश भर में एजुकेशन सिस्टम को […]

अब डिग्री के लिए मिलेगा निर्धारित समय! डिग्री कब पूरी करनी है, इसके लिए समय-सीमा अब तक नहीं है तय यूजीसी ने भेजा है नियम में बदलाव का सुझावपटनाअगर सब कुछ सही रहा और यूनिवर्सिटी ने हामी भर दी तो स्टूडेंट्स को सही समय पर डिग्री पूरा करना होगा. देश भर में एजुकेशन सिस्टम को समान्य रूप से लाने के लिए यूजीसी ने अपने एक्सपर्ट कमेटी का सुझाव देश के सभी यूनिवर्सिटी को जारी किया है. यूजीसी ने यूनिवर्सिटी से कहा है कि स्टूडेंट्स को उसके कोर्स के लिए निर्धारित समय के अलावा केवल दो साल का अतिरिक्त मौका मिलेगा. असामान्य स्थिति में एक और साल की मोहलत दी जा सकती है, लेकिन यह मोहलत यूनिवर्सिटी प्रशासन पर निर्भर करेगा. यह नये प्रणाली ग्रेजुएशन और पीजी दोनों डिग्री के लिए मान्य होगी. हालांकि पहले डिग्री पूरा करने को लेकर पहले कोई समय-सीमा तय नहीं थी. नियम नहीं है समय मिलना चाहिए अधिक समय पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपित व साइंस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि यूजीसी द्वारा जारी सर्कुलर को मैने पढ़ा है. यह सर्कुलर सही नहीं है. स्टूडेंट्स को और भी समय मिलना चाहिए. पहले डिग्री हासिल करने के लिए कोई समय निर्धारित नहीं था. यूजीसी के लेटर में है कि स्टूडेंट्स को उसके कोर्स के लिए निर्धारित समय के अलावा केवल दो साल का अतिरिक्त मौका मिलेगा. असामान्य स्थिति में एक और साल की मोहलत दी जा सकती है. यूजीसी के इस नियम को दो साल को बढ़ा कर तीन साल करना चाहिए. इसके साथ असामान्य स्थिति में भी एक साल नहीं दो साल की मोहलत मिलनी चाहिए और इसका अधिकार कुलपति को न हो कर प्राचार्य के पास होना चाहिए. क्योंकि एक प्राचार्य ही स्टूडेंट्स की स्थिति को सही समझ सकता है. कुलपति स्टूडेंट्स को नहीं समझ पायेंगे कि स्टूडेंट्स को क्या परेशानी थी. सभी डिग्री के लिए समय निर्धारित है, इसमें असफल होने पर बैक लगता है. इसके बाद पुन: स्टूडेंट्स को अवसर दिया जाता है. यह सभी यूनिवर्सिटी में अलग-अलग है नियम है, लेकिन डिग्री कोर्स के लिए निर्धारित समय के बाद डिग्री पूरा करने का कोई तय समय नहीं था. इस पर विचार करना होगा. सही है फैसला बीडी कॉलेज के प्रो सुनित कुमार कहते है कि यूजीसी का यह फैसला बेहतर है. डिग्री के पूरा करने लिए निर्धारित समय के साथ भी एक तय समय-सीमा रहना चाहिए. हालांकि दो साल के बाजाय तीन साल करने पर यह बेहतर होगी. प्रो शशि शर्मा ने कहा कि असामान्य स्थिति में एक नहीं तीन साल की मोहलत दी जानी चाहिए. इसमें छात्राओं को काफी मदद मिलेगी और मोहलत देने की जिम्मेदारी संबंधिक विभाग व कॉलेज प्रशासन के पास होनी चाहिए. यूनिवर्सिटी के उपर है फैसला हालांकि यूजीसी के इस सर्कुलर का निर्धारण यूनिवर्सिटी की वैधानिक समिति करेगी. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) के अध्यक्ष वेद प्रकाश ने इस संबंध में देशभर के यूनिवर्सिटी को सर्कुलर जारी किया है. हालांकि, यूजीसी ने इसे केवल सुझाव ही बताया है. कुछ चंद लोगों के लिए नया नियम क्यों पीयू के स्टूडेंट्स यूजीसी के इस फैसले को गलत ठहराया है. छात्र तनवीर ने कहा कि अधिकांस स्टूडेंट्स डिग्री के तय समय में ही डिग्री को पूरा कर लेते है. इसका रिकॉर्ड यूजीसी पहले दे ले. करीब 5 प्रतिशत के लिए नये बदलाव करना सही नहीं है. और इस पांच प्रतिशत में भी कई लोग पढ़ाई छोड़ देते हैं. तो इस नियम का कोई फायदा भी नहीं है. वहीं चुन्नु सिंह कहते है कि समय निर्धारत नहीं करना चाहिए. इसकी कोई जरूरत नहीं है. इसके साथ अन्य स्टूडेंट्स यूजीसी के इस फैसले को गलत ठहरा रहे हैं.

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