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दो साल बाद 1400 पेजों में दायर की चार्जशीट
पटना : आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में तमाम अनुसंधान करने के बाद आरोपित पदाधिकारी के खिलाफ पहला आरोप पत्र कोर्ट में दायर कर दिया है. यह आरोप पत्र 1400 पृष्ठों का है, जिसे विशेष न्यायालय निगरानी-1 में दर्ज किया गया है. इसके तहत आरोपित भागलपुर के तत्कालीन जिला अवर […]
पटना : आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में तमाम अनुसंधान करने के बाद आरोपित पदाधिकारी के खिलाफ पहला आरोप पत्र कोर्ट में दायर कर दिया है. यह आरोप पत्र 1400 पृष्ठों का है, जिसे विशेष न्यायालय निगरानी-1 में दर्ज किया गया है.
इसके तहत आरोपित भागलपुर के तत्कालीन जिला अवर निबंधक मो. कमाल अशरफ समेत पांच अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम, 1988 की धारा 109, 13 (2), 13 (1)(इ) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इओयू ने फरवरी, 2013 में आय से अधिक संपत्ति मामले में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पहली छापेमारी की थी. जांच में पदाधिकारी के खिलाफ 2.72 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का मामला सामने आया है.
इतनी की संपत्ति हुई थी बरामद : छापेमारी के दौरान तत्कालीन जिला अवर निबंधक के पास से पटना में आलीशान मकान के अलावा दो फ्लैट तथा नोएडा में दो फ्लैट मिले थे. इसके अलावा पत्नी, पुत्र और पुत्री के नाम पर पटना में अलग-अलग स्थानों पर 15 फ्लैट के प्रमाण भी मिले. इसके पांच अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी के दौरान 28 लाख नगद, 2 किलो 100 ग्राम सोना और पांच किलो से ज्यादा चांदी बरामद किये गये थे. इतना ही नहीं, कई बैंक खातों में लाखों रुपये जमा मिले थे. इस कांड के अनुसंधान इओयू के अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल, अभियोजन पदाधिकारी महेश कुमार प्रसाद ने प्रमुख भूमिका निभायी थी.
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