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‘लालटेन’ की रोशनी में ढूंढ़ रहे हैं ‘जंगलराज’ : सुशील मोदी
टिप्पणी. सुशील मोदी ने नीतीश पर साधा निशाना पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में जंगलराज ढूंढ़ रहे हैं, वहीं अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पटना में एएसपी और उनके बाॅडीगार्ड पर गोलीबारी करने के एक पखवारे के भीतर ही रोहतास के एएसपी मो. […]
टिप्पणी. सुशील मोदी ने नीतीश पर साधा निशाना
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में जंगलराज ढूंढ़ रहे हैं, वहीं अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि पटना में एएसपी और उनके बाॅडीगार्ड पर गोलीबारी करने के एक पखवारे के भीतर ही रोहतास के एएसपी मो. सोहेल अहमद को भी अपना निशाना बना लिया.
मुख्यमंत्री के गृहजिला नालंदा के सिलाव में दिनदहाड़े एक महिला से दुष्कर्म हुआ और पांच घंटे तक पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने से आनाकानी करती रही. इसी दौरान पश्चिमी चंपारण के शिकारपुर थाने के एक गांव में एक नाबालिग विकलांग लड़की के साथ बलात्कार की घटना घटी. पिछले महीने नालंदा के ही नगरनौसा के थाना प्रभारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. नीतीश कुमार जी, यह जंगलराज नहीं तो और क्या है?
मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के सिलाव में अपने बच्चे का इलाज करा कर घर लौट रही महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटती है और महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज करने में पांच घंटे तक आनाकानी की जाती है. तीन दिन पहले 16 अक्तूबर को सारण जिला अंतर्गत मशरक की एक स्कूली छात्रा के साथ दिनदहाड़े गैंगरेप की घटना घटी. प्रतिदिन बलात्कार की औसतन तीन से चार घटनाएं घट रही हैं. 2005 में जहां बलात्कार की 974 घटनाएं घटी थी, वहीं 2013 में यह बढ़ कर 1128 हो गयी.
आजादी के बाद बिहार में किसी एक साल में घटी बलात्कार की यह सर्वाधिक घटना है. राजधानी पटना के हाई सेक्युरिटी जोन छज्जुबाग में 06 अक्तूबर को फुलवारीशरीफ के एएसपी राकेश कुमार और उनके बाडीगार्ड पर अपराधियों की गोलीबारी के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधी पाताल में भी होंगे तो ढूंढ निकाला जायेगा. एक पखवारे के बाद भी पुलिस को अपराधियों की कोई सुराग नहीं मिल पाई है. नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या यही उनका कानून का राज है? पटना, नालंदा से लेकर रोहतास तक जब पुलिस के आला अधिकारी ही सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा?
नीतीश कुमार जी, लालटेन की पेंदी के अंधेरा में भले ही आप बिहार में आए जंगलराज के भयावह चेहरे को नहीं देख नहीं पा रहे हैं, मगर बिहार की जनता इसकी आहट मात्र से ही डरी-सहमी हैं. लालू प्रसाद से हाथ मिलाने के साथ ही आपके कानून के राज के तमाम दावों की हवा निकल चुकी है. इस बार बिहार की जनता किसी भी कीमत पर जंगलराज को लौटने नहीं देगी.
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