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महिलाओं का रुझान महागंठबंधन की ओर : वशिष्ठ नारायण
दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. यह महिलाओं में जागरुकता को दिखाता है. इसके अलावा बिहार में 35 फीसदी युवा चुनाव में पहली बार भाग ले रहे हैं. महिलाओं की भागीदारी बढ़ने का प्रमुख कारण होता है समाज में कोई बड़ा बदलाव आना. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ […]
दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. यह महिलाओं में जागरुकता को दिखाता है. इसके अलावा बिहार में 35 फीसदी युवा चुनाव में पहली बार भाग ले रहे हैं. महिलाओं की भागीदारी बढ़ने का प्रमुख कारण होता है समाज में कोई बड़ा बदलाव आना. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में पंचायत में महिलाओं को आरक्षण देने के कारण मतदान प्रतिशत बढ़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया और वे चार-दिवारी से बाहर आकर मुख्यधारा में शामिल हो रही है.
महिलाएं भी चाहती हैं कि राज्य और समाज निर्माण में मुख्य भूमिका निभाएं. युवा मतदाता रोजगार और आकांक्षा के आधार पर बड़े पैमाने पर मतदान कर रहे हैं. युवा और महिलाओं की चुनाव में बढ़ती भागीदारी सामाजिक बदलाव के कारण दिख रही है. 2010 के चुनाव में भी महिलाओं ने बड़े पैमाने पर मतदान किया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये गये वादे को पूरा करने की ललक और भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराने के कारण यह भागीदारी बढ़ी है. मुख्यमंत्री ने सिर्फ गवर्नेंस पर ध्यान केंद्रित किया और लोगों को बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम किया. यह कारण है कि आज बिहार की महिलाएं रात को भी खुलेआम सड़कों पर घूम सकती हैं.
मुख्यमंत्री के प्रति भरोसे का ही परिणाम है कि महिलाएं और युवा मतदान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. भविष्य के लिए भी उन्होंने 7 सूत्री एजेंडा लोगों के सामने रखा है और लोग इस पर पूरा विश्वास कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर एनडीए गंठबंधन के पास मुख्यमंत्री जैसा कोई चेहरा नहीं है.
बिहार चुनाव में पूरा केंद्रीय मंत्रिमंडल प्रचार में लगा हुआ है. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भारत के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव प्रचार में इतनी रैली नहीं की जितनी नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.
यही नहीं किसी भी प्रधानमंत्री ने आज तक किसी मुख्यमंत्री के लिए ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया. प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार के डीएनए पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. भारत की पहचान उसकी विविधता रही है. समाज और धर्म के आधार पर वोट हासिल करने की कोशिश बिहार में सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बिहार में महागंठबंधन को सभी वर्ग और समाज का समर्थन हासिल है. भाजपा अपनी हार को देखते हुए गलतबयानी पर उतर गयी है.
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