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बड़ी गड़बड़ी, सर्वे बदली छापेमारी में
राजेश्वर नर्सिंग होम को आयकर की टीम ने चार-पांच घंटे तक जमकर खंगाला पटना : शहर के जाने-माने राजेश्वर नर्सिंग होम में बुधवार को आयकर विभाग की टीम सर्वे करने पहुंची थी, लेकिन जब फाइलों और कागजातों को खंगालना शुरू किया तो मामला काफी बड़ा मिला. इसके बाद आयकर की टीम ने इसे छापेमारी में […]
राजेश्वर नर्सिंग होम को आयकर की टीम ने चार-पांच घंटे तक जमकर खंगाला
पटना : शहर के जाने-माने राजेश्वर नर्सिंग होम में बुधवार को आयकर विभाग की टीम सर्वे करने पहुंची थी, लेकिन जब फाइलों और कागजातों को खंगालना शुरू किया तो मामला काफी बड़ा मिला. इसके बाद आयकर की टीम ने इसे छापेमारी में बदल दिया. इसका प्रमुख कारण टीडीएस सर्वे में एक सीमा से ज्यादा की गड़बड़ी या मामला मिलने पर इस सर्वे को सर्च (छापेमारी) में तब्दील कर दी जाती है.
राजेश्वर नर्सिंग होम में आयकर अधिकारियों ने सर्च का ही काम शुरू किया था, लेकिन जब फाइलें और कागजात निकलने लगी, तो मामला लाख से करोड़ में बदल गया. शुरुआती जांच में अब तक लगभग करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है. हालांकि अभी इसके कागजों की जांच चल ही रही है. जांच पूरी होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
जिन डॉक्टरों के बिल भुगतान में गड़बड़ी मिली है. उन्हें भी आयकर चोरी में सहयोगी माना जा सकता है. इस आधार पर आयकर विभाग इनसे भी पूछताछ कर सकती है. डॉक्टरों को मिलने वाले पेमेंट में उन्हें आयकर से जुड़ी बातों का ध्यान रखना दायित्व होता है. परंतु इसका ध्यान नहीं रखने के कारण आयकर विभाग इनसे भी कुछ मामलों पर पूछताछ कर सकता है. आयकर ने राजेश्वर नर्सिंग होम में विजिट करने वाले तमाम डॉक्टरों की सूची भी निकाली है.
मिली इस तरह की गड़बड़ी
राजेश्वर नर्सिंग होम में जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि डॉक्टरों समेत अन्य कर्मचारियों को जो पेमेंट किया जाता है, उसका टीडीएस नहीं काटा जाता है या इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जाती है. नर्सिंग होम में दो तरह के डॉक्टर विजिट करते हैं, एक प्रति महीने की सैलरी पर होते हैं और दूसरी प्रति विजिट के हिसाब से निर्धारित फीस लेते हैं.
दोनों मामलों में टीडीएस नहीं काटा जाता है. कुछ मामलों में टीडीएस काटा भी जाता है, तो वह आयकर विभाग को जमा नहीं किया जाता है. इन दोनों तरह के मामलों में पूरी तरह से कर चोरी का मामला साफतौर पर साबित होता है. इसके अलावा कई तरह के कांट्रैक्ट में भी टीडीएस काटा नहीं या काटा हुआ जमा नहीं किया गया. नर्सिंग होम में निर्माण का कार्य भी चल रहा है.
इस संबंध में भी आयकर जानकारी लेगा कि इसके लिए पैसा कहां से आ रहा है. मरीजों से लेने वाले बिल में भी टैक्स लेने में काफी गड़बड़ी मिली है. मरीजों से टैक्स के नाम पर पैसे लेने के बाद भी इसे समुचित तरीके से जमा नहीं किया जाता है.
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