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अब जनता मांगेगी जवाब, क्यों नहीं मिला पीने का पानी?

पटना: नगर निगम क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें बांकीपुर, कुम्हरार, पटना सिटी और दीघा शामिल है. इन विधानसभा क्षेत्रों में वर्षों से पीने के पानी का समस्या है, जो अब भी बरकरार है़ संकट को दूर करने के लिए वर्ष 2008 में भारत सरकार से 420 करोड़ राशि आवंटन की गयी, लेकिन आज […]

पटना: नगर निगम क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें बांकीपुर, कुम्हरार, पटना सिटी और दीघा शामिल है. इन विधानसभा क्षेत्रों में वर्षों से पीने के पानी का समस्या है, जो अब भी बरकरार है़ संकट को दूर करने के लिए वर्ष 2008 में भारत सरकार से 420 करोड़ राशि आवंटन की गयी, लेकिन आज तक निगम क्षेत्र की जल संकट की समस्या दूर नहीं की जा सकी है.इस बार वोट मांगने आए प्रत्याशियों से जनता पूछेगी कि अब तक क्यों नहीं पेयजल संकट दूर किया जा सका है.

चार वर्ष बाद 2012 में नगर आवास विकास विभाग ने पटना जलापूर्ति योजना बनायी और इसे पूरा करने की जिम्मेवारी बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) को दिया गया़ बुडको ने दो चरण से घर-घर पेयजल पहुंचाने की डीपीआर तैयार किया, जिस पर योजना का कॉस्ट 420 करोड़ से 537 करोड़ हो गया. योजना के बढ़े कॉस्ट के आधार पर बुडको ने वर्ष 2012 में ही एजेंसी भी चयनित किया. एजेंसी को अगले दो वर्ष में कार्य पूरा करना था, लेकिन एजेंसी ने कार्य नहीं किया.


24 घंटे सातों दिन पहुंचना था पीने का पानी
पटना जलापूर्ति योजना के तहत निगम क्षेत्र में 24 घंटे सातों दिन शुद्ध पेयजल घर-घर पहुंचना था. इसमें पटना को दो भागों में बांटा गया था. रेलवे लाइन के उत्तरी हिस्सों में गंगाजल और दक्षिणी हिस्सों में ग्राउंट वाटर पहुंचना था. गंगा जल को प्यूरिफाई करने के लिए दीघा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना था. 72 वार्डों में जल मीनार स्थापित करना था, जिससे गंगाजल व ग्रांउड वाटर घर-घर पहुंचाना था़

अब की जा रही खानापूर्ति
चयनित एजेंसी से दो वर्षों के बाद कार्य वापस लिया गया, तब तक एजेंसी जनता का सौ करोड़ रूपये खर्च कर चुका था. इस राशि खर्च का लाभ एक भी जनता को नहीं मिला और योजना बंद हो गयी. अब इस योजना की खानापूर्ति के लिए 12 स्थानों पर बीआरजेपी के माध्यम से नया बोरिंग लगाया जा रहा है, ताकि पेयजल संकट दूर किया जा सके. इस नये बोरिंग के लग जाने के बाद भी लोगों के घरों में पहुंचने वाला पीने का पानी गंदा ही पहुंचेगा, क्योंकि जलापूर्ति पाइप भी जर्जर हैं, क्योंकि इस जर्जर पाइन को बदलने की कोई योजना फिलहाल नहीं है.

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