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महागंठबंधन का हर प्रत्याशी मांग रहा सीएम के दो से चार कार्यक्रम

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार में अपनी ताकत झोंक दी है. सभी पार्टियों के प्रमुख नेता अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. महागंठबंधन हो या फिर एनडीए सभी अपने गंठबंधन के दलों के प्रत्याशियों के लिए भी वोट मांग रहे […]

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार में अपनी ताकत झोंक दी है. सभी पार्टियों के प्रमुख नेता अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. महागंठबंधन हो या फिर एनडीए सभी अपने गंठबंधन के दलों के प्रत्याशियों के लिए भी वोट मांग रहे हैं.
महागंठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के साथ-साथ राजद व कांग्रेस के लिए भी स्टार प्रचारक बने हुए हैं. तीनों दलों के प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री की दो से चार सभाएं करवाना चाह रहे हैं, लेकिन फिलहाल पहले चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है, वहां मुख्यमंत्री की एक-एक सभा हो रही है. पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में मुख्यंमत्री के प्रोग्राम की मांग कर दी है.
जदयू प्रत्याशी जहां जदयू कार्यालय में अपनी मांग रख रहे हैं, वहीं राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी अपने-अपने ऑफिस में. इसके बाद राजद व कांग्रेस के पार्टी ऑफिस से प्रचार के लिए सीएम नीतीश कुमार की मांग होने क्षेत्र में सभा करने की मांग की जाती है.
जदयू अपनी पार्टी के साथ-साथ राजद-कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा मांगे जा रहे प्रोग्राम को मुख्यमंत्री को भेज देता है. फिर क्षेत्र और रुट के आधार पर में मुख्यमंत्री प्रचार का कार्यक्रम तय करते है. इसी प्रकार कई जदयू के प्रत्याशी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सभाएं भी अपने क्षेत्र में करवाना चाहते हैं. इसके लिए भी वे आवेदन दे रहे हैं, जिसे राजद को दे दिया जा रहा है. इसके साथ-साथ तीनों ही दलों के अन्य स्टार प्रचारकों की भी सभाएं विधानसभा क्षेत्रों में हो रही है.
जिन प्रखंडों में मुख्यमंत्री की सभाएं हो गयी हैं, वहां उस दल के अन्य स्टार प्रचारकों व महागंठबंधन के अन्य नेताओं का प्रचार कार्यक्रम नहीं लग रहा है. उस विधानसभा क्षेत्र के दूसरे प्रखंडों में उनकी सभाएं हो रही है.
प्रत्याशी की क्षेत्र में स्थिति देख बढ़ाया जा सकता है कार्यक्रम
इधर, जदयू सूत्रों की माने तो जिन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के नेता की स्थिति कमजोर आंकी जा रही है वहां, मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की सभाएं एक से बढ़ा कर दो की जा सकती है. इसके साथ-साथ जदयू-राजद-कांग्रेस के नेताओं का संयुक्त सभाएं भी होगी, लेकिन अंतिम रूप से इसके कार्यक्रम फिलहाल तय नहीं हुए हैं.

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