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ओवैसी पर टिकी सबकी निगाहें
सीमांचल के चुनावी समर में इस बार सबकी निगाहें ओवैसी पर हैं. ओवैसी के निशाने पर राजग और महगंठबंधन दोनों हैं. चार अक्टूबर को वह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं. पूरे सीमांचल में चार जिले और 24 विधानसभा क्षेत्र हैं. महागंठबंधन ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं. लेकिन, […]
सीमांचल के चुनावी समर में इस बार सबकी निगाहें ओवैसी पर हैं. ओवैसी के निशाने पर राजग और महगंठबंधन दोनों हैं. चार अक्टूबर को वह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं. पूरे सीमांचल में चार जिले और 24 विधानसभा क्षेत्र हैं. महागंठबंधन ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं.
लेकिन, राजग ने अभी कुछ सीटों पर वेट एंड वाच की रणनीति बनायी है.पप्पू यादव की पार्टी और एनसीपी ने भी इस इलाके में अपनी गतिशीलता तेज कर दी है. एनसीपी के तारिक अनवर कटिहार से सांसद हैं. इसलिए इन दोनों पार्टियों का भी अच्छा वोट बैंक है.
पटना : ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए- मुहातिदुल मुसलमीन (एमआइएम) ने सीमाचंल की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर एनडीए और महागंठबंधन को चिंता में डाल दिया है.
सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया की 24 विधानसभा सीटों पर ओवैसी की पार्टी का पहली बार आगमन की सूचना से ही भाजपा नीत एनडीए और महागंठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर आरंभ हो गया है. ओवैसी की एमआइएम, भाजपा और महागंठबंधन दोनों को अपने निशाने पर ले रखी है. जहां भाजपा को सांप्रदायिक बता कर उसे किनारा करने का नारा दिया जा रहा. वहीं, महागंठबंधन को नकली सेक्यूलर बता कर अल्पसंख्यक मतदाताओं को गोलबंद करने की तैयारी है.
आक्रामक भाषण और तीखे तेवर से युवा वोटरों को आकर्षित करने वाले ओवैसी इस बार बिहार में अल्पसंख्यक मतों के सबसे बड़े दावेदार हुए तो इससे गैर भाजपा दलों की राजनीति पर असर पड़ेगा.
ओवैसी ने राजद से 2010 में कोचाधामन से विधायक रहे अख्तारूल इमाम को प्रदेश की कमान सौंपी है. ओवैसी खुद सीमांचल का दौरा कर चुके हैं. चार अक्तूबर को ओवैसी के भाई अकबरूददीन ओवैसी की कोचाधामन में पंचायत बुलायी गयी है. इमाम के नेतृत्व में सीमांचल के चारों जिले में ओवैसी के भाई की सभा की तैयारी की जा रही है.
उनकी पार्टी के फोकस में कौन हैं के सवाल पर इमाम बताते हैं कि युवा और महिलाएं साथ में बुजुर्ग भी. इमाम समस्याएं गिनाते हैं. चारों जिले में बिहार की 10 फीसदी आबादी रहती है. बावजूद इसके चारों जिलों में एक विश्वविद्यालय नहीं है. एक सरकारी मेडिकल कालेज और इंजीनियरिंग कालेज नहीं है. अस्पताल और शिक्षा का सवाल अलग है.
ओवैसी की पार्टी लोगों को यह बताने में लगी है कि आजादी के बाद सिर्फ पटना, नालंदा और गया में ही विकास क्यों हो रहा है. विकास का हवाला देते हुए पहली बार बिहार में अपने पांव फैलाने को आतुर एमआइएम ने अधिक से अधिक युवा नेताओं को टिकट देने की तैयारी कर
रखी है. चार अक्तूबर को जब अकबरूददीन किशनगंज आयेंगे तो कितनी सीटो पर उनके दल के उम्मीदवार होंगे इसका खुलासा
किया जायेगा.
सीमांचल के चारों जिलों में राकांपा, समाजवादी पार्टी और पप्पु यादव की पार्टी भी मुस्तैदी से खड़ी दिख रही है. राकांपा के तारिक अनवर इलाके में मुसलिम चेहरा हैं. उनकी पार्टी ने 2010 के विधानसभा चुनाव में कटिहार जिले के चार सीट कदवा, प्राणपुर, मनिहारी और बरारी पर दूसरे स्थान पर रही थी. इस बार पार्टी ने जिले पांच सीटों पर अपने उम्मीवार उतारे हैं.
कटिहार से राम प्रकाश महतो, कदवा से हिमराज सिंह, बरारी से मो. शकूर, प्राणपुर से इशरत परवीन और मनिहारी से गीता किस्कू को प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी ने वायसी, फारबिसगंज और अररिया से अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इससे सीमांचल में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं.
किस गंठबंधन की क्या है यहां तसवीर
विस क्षेत्र महागंठबंधन राजग जीत सेकेंड
नरपतगंज अनिल कुमार यादव (राजद) जर्नादन यादव (भाजपा) भाजपा राजद
रानीगंज ए ऋषिदेव (जदयू) रामजी ऋषिदेव (भाजपा) भाजपा राजद
फारबिसगंज कृत्यानंद बिस्वास (राजद) मंचन केसरी (भाजपा) भाजपा लोजपा
अररिया अबिदुर रहमान (कांग्रेस) प्रत्याशी घोषित नहीं लोजपा भाजपा
जोकीहाट सरफराज आलम (जदयू) जेबा खातून (हम) जदयू निर्दल
सिकटी शत्रुघन मंडल (जदयू) विजय मंडल (भाजपा) भाजपा लोजपा
बहादुरगंज तौसिफ आलम (कांग्रेस) अवध बिहारी सिंह (भाजपा) कांग्रेस जदयू
ठाकुरगंज नौशाद आलम (जदयू) प्रत्याशी घोषित नहीं लोजपा जदयू
किशनगंज डा. मो जावेद (कांग्रेस) स्वीटी सिंह (भाजपा) कांग्रेस भाजपा
कोचाधामन मो. मुजाहिद आलम (जदयू) अब्दुल रहमान (भाजपा) राजद जदयू
कटिहार विजय सिंह (जदयू) तारकिशोर प्रसाद (भाजपा) भाजपा राजद
कदवा शकील अहमद खान (कांग्रेस) चंद्र भूषण ठाकुर (भाजपा) भाजपा एनसीपी
बलरामपुर दुलाल चंद गोस्वामी (जदयू) प्रत्याशी घोषित नहीं निर्दलीय माले
प्राणपुर मो. तारिक आलम (कांग्रेस) विनोद सिंह (भाजपा) भाजपा एनसीपी
मनिहारी मनोहर प्र सिंह (कांग्रेस) प्रत्याशी घोषित नहीं जदयू एनसीपी
बरारी निरज कुमार (राजद) विभाष चंद्र चौधरी (भाजपा) भाजपा एनसीपी
कोढ़ा पूनम पासवान (कांग्रेस) महेश पासवान (भाजपा) भाजपा कांग्रेस
भूल सुधार : एक अक्तूबर के अंक में हिसुआ विस क्षेत्र के 2010 के परिणाम में कुछ त्रुटि थी. सही यह है – अनिल सिंह – 43110 वोट, अनिल मेहता – 39132 वोट.
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