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संघीय ढांचे को भाजपा ने कर दिया खत्म : सीएम

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर ‘सहकारी संघवाद व केंद्र-राज्यों के संबंधों पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन’ में नहीं आ पाने के लिए खेद जताया है. उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण वे बैठक में शामिल नहीं हो सके. इस विषय […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर ‘सहकारी संघवाद व केंद्र-राज्यों के संबंधों पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन’ में नहीं आ पाने के लिए खेद जताया है. उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण वे बैठक में शामिल नहीं हो सके. इस विषय पर केंद्र में बैठी सरकार संघवाद के बिल्कुल प्रतिकूल है.
भाजपा की केंद्रीय सरकार ने संघीय ढांचे को खत्म कर दिया है. नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल जो मुख्यमंत्रियों द्वारा अपनी बात रखने या शिकायत कर्ज करने का एक मात्र मंत्र था उसे भी लगभग बंद कर दिया गया है. इस सरकार के आने के बाद केंद्र और राज्यों के रिश्ते में समस्या बढ़ती जा रही है और केंद्र सरकार मनमाने तरीके से एकपक्षीय निर्णय ले रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे इन्हें किसी की परवान ही नहीं और केंद्र के मंत्री मनमानी कर सकते हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था. आज तक कुछ भी नहीं हुआ. प्रधानमंत्री बिहार में चुनाव के दौरान आकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो कर रहे हैं मगर बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों की समस्याओं को देख भी नहीं रहे हैं. कॉपरेटिव फेडरलिज्म की भावना के विपरित कई महत्वपूर्ण केंद्रीय योजनाओं में केंद्र सरकार अपनी हिस्सेदारी कम कर राज्यों पर वित्तीय बोझ डाल रहा है. इस तरह के कई एकतरफा निर्णय लेकर केंद्र ने संघीय ढांचे को कुचल दिया है.
केंद्रीय योजनाओं में राज्यों की नहीं चलती. इन्हें राज्यों को दे देना चाहिए. आखिर राज्य ही तो उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करती है. राज्यों पर हो रहे फैसले में राज्यों के मुखिया को विश्वास में लिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा है और लगातार बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं.
अधिकारियों के तबादले से लेकर छोटे-छोटे मसले पर राज्य की चुनी सरकार को फैसला नहीं लेने दिया जा रहा. ये तो जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के साथ ज्यादती है, जनता का अपमान है. उन्होंने कहा कि बिहार के चुनाव के बाद सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने के लिए राज्यों को साथ मिल कर संघर्ष करना पड़ेगा. ऐसा कैसे हो सकता है कि कुछ राज्यों के साथ गलत हो और राज्य की बात सुनने वाला कोई नहीं हो. इस विषय पर सार्थक चर्चा आवश्यक है.

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