21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पासवान के दामाद को रोना क्यों आया?

टिकट कटने के पीछे जिम्मेवार कौन? टिकट काटे जाने के पीछे लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान सीधे रूप से जिम्मेदार हैं. दलित सेना के बैनर तले हमने जमीनी स्तर पर पार्टी को काफी मजबूत करने का काम किया. हमारी उपलब्धि व जनता के बीच हमारी पकड़ को देखते हुए ईर्ष्यावश चिराग ने मेरा […]

टिकट कटने के पीछे जिम्मेवार कौन?
टिकट काटे जाने के पीछे लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान सीधे रूप से जिम्मेदार हैं. दलित सेना के बैनर तले हमने जमीनी स्तर पर पार्टी को काफी मजबूत करने का काम किया. हमारी उपलब्धि व जनता के बीच हमारी पकड़ को देखते हुए ईर्ष्यावश चिराग ने मेरा टिकट काट दिया. हम दामाद की हैसियत से नहीं, बल्कि कार्यकर्ता की हैसियत से टिकट की डिमांड कर रहे थे.
पिछली बार नीतीश लहर होने के बावजूद हमने मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के लिए सबसे अधिक 53 हजार वोट प्राप्त किये थे.
टिकट कटने पर इतना सदमा क्यों ?
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने हमारी लगन और मेहनत को देखते हुए टिकट देने का वायदा किया था. उन्होंने कहा था कि सीट आप खुद चुन लीजिए, जहां से जीत पक्की हो सके. जातीय समीकरण के अनुसार हमने सबसे पहले कुंटुबा (औरंगाबाद) की सीट चुनी. दलित सेना के बैनर तले वहां चार-पांच सभाएं भी की, जिसमें काफी रिस्पांस मिला. मगर गठबंधन के तहत वह सीट हम पार्टी को दे दी गयी. उसके बाद हमने सोनवर्षा को चुना तो वहां पर पासवान जी के भगीन पतोहु को टिकट दे दिया गया. फिर एक दिन चिराग के सांसद प्रतिनिधि जीवन सिंह ने बताया कि आपको सिकंदरा से लड़ाना चाहते हैं, मगर वहां भी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. बार-बार आश्वासन के बावजूद टिकट नहीं मिलने से सदमा लगा है.
संसदीय बोर्ड की बैठक में क्या हुआ?
दलित सेना का प्रदेश अध्यक्ष व बेगूसराय जिला प्रभारी होने के साथ ही पार्टी के संसदीय बोर्ड का सदस्य भी हूं. मगर हमसे कोई राय ही नहीं ली गयी. रामविलास पासवान कहते हैं कि दलित सेना पार्टी की रीढ़ है, मां है. लेकिन टिकट देने के समय उसके सेनापति से राय लेने लायक भी नहीं समझा गया. यहां तक की संसदीय बोर्ड की कोई बैठक ही नहीं हुई. सिर्फ कोरम पूरा कर लिया गया.
टिकट कटने के बाद किसी ने संपर्क किया
टिकट कटने के बाद भी किसी ने अब तक संपर्क नहीं किया है. सूरजभान की सांसद पत्नी वीणा देवी नाराज हुईं तो उनको मनाने चिराग प्लेन से आये. सांसद रामा सिंह नाराज हुए तो उनको मनाने रामविलास जी आये. लेकिन कार्यकर्ता रूठ गया तो किसी ने मनाने की जरूरत तक नहीं समझी. क्या पार्टी अब सिर्फ बाहुबलियों की हो गयी है?
चिराग ने इसे पारिवारिक झगड़ा कहा
परिवार का झगड़ा तो तब होता, जब हमारी पत्नी हिस्सा के लिए दावेदारी ठोकती या कोई मांग करती. यह राजनीतिक झगड़ा है, कार्यकर्ताओं के लिए. उनकी चुप्पी देख कर क्या समझूं कि मैं दूसरे दल में जाने को स्वतंत्र हूं? आज भी पूरे बिहार से दलित सेना के कार्यकर्ता फोन कर मुझसे आगे का दिशा-निर्देश पूछ रहे हैं.
अब भविष्य की योजना क्या होगी?
आज भर इंतजार करेंगे. उम्मीद है कि रामविलास जी आकर मिलेंगे तो उनके सामने अपनी और कार्यकर्ताओं की भावना को रखूंगा. अगर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ तो कार्यकर्ताओं व जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर निर्णय लेंगे. अनदेखी पर निर्णय लेने को स्वतंत्र हूं. दूसरे दलों ने भी संपर्क किया है और उनसे बातचीत चल रही है.
तसवीर सरोज के फोल्डर में है
दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु अब तक टिकट कटने के गम से उबर नहीं पाये हैं. टिकट कटने की पीड़ा में रोने की वजह से चार दिन बाद भी उनका गला रूंधा हुआ है. आग्रह करने पर सहर्ष बातचीत के लिए तैयार हो गये. लेकिन टिकट कटने की बात पर ही पीड़ा फिर उभर कर सामने आ गयी. रामविलास पासवान को अभिभावक बताते हुए उन्होंने टिकट कटने के लिए सीधे तौर पर अपने साले और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान को जिम्मेवार ठहराया.
उनकी पीड़ा इस बात को लेकर भी है कि मीडिया के माध्यम से उनको टिकट कटने की जानकारी मिली. उनका कहना है कि अगर किसी तरह की समस्या थी तो उनसे बातचीत की जा सकती थी. अंधेरे में क्यों रखा गया. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से अभी एक्शन नहीं हुआ. हां, रिएक्शन जरूर हुआ है जो लाजिमी है. जो भी बातें हमने पूर्व में कही थी, वो हमारा अहसास था, पर लोगों ने अल्फाज पकड़ लिया और उसी को लेकर बैठ गये.
बीते चार दिनों में न तो रामविलास पासवान और न ही चिराग पासवान ने उनसे बातचीत की है. लेकिन फिर भी उनको उम्मीद है कि शायद रामविलास उनके दर्द को समझेंगे. अनिल ने साफ कहा कि अगर उनके व उनके कार्यकर्ताओं के दर्द को समझा नहीं गया तो वह निर्णय लेने को स्वतंत्र होंगे. पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश…

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें